Lucknow: उत्तर प्रदेश में गाड़ियां खरीदना अब जेब पर भारी पड़ने वाला है। राज्य सरकार ने दोपहिया और चारपहिया वाहनों पर रोड टैक्स में एक फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है। नतीजतन, एक लाख रुपये की कीमत वाला दोपहिया वाहन अब 1,000 रुपये महंगा हो जाएगा, जबकि 10 लाख तक की चारपहिया गाड़ी के लिए 10,000 रुपये अतिरिक्त चुकाने होंगे। यह बदलाव मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में पारित हुए परिवहन विभाग के प्रस्ताव के बाद लागू होगा।
परिवहन विभाग ने अपनी आय बढ़ाने और कर ढांचे को दुरुस्त करने के लिए यह कदम उठाया है। इसके तहत 1997 के मोटरयान कराधान अधिनियम के तहत पुराने नियमों को हटाकर नई व्यवस्था लाई गई है, जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। अब नई नीति लागू होते ही वाहनों की कीमतों में इजाफा होगा। पहले 10 लाख से कम कीमत की नॉन-एसी गाड़ियों पर 7% टैक्स था, जो अब 8% हो गया है। इसी तरह, 10 लाख से कम कीमत की एसी गाड़ियों पर टैक्स 8% से बढ़कर 9%, और 10 लाख से ऊपर की गाड़ियों पर 10% की जगह 11% हो गया है। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि यह बढ़ोतरी 10 साल बाद हुई है और पड़ोसी राज्यों जैसे महाराष्ट्र व राजस्थान की तुलना में यूपी में टैक्स अभी भी कम है।
40,000 से ज्यादा कीमत पर प्रभाव
40,000 रुपये से कम कीमत वाले दोपहिया वाहनों पर टैक्स पुराने 7% पर ही रहेगा, लेकिन इससे महंगे दोपहिया वाहनों पर अब 1% ज्यादा टैक्स देना होगा।
भारी वाहनों को आसानी
7.50 टन से अधिक वजन वाले मालवाहक वाहनों के लिए टैक्स जमा करने की प्रक्रिया आसान की गई है। अब हर तिमाही की जगह खरीद के समय ही पूरा टैक्स जमा करना होगा, हालांकि दरें वही रहेंगी। जिससे बार-बार दफ्तरों के चक्कर काटने की परेशानी खत्म होगी।
कितना होगा फायदा
इस टैक्स वृद्धि से परिवहन विभाग को हर साल 412 से 415 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई होगी। इलेक्ट्रिक वाहनों पर छूट की वजह से विभाग को करीब 1,000 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है, जिसे इस कदम से कुछ हद तक पूरा करने की कोशिश है।
प्रदेश में वाहनों का हाल
यूपी में अभी 4.82 करोड़ गाड़ियां हैं और हर साल करीब 30-32 लाख नई गाड़ियां सड़कों पर आती हैं। चालान और जुर्माने से विभाग को सालाना 165.74 करोड़ रुपये मिलते हैं।