Friday 27th of December 2024

महाकुम्भ में प्रयागराज से वाराणसी के बीच 130 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेनें

Reported by: PTC News उत्तर प्रदेश Desk  |  Edited by: Md Saif  |  December 05th 2024 05:20 PM  |  Updated: December 05th 2024 05:20 PM

महाकुम्भ में प्रयागराज से वाराणसी के बीच 130 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेनें

ब्यूरो: Maha Kumbh 2025: महाकुंभ के पहले भारतीय रेलवे ने सनातन संस्कृति के दो महत्वपूर्ण केंद्र प्रयागराज और वाराणसी के बीच की यात्रा को और अधिक तेज और सुगम बनाने का महत्वपूर्ण कार्य पूरा कर लिया है। डबल इंजन सरकार के मार्गदर्शन और प्रेरणा से प्रयागराज और वाराणसी के बीच के ट्रैक दोहरीकरण का कार्य अंतिम चरण में है। इस कार्य की महत्वपूर्ण कड़ी गंगा रेल ब्रिज का निर्माण कार्य भी पूरा हो चुका है। महाकुंभ के दौरान इस ट्रैक से ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाएगा। ट्रैक दोहरीकरण के बाद प्रयागराज से वाराणसी के बीच ट्रेनों के परिचालन की औसत गति 100 से 130 किलोमीटर प्रति घंटा हो जाएगी। 08 दिसंबर को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के निरीक्षण के बाद प्रधानमंत्री अपनी यात्रा के दौरान इस परियोजना का शुभारंभ करेंगे।   

प्रधानमंत्री मोदी करेंगे उद्घाटन   

महाकुंभ 2025 को दिव्य, भव्य, सुरक्षित और सुगम बनाने में केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकार कोई कसर बाकी नहीं रखना चाहती। महाकुंभ 2025 में देश के कोने-कोने से लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं के प्रयागराज आने का अनुमान है। ऐसे में भारतीय रेलवे की भी महाकुंभ 2025 को लेकर तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रही हैं। इसी दिशा में रेलवे ने वाराणसी-प्रयागराज रेल लाइन दोहरीकरण और गंगा रेल ब्रिज का काम पूरा कर लिया है। इस परियोजना का निरीक्षण कार्य ट्रॉली ट्रायल रन के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव स्वयं 08 दिसंबर को करेंगे। 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने प्रयागराज दौरे पर महाकुंभ के निर्माण कार्यों के निरीक्षण और उद्घाटन के साथ इस परियोजना का शुभारंभ भी करेंगे। प्रयागराज और वाराणसी के बीच रेल ट्रैक के दोहरीकरण हो जाने से इस रूट पर अब ट्रेनें 100 से 130 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल सकेंगी। वंदे भारत जैसी अत्याधुनिक ट्रेन से प्रयागराज से वाराणसी के बीच की दूरी को एक से सवा घंटे में पूरा किया जा सकेगा। 

   

गंगा रेल ब्रिज, सीएमपी रेल ओवर ब्रिज और झूंसी-रामबाग डबल ट्रैक बनकर तैयार  

गंगा रेल ब्रिज और प्रयागराज-वाराणसी रेल ट्रैक दोहरीकरण का कार्य भारतीय रेलवे के संगठन आरवीएनएल ने किया है। प्रोजेक्ट के बारे में बताते हुए आरवीएनएल के जीएम विनय अग्रवाल ने कहा कि इस ब्रिज के निर्माण का प्रस्ताव 2003 में रखा गया था। लेकिन राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी और जमीन अधिग्रहण में समस्या होने के कारण इसका निर्माण कार्य रुका रहा। लेकिन डबल इंजन की सरकार के प्रयासों से गंगा ब्रिज का निर्माण कार्य 2019 में शुरू हुआ और महाकुंभ के पहले इससे ट्रेनों की आवाजाही शुरू हो जाएगी। गंगा रेल ब्रिज प्रयागराज के दारागंज को झूंसी से जोड़ने का कार्य करता है, जो कि पुराने हो चुके आईजेट ब्रिज की जगह लेगा। साथ ही इस क्रम में प्रयागराज में सीएमपी डिग्री कॉलेज के पास रेल ओवर ब्रिज और झूंसी से रामबाग के बीच भी ट्रैक दोहरीकरण कर इस रेल लाइन से जोड़ दिया गया है। इस ट्रैक से प्रति दिन लगभग 200 ट्रेनें गुजरती हैं। इस ट्रैक के माध्यम से अब दिल्ली-कोलकाता, हावड़ा और प्रयागराज-कोलकाता, प्रयागराज-गोरखपुर और प्रयागराज-पटना के मध्य ट्रेनों की रफ्तार को गति मिलेगी।

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