Sunday 23rd of March 2025

प्रयागवासियों की ठाठ, चमक रहा तीरथराज; हो रही है बदलाव की सुखद अनुभूति

Reported by: PTC News उत्तर प्रदेश Desk  |  Edited by: Md Saif  |  March 22nd 2025 04:35 PM  |  Updated: March 22nd 2025 04:35 PM

प्रयागवासियों की ठाठ, चमक रहा तीरथराज; हो रही है बदलाव की सुखद अनुभूति

ब्यूरो: Prayagraj: अब अपने नामानुरूप तीरथराज प्रयाग चमक रहा है। प्रयागराज महाकुंभ की दिव्यता और भव्यता से प्रयागवासियों की ठाठ हो गई है। प्रयागराज के निखरने, संवरने, चमकने की चर्चा खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तमाम मंचों पर कर रहे हैं। प्रयागवासी भी यही मान रहे हैं कि उनकी धरा का कायाकल्प हो गया है। खासकर जिसने दशकों तक प्रयाग को जिया है, उसे जी भर के देखा है। उनका कहना है कि वाकई इलाहाबाद से प्रयागराज का बदलाव बेहद सुंदर रहा।

 

कुंभ से महाकुंभ के दौरान हो गया प्रयाग का कायाकल्प: ब्रिगेडियर आनंद  

रिटायर्ड ब्रिगेडियर आनंद तिवारी। मूल रूप से बलिया (रसड़ा/भेलाई) से हैं। वह यहीं यूनिवर्सिटी में पढ़े-लिखे हैं। प्रयाग के राजरूपपुर में पैतृक निवास भी है। उनका कहना है कि कुंभ और महाकुंभ के दौरान प्रयाग का कायाकल्प हो गया। पहले यहां तीन पुल थे नैनी, झूंसी और फाफामऊ। एक भी ओवरब्रिज नहीं था। अब तो कई ओवरब्रिज हैं। हवाई अड्डे तक मय फ्लाईओवर चकाचक फोरलेन की सड़क बन गई है। कभी उपेक्षित सा सूबेदारगंज रेलवे स्टेशन विस्तारीकरण और सुंदरीकरण के बाद एक नए स्टेशन के विकल्प के रूप में उभरा है। यही स्थिति फाफामऊ और झूंसी स्टेशन की भी है। संगम में कैबिनेट की बैठक के दौरान गंगा यमुना पर एक-एक और पुल मंजूर हुए। गंगा एक्सप्रेसवे के विस्तार के क्रम में प्रयाग सोनभद्र तक 320 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे की भी मंजूरी मिली। इसमें करीब 22400 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी में हुए और हो रहे इन सुधारों का प्रयागराज, यहां आने वाले पर्यटकों और यहां के लोगों को हर लिहाज से दूरगामी लाभ होगा।

 

विकास कार्यों की लंबी फेहरिस्त: अखिलेश  

अखिलेश तिवारी यहीं इलाहाबाद विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं। उनका कहना है कि यहां के विकास कार्यों की फेहरिस्त लंबी और अकल्पनीय है। कुंभ से महाकुंभ के दौरान जितने कार्य हुए, उससे प्रयाग का कायाकल्प हो गया। महाकुंभ के दौरान हुई प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक में ही बहुत कुछ मिला है। 2019 के कुंभ और 2025 के महाकुंभ के दौरान तो प्रयागराज का कायाकल्प ही हो गया। यह सिलसिला अब भी जारी है। हाल ही में स्थायी कला ग्राम बनाने की घोषणा हुई। अपने तरह की यह इकलौती पहल है। राष्ट्रीय रोपवे परियोजना के तहत 230 करोड़ रुपये की लागत से रोपवे निर्माण, त्रिवेणी पुष्प के पास थीम पार्क इसके प्रमाण हैं। बुनियादी संरचना और सुंदरीकरण के कामों की तो कोई गिनती ही नहीं। मसलन, रसूलाबाद से नागवासुकी मंदिर, किला और गंगा नदी के किनारे स्थायी सड़क का निर्माण, बकुआ घाट से यमुना बैंक रोड को जोड़ना। छह प्रमुख स्थलों का तो कायाकल्प ही हो गया। इसमें बड़े हनुमान मंदिर, अक्षयवट, पाताल कूप, भारद्वाज आश्रम एवं पार्क, नागवासुकी मंदिर और वेणी माधव मंदिर शामिल हैं। इसके अलावा अन्य मंदिरों का भी सुंदरीकरण हुआ है। सारे प्रमुख मार्गों एवं उन पर पड़ने वाले चौराहों के चौड़ीकरण, सुंदरीकरण और लाइटिंग के नाते अब अपना प्रयागराज अलग ही दिखता है।  

सुंदरीकरण और पैदल पथ बनने के बाद चंद्रशेखर आजाद से जुड़ा कंपनी बाग अब और अच्छा लगने लगा है।

 

इलेक्ट्रिक बसों के नाते शोर और प्रदूषण घटा  

पब्लिक ट्रांसपोर्ट में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ने से शोर और प्रदूषण दोनों में कमी आई है। जाम के झाम से मुक्ति दिलाने के लिए पहले से मौजूद रेलवे अंडरपासेज की चौड़ाई जरूरत के अनुसार तीन से चार गुना बढ़ा दी गई। इसी मकसद से सोहबतिया बाग फ्लाईओवर का दोहरीकरण हुआ। हाशिमपुर चौराहे से बक्शी बांध तक नया ओवरब्रिज बना। आईईआरटी से सलोरी चौराहे तक बने ओवरब्रिज से इस क्षेत्र के लोगों का आवागमन सुलभ हो गया। शांतिपुरम मुख्य मार्ग को हाजीगंज सोरांव, चौफटका से कालिंदीपुरम और एयरपोर्ट को जोड़ने वाली सड़क का सुदृढ़ीकरण और चौड़ीकरण हुआ। बेगम बाजार में ओवरब्रिज बना। वाराणसी और प्रयागराज की कनेक्टिविटी बेहतर करने के लिए जगतपुर रेलवे क्रासिंग पर बने ओवरब्रिज से प्रयाग और वाराणसी की कनेक्टिविटी बेहतर हुई।

 

पिकनिक स्पॉट बने स्थायी घाट  

पहले प्रयागराज में कुछ चुनिंदा पक्के घाट थे। अब कई हैं। पुराने घाटों का सुंदरीकरण के साथ दशाश्वमेध, किला, सरस्वती अरैल, बलुआ, यमुना बैंक रोड और रसूलाबाद में स्थायी घाटों का निर्माण हुआ। ये घाट न केवल पर्यटकों को लुभाते हैं बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी पिकनिक स्पॉट बन गए हैं। रसूलाबाद से नागवासुकी मंदिर और किले से लेकर गंगा नदी के किनारे और बलुआ घाट से यमुना बैंक तक स्थायी सड़क का निर्माण भी प्रयाग की खूबसूरती में चार चांद लगा रहा है।

 

चौराहों का कायाकल्प और दीवारों पर इतिहास  

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र रहे गिरीश पांडेय कहते हैं, कुंभ से महाकुंभ के दौरान प्रयागराज हुए कार्यों को आप कमाल भी कह सकते हैं। प्रयाग के सभी चौराहों का लुक बदल चुका है। सब पर ऐतिहासिक एवं धार्मिक मूर्तियां लगी हैं। प्रमुख मार्गों की दीवारों पर पेंटिंग्स अपनी सम्पन्न संस्कृति, परंपरा और इतिहास का दीदार कराती हैं। सघन पौधरोपण के जरिये हरियाली बढ़ाने का संभव प्रयास भी जारी है।

 

कॉरिडोर बनने से बढ़ गई प्रमुख मंदिरों एवं प्रमुख स्थानों की भव्यता  

यूं तो प्रयागराज के लगभग सभी मंदिरों और मठों में जरूरत के अनुसार सुंदरीकरण के काम हुए हैं, पर प्रमुख मंदिरों को कॉरिडोर बनाकर उनकी भव्यता को योगी सरकार ने और बढ़ा दिया। इसमें संगम क्षेत्र में स्थित बड़े हनुमान जी का मंदिर, किले पर स्थित अक्षयवट, पाताल कूप और भारद्वाज आश्रम कॉरिडोर प्रमुख हैं।

Latest News

PTC NETWORK
© 2025 PTC News Uttar Pradesh. All Rights Reserved.
Powered by PTC Network