Monday 20th of January 2025

Milkipur By Election 2025: मिल्कीपुर उपचुनाव: बीजेपी की प्रतिष्ठा दांव पर!

Reported by: Gyanendra Kumar Shukla  |  Edited by: Md Saif  |  January 20th 2025 12:29 PM  |  Updated: January 20th 2025 12:29 PM

Milkipur By Election 2025: मिल्कीपुर उपचुनाव: बीजेपी की प्रतिष्ठा दांव पर!

ब्यूरो: Milkipur By Election 2025: यूपी का एक उपचुनाव के नतीजे भले ही विधानसभा के संख्या बल के लिहाज से कोई मायने न रखते हों लेकिन इनसे निकले संदेश न सिर्फ बेहद अहम होंगे बल्कि भविष्य की चुनावी चुनौतियों पर भी मनोवैज्ञानिक असर डालने वाले होंगे। ये उपचुनाव है सूबे की धर्मनगरी अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट के। सपा विधायक अवधेश प्रसाद के सांसद बनने के बाद रिक्त हुई इस सीट पर चुनावी जंग तीखी हो चुकी है। अपनी सीट को बरकरार रखने के लिए जहां समाजवादी पार्टी भरपूर मशक्कत कर रही है वहीं इस सीट पर काबिज होने के लिए बीजेपी खेमा हर मुमकिन कोशिश कर रहा है।

  

आम चुनाव में मिली शिकस्त से उबरने के लिए बीजेपी खेमे की निगाहें लगीं मिल्कीपुर पर

पिछले साल लोकसभा चुनाव के नतीजों ने यूपी में बीजेपी खेमा को खासा मायूस किया था। तमाम सीटों के हाथ से निकल जाने का पार्टी रणनीतिकारों को खासा मलाल था पर सबसे बड़ा सदमा था अयोध्या सीट पर मिली हार। इस सीट पर चुनाव जीते थे सपा के अवधेश प्रसाद। विपक्ष ने इस जीत को बीजेपी के हिंदुत्व कार्ड के फ्लॉप हो जाने के तौर पर पेश किया। चूंकि अवधेश प्रसाद मिल्कीपुर सीट से विधायक थे सांसद बनने के बाद उन्होंने ये विधानसभा की सदस्यता छोड़ दी। रिक्त हुई इसी सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं। जाहिर है इस उपचुनाव को जीतकर बीजेपी आम चुनाव में मिले दर्द से उबरना चाहती है। इस सीट की बीजेपी के लिए अहमियत इससे समझी जा सकती है कि यहां पार्टी की जीत तय करने की कमान खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने संभाल रखी है।

 

मिल्कीपुर को विकास योजनाओं के तोहफे देने के साथ ही लगातार आमद दर्ज कर रहे हैं सीएम योगी

पिछले साल सितंबर महीने में सीएम योगी ने उपचुनाव से संबंधित सभी दस विधानसभा क्षेत्रों में पहुंचकर विकास योजनाओं की झड़ी लगा दी थी। इसी कड़ी में 19 सितंबर को उन्होंने मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में जनसभा में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने अयोध्या के लिए एक हजार करोड़ की 83 परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया। जिनमें से मिल्कीपुर के लिए 4975.06 लाख की 40 परियोजनाएं शामिल थीं। विकास योजनाओं को गति देकर और भविष्य की बेहतरी के लिए वायदे करके सीएम ने इस क्षेत्र के लोगों को बड़ा संदेश दिया। बीते साल सीएम योगी ने इस क्षेत्र में कई दौरे किए तो इस साल 4 और 11 जनवरी को भी यहां आमद दर्ज की। लोगों से मुखातिब हुए और पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को चुनाव में मनोयोग से जुटने के लिए तैयार किया।

 

बीजेपी के चुनाव अभियान के लिए सरकार से लेकर संगठन तक को जुटाया गया

मिल्कीपुर की चुनावी गतिविधियों के संचालन के लिए सीएम योगी ने सात वरिष्ठ मंत्रियों की टीम को जिम्मा सौंपा हुआ है। इनमें जिले के प्रभारी मंत्री सूर्यप्रताप शाही, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर, स्वास्थ्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु, खेल मंत्री गिरीश चंद्र यादव और खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री सतीश चंद्र शर्मा को शामिल किया गया है। ये सभी मंत्री संबंधित इलाकों और बिरादरियों में पैठ बनाने में जुटे हैं। वहीं पार्टी विधायकों से लेकर संगठन पदाधिकारियों, मंडल अध्यक्ष व पन्ना प्रमुखों की भी जिम्मेदारियां तय की गई हैं।

  

बीजेपी के युवा, महिला व किसान मोर्चा को मिल्कीपुर की खास जिम्मेदारी सौंपी गई है

मिल्कीपुर क्षेत्र के युवा वोटरों तक पहुंच मजबूत करने की कमान संभाली है बीजेपी युवा मोर्चा ने। "एक बूथ, दस यूथ " अभियान के तहत हर बूथ पर 10 युवाओं को तैनात किया गया है। बूथ से लेकर शक्ति केंद्रों तक युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं का कार्य का विभाजन किया जा चुका है। शक्ति केंद्र वार बैठकें हो रही है तो घर-घर संपर्क अभियान भी जारी है। वहीं, महिला मोर्चा की 80 महिला कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई है। 61 शक्ति केंद्रों पर 61 महिला कार्यकर्ताओं को प्रभारी बनाया गया है। पांच मंडलों में पांच महिलाएं जनसंपर्क प्रमुख बनाई गई हैं। किसानों को साधने के लिए किसान मोर्चा के पदाधिकारी खेत खलिहानों तक पहुंच रहे हैं।

  

दलितों व अल्पसंख्यक वोटरों  को रिझाने की भरपूर कवायद हो रही है

इस क्षेत्र में अनुसूचित जाति के वोटर निर्णायक स्थित हैं लिहाजा बीजेपी के अनुसूचित मोर्चा दलित बाहुल्य बस्तियों में खासतौर से सक्रिय किया गया है। इस मोर्चे के चार दर्जन से ज्यादा पदाधिकारी यहां भागदौड़ कर रहे हैं। दलित बस्तियों में चौपाल लगाकर वोटरों को समझाया जा रहा है। उन इलाकों में खास तौर से मशक्कत की जा रही है जहां लोकसभा व विधानसभा चुनाव मे बीजेपी पिछड़ गई थी। बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के पदाधिकारी मुस्लिम वोटरों के दरमियान सक्रिय हैं। लगातार बैठकें की जा रही हैं, राशन, आवास व कृषि सम्मान निधि सरीखी योजनाओं को बिना किसी भेदभाव तक हर जरूरतमंद तक पहुंचाने की बात की जा रही है। केंद्र व राज्य की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों से संपर्क साधकर पार्टी के लिए समर्थन जुटाया जा रहा है।

 

नाराज पार्टी नेताओं को मनाने की भरपूर कोशिश में जुटा बीजेपी खेमा

मिल्कीपुर सीट से चंद्रभानु पासवान को बीजेपी का टिकट मिलने के बाद इस सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले कई दिग्गज नाराज हो गए थे। पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा, रामू प्रियदर्शी और बीजेपी के जिला महामंत्री राधेश्याम त्यागी ने बीजेपी प्रत्याशी के नामांकन से दूरी बनाकर अपनी नाराजगी का इजहार भी कर दिया था। इससे होने वाले नुकसान को भांपकर पार्टी रणनीतिकारो ने डैमेज कंट्रोल अभियान छेड़ दिया है। जिसके पहले चरण में कैबिनेट मंत्री सूर्यप्रताप शाही और स्वतंत्र देव सिंह क्षेत्र के नाराज पार्टी नेताओं को मनाने के लिए उनके घरों तक पहुंचे। इसके बाद क्षुब्ध नेताओं से मुलाकात की सीएम योगी ने। बीते शनिवार को राजधानी लखनऊ में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने पूर्व विधायक इंद्र प्रताप तिवारी खब्बू से मुलाकात की। तो मिल्कीपुर सीट के पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा और उपचुनाव लड़ने के ख्वाहिशमंद रामू प्रियदर्शी को भी लखनऊ बुलाकर बातचीत की। ये सभी नेता मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में अपनी अलग पहचान और पकड़ रखते हैं। इन सभी से सीएम ने पुरजोर अपील की कि सारे गिले शिकवे बिसराकर उपचुनाव में जुट जाएं और पार्टी प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करें।

  

मिल्कीपुर सीट बीजेपी के लिए नाक का सवाल बन चुकी है

साल 2022 के विधानसभा चुनाव में मिल्कीपुर सीट पर समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद ने बीजेपी के गोरखनाथ बाबा को 13,338 वोटों से हराया था। तब बीएसपी की मीरा देवी को 14,427 वोट  और कांग्रेस के बृजेश रावत को 3,166 वोट मिले थे। इस उपचुनाव में बीएसपी और कांग्रेस चुनावी मैदान से बाहर हैं। चंद्रशेखर की पार्टी आजाद समाज पार्टी भी इस बार के चुनावी मुकाबले में है। पर मुख्य मुकाबला बीजेपी और समाजवादी पार्टी के ही दरमियान सिमटा हुआ है। प्रतिष्ठा का सबब बन चुके इस उपचुनाव को जीतने के लिए बीजेपी ने  सारी ताकत झोंक दी है। क्योकि पार्टी को पता है कि इस चुनाव के नतीजे से निकले संदेश दूर तक जाएंगे।

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