Saturday 23rd of November 2024

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार को जारी किया नोटिस, जानें क्या है पूरा मामला

Reported by: PTC News उत्तर प्रदेश Desk  |  Edited by: Shagun Kochhar  |  April 10th 2023 06:38 PM  |  Updated: April 10th 2023 06:38 PM

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार को जारी किया नोटिस, जानें क्या है पूरा मामला

ब्यूरो: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है. ये नोटिस फिरोजाबाद के दिवाइची गांव में 28 मार्च को हुए एक मामले को लेकर जारी किया गया है.  

NHRC ने एक मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लेते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में चोरी के आरोप में एक युवक को एक पेड़ से लटका दिया गया और लोगों के एक समूह ने उसे न केवल पीटा बल्कि घर के बाहर पेड़ से लटकाया और नीचे आग लगा दी.

ये है पूरा मामला

28 मार्च दोपहर करीब 1 बजे फिरोजाबाद के दिवाइची गांव में कुछ ऐसा हुआ जिसने इंसानियत का गला घोंट दिया. जानकारी के मुताबिक आरोप है कि दिवायची के प्रधान विष्णु दयाल के घर से कुर्सी चोरी हो गई थी, वहीं परिवार को मजदूरी करने वाले मुकेश कुमार पर इस चोरी का शक हुआ. वहीं इस शक को आधार पर ही प्रधान और उसके परिजनों ने मुकेश को धर दबोचा और तालिबानी सजा दी. 

प्रधान, उसके भाई और पत्नी ने मिलकर मजदूर को पहले जमकर पीटा फिर गांव में ही एक बरगद के पेड़ पर लटका दिया. प्रधान के परिवार की क्रूरता यही नहीं थमी पीट-पीटकर पेड़ से लटकाने के बाद उन्होंने पेड़ के नीचे आग लगा दी. वहीं दूसरी तरफ मुकेश लगातार बार-बार अपनी चोरी के आरोपों से इंकार करता रहा, लेकिन किसी ने उसकी एक न सुनी. ये तालिबानी सजा करीबन दो घंटे तक चली और फिर परिवार उसे मरा हुआ समझकर पेड़ पर लटका छोड़ कर चला गया. कुछ देर बाद पीड़ित का जीजा मौके पर पहुंचा और उसे इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया.

वहीं इस पूरी घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया. वीडियो की खबर लगने के बाद पुलिस भी हरकत में आई और प्रधान के भाई को गिरफ्तार कर जेल भेजा. 

आयोग ने लिया एक्शन

वहीं अब आयोग ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए कहा है कि अगर इस मामले में सच्चाई है तो पीड़ित के मानवाधिकारों के उल्लंघन का एक गंभीर मुद्दा बनता है. आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. इसी के साथ ही मामले में दर्ज प्राथमिकी की स्थिति और पीड़ित के स्वास्थ्य की स्थिति की जानकारी देने को भी कहा है. वहीं ये रिपोर्ट 6 सप्ताह के अंदर सौंपनी होगी.

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