Sunday 23rd of November 2025

नए श्रमिक कानून से उत्तर प्रदेश के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा का कवच, महिलाओं को भी नाइट शिफ्ट का अधिकार

Reported by: Gyanendra Kumar Shukla, Editor, PTC News UP  |  Edited by: Dishant Kumar  |  November 23rd 2025 03:21 PM  |  Updated: November 23rd 2025 03:21 PM

नए श्रमिक कानून से उत्तर प्रदेश के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा का कवच, महिलाओं को भी नाइट शिफ्ट का अधिकार

लखनऊ: नए श्रमिक कानून से उत्तर प्रदेश के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा गारंटी और न्यूनतम वेतन सुनिश्चित होगा। देश के 29 पुराने श्रम कानूनों को खत्म कर दिया गया है। इसकी जगह अब चार नए श्रमिक कानून लागू किए हैं। नई संहिता आधुनिक कार्यशैली, वेतन, स्वास्थ्य जांच और गिग वर्कर्स के लिए नए प्रगतिशील प्रावधान लेकर आई है। अब श्रमिकों को न्यूनतम वेतन, नियुक्ति पत्र, समान वेतन, सोशल सिक्योरिटी, ओवरटाइम पर डबल वेतन, फिक्स टर्म ग्रेच्युटी और जोखिम वाले क्षेत्रों में 100% हेल्थ सिक्योरिटी की गांरटी मिलेगी। इसके साथ ही महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने का भी अधिकार मिलेगा।

वर्तमान आवश्यकताओं के अनुसार नए कानून

देश में लागू कई श्रम कानून 1930–1950 के बीच बनाए गए थे। इसमें गिग वर्कर्स, प्लेटफॉर्म वर्कर्स और प्रवासी श्रमिक जैसी आधुनिक कार्यशैली का उल्लेख तक नहीं था। नए लेबर कोड इन सभी को कानूनी सुरक्षा देते हैं। नए श्रम कानून उत्तर प्रदेश की रोजगार व्यवस्था और इंडस्ट्रियल सिस्टम को नई परिभाषा देगें। नए नियमों से उत्तर प्रदेश के कामगारों को सामाजिक सुरक्षा का दायरा मिलेगा, जो पहले कभी संभव नहीं हुआ था

कामकाजी महिलाओं को नाइट शिफ्ट का अधिकार 

उत्तर प्रदेश की महिलाएं अब सहमति और सुरक्षा प्रबंधों के साथ नाइट शिफ्ट में काम कर सकती हैं। समान वेतन और सुरक्षित कार्यस्थल की गारंटी भी नए कोड में शामिल है। ट्रांसजेंडर कर्मचारियों को भी समान अधिकार मिले हैं। 

नियुक्ति पत्र अनिवार्य, समय पर वेतन की गारंटी

नियोक्ताओं को अब हर कर्मचारी को नियुक्ति पत्र देना होगा। न्यूनतम वेतन प्रदेशभर में लागू हो गया है और समय पर वेतन देना कानूनी बाध्यता होगी। इससे रोजगार में पारदर्शिता और कर्मचारी सुरक्षा बढ़ेगी। 40 वर्ष से अधिक उम्र वाले कर्मचारियों की साल में एक बार मुफ्त स्वास्थ्य जांच की जाएगी। खनन, केमिकल और कंस्ट्रक्शन जैसे खतरनाक कार्य क्षेत्रों में काम करने वालों को पूर्ण स्वास्थ्य सुरक्षा मिलेगी।

केवल एक साल की नौकरी पर ग्रेच्युटी

पहले 5 साल नौकरी के बाद मिलने वाली ग्रेच्युटी अब सिर्फ एक साल की स्थाई नौकरी के बाद मिलेगी। यह प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए बड़ा फायदा है। गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को पहली बार कानूनी मान्यता मिली है। ओला–उबर ड्राइवर, जोमैटो–स्विगी डिलीवरी पार्टनर, ऐप-बेस्ड वर्कर्स अब सामाजिक सुरक्षा लाभ पाएंगे। एग्रीगेटर्स को अपने टर्नओवर का 1–2% योगदान देना होगा। UAN लिंक होने से राज्य बदलने पर भी लाभ जारी रहेगा।

 

ओवरटाइम का डबल वेतन मिलेगा

नए श्रमिक कानून से कर्मचारियों को अब ओवरटाइम का भुगतान डबल रेट पर मिलेगा। इससे ओवरटाइम भुगतान में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। अब कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को भी न्यूनतम वेतन, सामाजिक सुरक्षा और काम की गारंटी मिलेगी। प्रवासी और असंगठित क्षेत्र के कामगार भी सुरक्षा ढांचे में शामिल होंगे। सिंगल लाइसेंस और सिंगल रिटर्न सिस्टम लागू होगा। इससे कंपनियों का अनुपालन बोझ कम होगा और उद्योगों को लालफीताशाही से राहत मिलेगी। नए लेबर कोड विकसित उत्तर प्रदेश @2047 के लक्ष्य की दिशा में मजबूत आधार तैयार करेंगे। इससे “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” को भी रफ्तार मिलेगी।

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