ब्यूरो: PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लोकसभा में महाकुंभ और भारत की सांस्कृतिक चेतना को लेकर संबोधित किया। पीएम मोदी ने महाकुंभ को देश की शक्ति और आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि पिछले साल अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान हमने यह महसूस किया कि हमारा देश आने वाले 10,000 सालों के लिए किस तरह से तैयार हो रहा है। उन्होंने महाकुंभ को भी इसी कड़ी में जोड़ते हुए कहा कि यह आयोजन इस विचार को और ज्यादा दृढ़ करता है।
#WATCH | लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "... महाकुंभ से अनेक अमृत निकले हैं, एकता का अमृत इसका बहुत पवित्र प्रसाद है। महाकुंभ ऐसा आयोजन रहा जिसमें देश के हर क्षेत्र, कोने से आए लोग एक हो गए। लोग अहम त्यागकर मैं नहीं हम की भावना से प्रयागराज में जुटे... जब अलग-अलग… pic.twitter.com/t2hnMTuWZ3
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 18, 2025
पीएम मोदी ने लोकसभा में संबोधित करते हुए कहा कि ऐसे पल आते हैं जो आने वाली पीढ़ियों के लिए मिसाल बन जाते हैं। भक्ति आंदोलन के दौरान जिस तरह आध्यात्मिक चेतना जागृत हुई थी, वैसे ही महाकुंभ भी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना को पुनर्जीवित करने वाला आयोजन है। पीएम ने लोकसभा में मॉरिशस का उदाहरण देते हुए कहा कि जब उन्होंने महाकुंभ का पवित्र जल गंगा तालाब में अर्पित किया, तो पूरे देश में उत्सव जैसा माहौल बन गया। यह हमारी परंपरा और संस्कृति को आत्मसात करने की भावना को दर्शाता है।
पीएम मोदी ने प्रयागराज और उत्तर प्रदेश की जनता को इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए विशेष आभार जताया। पीएम मोदी ने कहा कि महाकुंभ के जरिए भारत के विराट स्वरूप को दुनिया ने देखा। महाकुंभ के आयोजन उन लोगों के लिए जवाब है जो भारत की क्षमता पर शक करते हैं। महाकुंभ राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक है और यह बताता है कि हमारा देश एकजुट होकर बड़े लक्ष्य हासिल कर सकता है।
महाकुंभ ऐतिहासिक घटना
#WATCH | लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "...पिछले वर्ष अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान हमने महसूस किया था कि कैसे देश अगले 1000 वर्षों के लिए तैयार हो रहा है। इसके ठीक एक साल बाद महाकुंभ के इस आयोजन ने हम सभी के इस विचार को और दृढ़ किया है। देश की… pic.twitter.com/Su7NkGbfLg
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 18, 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में ऐतिहासिक घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि जब स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में भाषण दिया था, तब भारतीय संस्कृति का जयघोष हुआ था। इसी तरह जब साल 1857 का स्वतंत्रता संग्राम और गांधी जी की दांडी यात्रा ने भारत को एक नई दिशा दी थी। उन्होंने महाकुंभ को भी एक ऐसा ही उदाहरण बताया कि जहां करोड़ों श्रद्धालु असुविधाओं की चिंता किए बिना एकत्रित हुए और भारत की संस्कृति का भव्य दर्शन किया।
पीएम मोदी ने कहा कि जब समाज अपनी विरासत पर गर्व महसूस करता है, तब ऐसी भव्य और प्रेरक तस्वीरें उभरती हैं जैसी महाकुंभ में देखने को मिलीं। इस आयोजन से "एक भारत, श्रेष्ठ भारत" की भावना और ज्यादा मजबूत हुई।