ब्यूरो : मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के भाषणों पर दो खंडों में संग्रहित ग्रंथ 'लोक आराधना की अभिव्यक्ति' का विमोचन बुधवार को गोरखपुर में किया गया। दिग्विजयनाथ पीजी कॉलेज के गुरु गोरखनाथ साहित्यिक केंद्र में आयोजित समारोह में भाषण संग्रह का विमोचन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के पूर्व चेयरमैन प्रो. डीपी सिंह व भारत सरकार के पूर्व औषधि महानियंत्रक डॉ. जीएन सिंह ने दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह की विशिष्ट उपस्थिति में किया।
इस अवसर पर यूजीसी के पूर्व चेयरमैन प्रो. डीपी सिंह ने कहा कि हम सभी अपने आराध्य की आराधना करते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोक अर्थात जनता की आराधना भी जनार्दन यानी परमात्मा की भांति करते हैं। लोक की यह आराधना उनके क्षण-प्रतिक्षण के चिंतन, कार्यशैली और हर अभिव्यक्ति में झलकती है। उनके लोक आराधना का ही प्रतिफल है कि आज उत्तर प्रदेश लोक कल्याण और विकास के मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। प्रो. सिंह ने कहा कि सीएम योगी की हर विषय में स्पष्ट सोच है। उनके चिंतन में गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की प्रेरणा से गहन अध्ययन का पुट और जनहित के लिए डिवाइन कनेक्ट (अलौकिक जुड़ाव) परिलक्षित होता है। वह हर व्यक्ति के लौकिक-पारलौकिक परमार्थ की चिंता और तदनुरूप कार्य करते हैं।
प्रो. सिंह ने 'लोक आराधना की अभिव्यक्ति' ग्रंथ को सभी के लिए प्रेरणादायी बताते हुए कहा कि हर व्यक्ति को इसका अध्ययन अवश्य करना चाहिए। इससे शीर्ष पद पर बैठे व्यक्ति की सफलता के पीछे उसके संघर्ष, परिश्रम और साधना का भी भान होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हर अभिव्यक्ति में गरीब, शोषित, वंचित, किसान, मजदूर समेत समाज के प्रत्येक वर्ग की चिंता समाहित रहती है। श्रमिकों के पाल्यों व कोरोना से निराश्रित हुए बच्चों की शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालय का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी अद्भुत परिकल्पना कोई दिव्य पुरुष ही कर सकता है। इस विद्यालय के लिए हर व्यवस्था का निर्धारण सीएम योगी ने स्वयं किया है। उनका स्पष्ट मानना है कि नींव मजबूत होनी चाहिए। इसलिए वह बच्चों की सर्वाधिक चिंता करते हैं। कानून व्यवस्था की सुदृढ़ता हो, प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने की बात हो या फिर लाखों करोड़ रुपये का निवेश लाने का सफल प्रयास, मुख्यमंत्री का हर कदम लोक कल्याण का ही माध्यम होता है। उन्होंने कहा कि लोक आराधना को ही समर्पित होने से नए भारत, विकसित भारत के निर्माण में सीएम योगी का महत्वपूर्ण योगदान होगा।
विमोचन समारोह में भारत सरकार के पूर्व औषधि महानियंत्रक डॉ. जीएन सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हर अभिव्यक्ति इस बात को प्रमाणित करती है कि लोक का मंगल ही उनके जीवन का ध्येय है। उनके चिंतन में दिव्यता है, लोक कल्याण की समग्रता व परिपूर्णता है। सीएम योगी की अभिव्यक्तियां समूचे समाज के लिए प्रेरक व मार्गदर्शक हैं। उनके लिए नर भी नारायण जितना महत्वपूर्ण है इसलिए मनसा, वाचा, कर्मणा उनकी हर अभिव्यक्ति जनता पर केंद्रित और समर्पित है। कैसे हर वंचित को अधिकार व जन कल्याणकारी योजनाओं का मिले, कैसे हर बच्चे को उत्कृष्ट शिक्षा मिले, कैसे हर व्यक्ति सुरक्षित रहे, कैसे हर व्यक्ति आत्मनिर्भर बने, कैसे विकास के हर क्षेत्र में उत्तर प्रदेश देश-दुनिया का सिरमौर बने, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हर चिंतन इन्हीं बिंदुओं पर केंद्रित रहता है।
प्रो जीएन सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नेतृत्व मिलना उत्तर प्रदेश की जनता का सौभाग्य है। हम सबको भी उनकी अभिव्यक्तियों में निहित मूलमंत्र पर चलने का प्रयास करना चाहिए। यदि सभी लोग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विचारों का अनुसरण करने के स्व दायित्व से जुड़ जाएं तो उत्तर प्रदेश को सर्वोत्कृष्ट प्रदेश बनने में देर नहीं लगेगी। उन्होंने सीएम योगी द्वारा समय-समय पर दिए गए उद्बोधनों को संग्रहित कर दो खंडों में 'लोक आराधना की अभिव्यक्ति' ग्रंथ का रूप देने के लिए सूचना एवं जनसंपर्क विभाग को साधुवाद दिया।
विमोचन समारोह में विशेष रूप से उपस्थित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हर अभिव्यक्ति कुछ नया करने की ऊर्जा प्रदान करती है। खास तौर पर नेतृत्व के किसी भी स्तर पर बैठे लोगों के लिए तो यह मार्गदर्शक की भांति है। अपने-अपने कार्यक्षेत्र में हम कैसे एक-एक व्यक्ति के कल्याण हेतु कार्य कर सकते हैं, इसका सारगर्भित मंतव्य सीएम के विजन में मिलता है। उन्होंने कहा कि नेतृत्व उससे जुड़े लोक के लिए होता है। सीएम योगी प्रदेश के 25 करोड़ जनता का नेतृत्व कर रहे हैं और उनका हर कदम इसी जनता की भलाई के लिए उठता है। कुलपति प्रो. सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जनता की सेवा ईश्वरीय आराधना मानकर ही कर रहे हैं।