Saturday 25th of October 2025

46 वर्षों बाद अपने आध्यात्मिक स्वरूप में लौट रहा संभल, सांस्कृतिक धरोहर को मिल रही पहचान

Reported by: Gyanendra Kumar Shukla, Editor, PTC News UP  |  Edited by: Dishant Kumar  |  October 25th 2025 06:55 PM  |  Updated: October 25th 2025 06:55 PM

46 वर्षों बाद अपने आध्यात्मिक स्वरूप में लौट रहा संभल, सांस्कृतिक धरोहर को मिल रही पहचान

लखनऊ, संभल में इतिहास फिर से करवट ले रहा है। जहां कभी दंगों, पलायन और अवैध कब्जों की छाया थी, वहीं अब आस्था, अध्यात्म और सुरक्षा का सूर्योदय दिखाई दे रहा है। संभल एक बार फिर अपनी पौराणिक पहचान ‘भगवान कल्कि की नगरी’ के रूप में जगमगा उठा है। शुक्रवार रात्रि 2 बजे संभल के 68 तीर्थ और 19 कूपों की 24 कोसी परिक्रमा का शुभारंभ प्राचीन तीर्थ बेनीपुरचक स्थित श्रीवंशगोपाल से लाखों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में हुआ।

शंखनाद, भजन और जयघोषों के बीच निकली यह परिक्रमा 46 वर्षों बाद पुनः आरंभ हुई है। 1978 में सांप्रदायिक दंगों के कारण रुकी यह परंपरा 2024 में योगी सरकार के प्रयासों से फिर से जीवित हो उठी। धार्मिक मान्यता है कि इस परिक्रमा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीव को मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह परिक्रमा श्रीवंशगोपाल तीर्थ से प्रारंभ होकर भुवनेश्वर, क्षेमनाथ और चंदेश्वर तीर्थों से होते हुए पुनः वंशगोपाल तीर्थ पर लौटती है। इन तीन प्रमुख तीर्थों के मध्य 87 देवतीर्थ स्थित हैं, जो सम्भल की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक हैं।

2017 के बाद बदला संभल का परिदृश्य 

1978 के दंगों के बाद सम्भल में जो भय, अविश्वास और पलायन का माहौल बना, उसने दशकों तक यहां के सामाजिक ताने-बाने को चोट पहुंचाई। हिंदू परिवारों ने अपने घर, दुकानें और जमीनें छोड़ीं; मंदिरों पर कब्जे हुए और धर्मिक आयोजनों पर रोक लग गई। परंतु 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद परिदृश्य पूरी तरह बदल गया। सीएम योगी ने संभल की स्थिति को व्यक्तिगत रूप से गंभीरता से लिया। न्यायिक आयोग की रिपोर्ट ने उन सच्चाइयों को उजागर किया जिन्हें वर्षों तक दबाया गया। सत्ता संरक्षण में जनसंख्या संतुलन बिगाड़ने की कोशिशें हुईं और हिंदुओं को सुनियोजित रूप से पलायन के लिए विवश किया गया। योगी सरकार ने इन सभी मामलों में कठोर कार्रवाई की। दंगों की साजिश में शामिल तत्वों को जेल भेजा गया, अवैध कब्जों को हटाया गया और सांप्रदायिक राजनीति पर अंकुश लगाया गया।

अवैध कब्जों से मिली मुक्ति, धार्मिक धरोहरों का हुआ पुनरुद्धार

योगी सरकार ने संभल में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाने की ऐतिहासिक कार्रवाई की। उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता-2006 की धारा-67 के तहत 495 वाद दर्ज हुए, जिनमें से 243 मामलों का निस्तारण कर 1067 अतिक्रमण हटाए गए। इस प्रक्रिया में 68.94 हेक्टेयर भूमि कब्जामुक्त कराई गई। यही नहीं, धार्मिक स्थलों पर हुए अवैध कब्जों पर भी निर्णायक कार्रवाई हुई। विशेष अभियान के तहत 37 अवैध कब्जे हटाए गए, जिसमें 16 मस्जिदें, 12 मजारें, 7 कब्रिस्तान और 2 मदरसे शामिल थे। कुल 2.623 हेक्टेयर भूमि को मुक्त कराया गया। साथ ही 68 पौराणिक तीर्थस्थलों और 19 प्राचीन कूपों के संरक्षण व सौंदर्यीकरण की प्रक्रिया आरंभ की गई है। कल्कि अवतार मंदिर समेत अनेक प्राचीन स्थलों पर पुनरुद्धार कार्य चल रहे हैं।

संभल में मजबूत हुआ कानून का इकबाल 

संभल में अब कानून का इकबाल मजबूत हुआ है। योगी सरकार ने बीते कुछ वर्षों में 2 नए थाने और 45 नई चौकियां स्थापित की हैं। संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी निगरानी और ड्रोन सर्वे की व्यवस्था की गई है। अपराधियों पर कार्रवाई के साथ-साथ सामाजिक विश्वास की नींव रखी गई है। बिजली चोरी रोकने के लिए चलाए गए अभियानों से लाइन लॉस 82% से घटकर 18% पर पहुंच गया है, जिससे 84 करोड़ रुपये की राजकीय धनराशि की बचत हुई। आर्थिक दृष्टि से भी संभल ने छलांग लगाई है।  ₹2405 करोड़ के निर्यात के साथ यह अब प्रदेश में 10वें स्थान पर है। ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ योजना के तहत संभल के मेटैलिक, वुडन और हैंडीक्राफ्ट उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी पहचान बना रहे हैं।

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