Friday 22nd of November 2024

चंद्रयान-3 मिशन में शामिल हैं यूपी के ये वैज्ञानिक, किसी ने बनाया लैंडर तो किसी ने डिजाइन किया कैमरा

Reported by: PTC News उत्तर प्रदेश Desk  |  Edited by: Shagun Kochhar  |  August 24th 2023 11:55 AM  |  Updated: August 24th 2023 11:55 AM

चंद्रयान-3 मिशन में शामिल हैं यूपी के ये वैज्ञानिक, किसी ने बनाया लैंडर तो किसी ने डिजाइन किया कैमरा

ब्यूरो: बहुप्रतीक्षित चंद्रयान-3 मिशन ने देश में इतिहास रच दिया है. चंद्रयान-3 विक्रम लैंडर सफलतापूर्वक चंद्रमा पर उतर गया और भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अपना अंतरिक्ष यान उतारने वाला दुनिया का पहला देश बन गया.

जहां बीते दिन पूरे देश की निगाहें चंद्रयान पर थी, उसी तरह से यूपी में भी अलग ही उत्साह था. क्योंकि चंद्रयान 3 मिशन में यूपी के वैज्ञानिकों ने भी अपना योगदान दिया है. 

फिरोजाबाद के धर्मेंद्र प्रताप यादव 

चंद्रयान-3 के वैज्ञानिकों की टीम में फिरोजाबाद के धर्मेंद्र प्रताप यादव भी शामिल हैं. धर्मेंद्र प्रताप इसरो के वरिष्ठ वैज्ञानिकों में से एक हैं. धर्मेंद्र ने चंद्रयान मिशन में अहम भूमिका निभाई है. उनका काम चंद्रयान से सिग्नल प्राप्त करने का है. बता दें धर्मेंद्र फिरोजाबाद के टिकरी गांव के रहने वाले हैं. बीते दिन चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद पूरे परिवार के साथ साथ पूरा गांव गौरवान्वित महसूस कर रहा था.

फतेहपुर के वैज्ञानिक सुमित कुमार

वहीं फतेहपुर के बेटे सुमित कुमार ने भी चंद्रयान-3 की टीम में अहम रोल अदा किया है. चंद्रयान-3 में लगे कैमरे को वैज्ञानिक सुमित कुमार ने बनाया है. उस कैमरे की डिजाइनिंग उन्होंने की है. इस कैमरे कुछ दिनों नहीं बल्कि कई सालों की मेहनत के बाद बनकर तैयार हुआ है. कैमरा चंद्रयान के लैंडर और रोवर में लगा है. बता दें सुमित 2008 से इसरो में काम कर रहे हैं.

उन्नाव के वैज्ञानिक आशीष मिश्रा

वहीं उन्नाव के रहने वाले आशीष मिश्रा ने भी चंद्रयान की टीम में रखकर अपना सहयोग दिया है. आशीष लॉन्चिंग से लेकर प्रोपल्शन सिस्टम के डेवलपमेंट के काम में रहे. आशीष ने पीएसएलवी, जीएसएलवी और एलवीएम 3 की टीम में भी काम किया है. वो 2008 में इसरो में काम कर रहे हैं.

लखनऊ की वैज्ञानिक ऋतु करीघाल

वहीं चंद्रयान-3 के मिशन को लीड करने वाली वैज्ञानिक ऋतु करीघाल भी यूपी की रहने वाली हैं. वो लखनऊ से हैं. ऋतु करीघाल ने इस मिशन को लीड किया. ऋतु करीघाल एक एयरोस्पेस इंजीनियर हैं और इसरो के साथ जुड़ी हुई हैं.

मिर्जापुर के वैज्ञानिक आलोक पांडेय

वहीं इसरो की महत्वपूर्ण टीम में मिर्जापुर के रहने वाले वैज्ञानिक आलोक पांडेय भी शामिल हैं. आलोक ने चंद्रयान की लैंडिंग और कंट्रोलिंग की जिम्मेदारी निभाई. आलोक के पास चंद्रयान -3 की चांद पर लैंडिंग और कम्यूनिकेशन की जिम्मेदारी है. बता दें आलोक ने मंगलयान-2 मिशन में भी काम किया है और अपने काम के लिए वो पुरस्कृत भी किए जा चुके हैं. 

अंतरिक्ष यान को 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था. अंतरिक्ष यान के प्रक्षेपण के लिए एक जीएसएलवी मार्क 3 (एलवीएम 3) हेवी-लिफ्ट लॉन्च वाहन का उपयोग किया गया था, जिसे 5 अगस्त को चंद्र कक्षा में स्थापित किया गया था. तब से यह कक्षीय युक्तियों की एक श्रृंखला के माध्यम से चंद्रमा की सतह के करीब उतारा गया है.

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