Monday 30th of June 2025

अखिलेश के शासनकाल में सबसे ज्यादा असुरक्षित और भयभीत था व्यापारी वर्ग : सुरेश खन्ना

Reported by: Gyanendra Kumar Shukla, Editor, PTC News UP  |  Edited by: Mohd. Zuber Khan  |  June 30th 2025 04:17 PM  |  Updated: June 30th 2025 04:17 PM

अखिलेश के शासनकाल में सबसे ज्यादा असुरक्षित और भयभीत था व्यापारी वर्ग : सुरेश खन्ना

लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्रकार वार्ता के बाद उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने तीखा पलटवार किया है। उन्होंने अखिलेश के आरोपों को बेबुनियाद और तथ्यहीन करार देते हुए कहा कि सपा शासनकाल में व्यापारी वर्ग सबसे ज्यादा असुरक्षित और भयभीत था, जबकि डबल इंजन सरकार ने प्रदेश को माफिया मुक्त और व्यापार के लिए अनुकूल बनाया है। खन्ना ने सपा के शासन को रंगदारी और गुंडागर्दी का दौर बताया, वहीं योगी सरकार की नीतियों को पारदर्शी और विकासोन्मुखी करार दिया। विधायक नीरज बोरा ने भी सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि योगी सरकार ने वसूली भाइयों को उनके अंजाम तक पहुंचाया है।

सपा शासन में व्यापारी वर्ग था असुरक्षित

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि अखिलेश यादव आज जिस व्यापारी वर्ग की बात कर रहे हैं, वही वर्ग 2012 से 2017 के बीच सपा शासन में सबसे ज्यादा भयभीत और असुरक्षित था। उन्होंने आरोप लगाया कि उस समय रंगदारी, गुंडागर्दी और कमीशनखोरी समाजवादी व्यवस्था की रीढ़ थी। सपा सरकार ने “एक जिला, एक वसूली भाई” का मॉडल चलाया, जिसका उद्देश्य व्यापारियों से धन उगाही कर सपा नेताओं के कोष को भरना था।

डबल इंजन सरकार में व्यापारियों का हुआ उत्थान

खन्ना ने कहा कि वर्तमान डबल इंजन सरकार में व्यापारी वर्ग एमएसएमई नीति, ओडीओपी योजना, इंटरनेशनल ट्रेड शो और उद्योग मित्र जैसी पारदर्शी नीतियों का लाभ उठाकर प्रदेश के विकास में सहभागी बन रहा है। आज प्रदेश में 2 करोड़ से अधिक लोग एमएसएमई इकाइयों में कार्यरत हैं, और उत्तर प्रदेश देश के एमएसएमई निर्यात में 14% हिस्सेदारी के साथ अग्रणी है।

आपातकाल पर सपा की चुप्पी पर पलटवार

वित्त मंत्री ने सपा पर संविधान हत्या दिवस पर चुप्पी साधने का आरोप लगाते हुए कहा कि अखिलेश को आपातकाल के विषय में बोलने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार ने सपा शासन में रंगदारी और गुंडागर्दी करने वालों पर आपातकाल लगाया, जिससे समाजवादियों का कोष खाली हो गया। आज माफिया मुक्त यूपी में कोई व्यापारी से गुंडा टैक्स या वसूली की हिम्मत नहीं कर सकता।

आठ वर्षों में कोई नया टैक्स नहीं

खन्ना ने सपा मुखिया के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बीते आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश में कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया। डीजल-पेट्रोल की दरें देश में सबसे कम हैं, फिर भी प्रदेश राजस्व सरप्लस स्टेट बनकर समृद्धि की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने अखिलेश के “कमीशन मित्र” वाले बयान को लाखों ईमानदार युवाओं का अपमान बताया, जो बैंक मित्र के माध्यम से आत्मनिर्भर बने हैं।

स्वदेशी प्रयासों को कमजोर करने का आरोप

वित्त मंत्री ने कहा कि अखिलेश को यूपी के उत्पादों की बढ़ती मांग से परेशानी है, यही कारण है कि वे अन्य देशों का नाम लेकर मेक इन इंडिया और स्वदेशी प्रयासों को कमजोर करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि यूपी आज मोबाइल निर्माण, टेक्सटाइल, ब्रास और खिलौना उद्योग में अग्रणी है। जीआई टैग योजना के तहत 77 उत्पादों को वैश्विक पहचान मिल चुकी है।

गिनाईं योगी सरकार की उपलब्धियां 

खन्ना ने सपा शासन की तुलना में योगी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने बताया कि 2017 में प्रदेश का निर्यात 80 हजार करोड़ रुपये था, जो आज 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। प्रति व्यक्ति आय 46 हजार से बढ़कर 1 लाख 20 हजार रुपये और जीडीपी 12 लाख 75 हजार करोड़ से 30 लाख करोड़ रुपये हो गई है। यह प्रगति बेहतर कानून व्यवस्था और समान अवसरों के कारण संभव हुई।

निवेश से लाखों युवाओं को मिली नौकरी, हुआ रोजगार सृजन

वित्त मंत्री ने कहा कि बीते आठ वर्षों में यूपी को 45 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले, जिनमें 15 लाख करोड़ रुपये के प्रस्ताव धरातल पर उतारे जा चुके हैं। इससे लाखों युवाओं को नौकरी और रोजगार मिला। निवेश मित्र पोर्टल के माध्यम से 43 विभागों की 487 से अधिक ऑनलाइन सेवाएं दी जा रही हैं, और 12.5 लाख से अधिक स्वीकृतियां डिजिटल रूप से जारी हुई हैं।

सपा शासन में प्रदेश भय और भ्रष्टाचार से कराह रहा था

खन्ना ने सपा के “वन डिस्ट्रिक्ट, वन माफिया” मॉडल की तुलना में योगी सरकार की “एक जिला, एक उत्पाद” योजना को सराहा। उन्होंने कहा कि सपा शासन में प्रदेश भय और भ्रष्टाचार से कराह रहा था, जबकि आज यूपी दुनिया के बाजारों में अपनी पहचान बना रहा है। अखिलेश का “पटरियां टूट रही हैं” वाला बयान उनकी मानसिक हार को दर्शाता है।

पारदर्शी व्यवस्था से सपा बौखलाई

वित्त मंत्री ने कहा कि सपा के शासन में टेंडर सपा वेंडरों के हिसाब से डिजाइन होते थे, लेकिन आज की पारदर्शी व्यवस्था सपा को रास नहीं आ रही। उन्होंने कहा कि सपा मुखिया व्यापारियों की तरक्की और अपने खाली कोष को देखकर डर गए हैं। सपा शासन में थानों में रेट कार्ड लटकते थे, लेकिन आज वे बैंक लोन प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं।

बैंकिंग और ऋण वितरण में यूपी अव्वल

खन्ना ने बताया कि 2016-17 में बैंकिंग व्यवसाय 12.75 लाख करोड़ रुपये था, जो 2024-25 में 29 लाख 66 हजार करोड़ रुपये हो गया। सीडी रेशियो 46% से बढ़कर 61% हो गया, और नए वित्तीय वर्ष में 67-70% का लक्ष्य है। 2024-25 में द्वितीय त्रैमास तक 2.50 लाख करोड़ रुपये का ऋण वितरण किया गया। आरबीआई बुलेटिन के अनुसार, प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग में यूपी 16.2% हिस्सेदारी के साथ शीर्ष पर है।

अखिलेश की राजनीति 'जाति बनाम जाति' पर टिकी है

वित्त मंत्री ने कहा कि अखिलेश की राजनीति “जाति बनाम जाति” पर टिकी है। सपा का उद्देश्य देश को जातीय संघर्ष की आग में झोंकना है। वे आरोपी की जाति और धर्म देखकर उसे बचाने में जुट जाते हैं, जबकि डबल इंजन सरकार अन्याय को पीड़ित और दोषी के चश्मे से देखती है। खन्ना ने दावा किया कि यूपी तेजी से प्रगति कर रहा है, जो विपक्ष को हजम नहीं हो रहा।

विधायक नीरज बोरा का सपा पर हमला

विधायक डॉ नीरज बोरा ने कहा कि सपा शासन में “एक जनपद, एक वसूली भाई” का मॉडल था, लेकिन योगी सरकार ने सभी वसूली भाइयों को उनके अंजाम तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि अखिलेश आपातकाल लगाने वालों के साथ गठबंधन कर रहे हैं, लेकिन माफिया मुक्त यूपी में अब कोई रंगदारी वसूल नहीं सकता। बोरा ने जोड़ा कि आठ वर्षों में कोई नया टैक्स नहीं लगा, और यूपी राजस्व सरप्लस स्टेट बन चुका है।

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