Lucknow: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार, 9 जून 2025 को दिल्ली का दौरा किया, जहां उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भेंट की। यह मुलाकात लगभग 35 मिनट तक चली। इस दौरान गृहमंत्री के 15 जून को लखनऊ के प्रस्तावित दौरे और उत्तर प्रदेश में बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष के चयन पर विचार-विमर्श हुआ। बैठक के बाद मुख्यमंत्री योगी हिंडन एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए।
बैठक में उत्तर प्रदेश बीजेपी के संगठनात्मक ढांचे को और सशक्त करने पर विशेष ध्यान दिया गया। इस संदर्भ में प्रदेश अध्यक्ष के चयन पर गहन चर्चा हुई। बीजेपी 2027 के विधानसभा चुनाव और 2026 के पंचायत चुनावों को ध्यान में रखते हुए जल्द ही नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा करने की तैयारी में है। पार्टी का लक्ष्य मिशन-27 के तहत बूथ स्तर तक अपनी पकड़ मजबूत करना है।
उत्तर प्रदेश में बीजेपी के नए अध्यक्ष के लिए कई नामों पर विचार चल रहा है, लेकिन अभी तक किसी नाम पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। 2024 के लोकसभा चुनाव परिणामों और 2027 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी सावधानी से फैसला लेना चाहती है। माना जा रहा है कि बीजेपी ओबीसी या दलित समुदाय से किसी नेता को अध्यक्ष बनाने पर विचार कर रही है, जिसका एक कारण समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूला भी है।
प्रदेश अध्यक्ष के लिए संभावित नाम:
बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए ओबीसी वर्ग से पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह और केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा के नाम चर्चा में हैं। दलित वर्ग से विद्यासागर सोनकर और विनोद सोनकर के नाम भी सुर्खियों में हैं। इसके अलावा, ब्राह्मण समुदाय को ध्यान में रखते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और पूर्व सांसद हरीश द्विवेदी के नाम भी सामने आ रहे हैं। हालांकि, ये सभी नाम अभी चर्चा के दायरे में हैं, लेकिन जल्द ही उत्तर प्रदेश को बीजेपी का नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने की उम्मीद है।