ब्यूरो: UP Budget 2025: सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार ने 20 फरवरी को अपने दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट पेश किया। यूपी का अब तक का सबसे बड़े आकार का ये बजट 8, 08,736.06 करोड़ रुपए का है। सीएम योगी ने इस बजट को सनातन संस्कृति की सर्वे भवन्तु सुखिनः की अवधारणा के अनुरूप गरीब, अन्नदाता किसान, युवा और महिला उत्थान को समर्पित बजट बताया। कहा इसकी थीम के पीछे पीएम के विजन ‘वंचित को वरीयता’ का भाव है। इसमें बुनियादी ढांचे, रोजगार और किसानों को बड़ी सौगात दी गई है। माना जा रहा है कि इस बजट से सूबे के विकास को रफ्तार मिलेगी और वन ट्रिलियन डॉलर यानी दस खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य पूरा करने का सपना साकार हो सकेगा।
बुनियादी ढांचे-शिक्षा-कृषि और चिकित्सा सुविधा में बजट का आधे से अधिक हिस्सा समर्पित
यूपी के कुल बजट में नई मदों हेतु 28 हजार 478 करोड़ 34 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। बुनियादी ढांचे के लिए 1,79, 131.04 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं। बजट में 1,06,360 करोड़ रुपये का प्रावधान करके यूपी देश में शिक्षा क्षेत्र में सर्वाधिक प्रावधान करने वाला राज्य बन गया है। चिकित्सा, कृषि सेक्टर में 89,353 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, आयुष तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिये 50,550 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया गया है। इस तरह बजट का 22 फीसदी बुनियादी ढांचे के विकास के लिए, 13 फीसदी शिक्षा के लिए, 11 फीसदी कृषि क्षेत्र के लिए है। वहीं, 6 फीसदी चिकित्सा क्षेत्र को आवंटित किया गया है। यूपी सरकार ने कैंसर की दवाइयों को सस्ते करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए सभी जिलों में कैंसर केयर सेंटर बनाने का निर्णय भी लिया है।
यूपी के बजट में वित्तीय अनुशासन का खास ख्याल रखा गया है
उत्तर प्रदेश का राजकोषीय घाटा, सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.97 फीसदी है, जो भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा एफआरबीएम एक्ट में तय किए गए 3.5 फीसदी सीमा से कम है। सीएम योगी के मुताबिक नीति आयोग द्वारा राज्यों की राजकोषीय स्थिति के सम्बन्ध में प्रकाशित रिपोर्ट में यूपी को फ्रंट रनर (अग्रणी) राज्य की श्रेणी में रखा गया है। वर्ष 2018-19 से वर्ष 2022-23 की अवधि में सूबे के समेकित फिस्कल हेल्थ इंडेक्स में 8.9 अंकों का इजाफा हुआ है। व्यय की गुणवत्ता में व्यापक सुधार हुआ है, वर्ष 2018 से 23 की अवधि में पूंजीगत व्यय, कुल व्यय के 14.8 फीसदी से 19.3 फीसदी के मध्य रहा। इस अवधि में यह अनुपात देश के प्रमुख राज्यों के औसत अनुपात से अधिक रहा।
औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने और रोजगार अवसरों के सृजन पर जोर
सीएम योगी के मुताबिक पिछले आठ वर्षों में प्रदेश को लगभग 45 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं जिसमें से 15 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव जमीन पर उतारे जा चुके हैं और 60 लाख नौकरियों के अवसर सृजित हुए हैं, इससे रोजगार की संभावनाएं बढ़ीं हैं, नये रोजगार सृजित हुए हैं। इस बार के बजट में 92 हजार नौकरी दिए जाने और बेरोजगारी दर को घटाने की बात कही गई है। विभिन्न सरकारी विभागों तथा निगमों आदि में आउटसोर्सिंग के आधार पर कार्यरत कार्मिकों के देय न्यूनतम पारिश्रमिक को 16 हजार रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 18 हजार रुपये के दायरे में लाने की बात कही गई है। यह पारिश्रमिक सीधे एकाउंट में मिल सके, यह सुनिश्चित किया जाएगा। आउटसोर्सिंग प्रक्रिया को सुनियोजित और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से सेवा निगम गठित किया जाएगा। प्रदेश को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में एक हब के रूप में विकसित करने के लिए लखनऊ में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिटी की स्थापना तथा साइबर सिक्योरिटी में टेक्नोलॉजी रिसर्च ट्रांसलेशन पार्क की नयी योजना बजट में शामिल की गई है।
रिलीजियस टूरिज्म बढ़ाने के लिए धार्मिक स्थलों में बुनियादी ढांचे को मजबूती दी जाएगी
इस बार के बजट में श्री बांके बिहारी जी मंदिर मथुरा-वृन्दावन कॉरिडोर के निर्माण व भूमि क्रय हेतु 150 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं। मीरजापुर के त्रिकोणीय क्षेत्र में परिक्रमा पथ एवं जन सुविधाओं के विकास हेतु भूमि खरीद व निर्माण के लिए 200 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं। नैमिषारण्य में पर्यटन अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु 100 करोड़ रुपये तथा वेद विज्ञान केन्द्र की स्थापना हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था। वहीं, चित्रकूट में पर्यटन अवस्थापना सुविधाओं के लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की जा रही है।
उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही बेटियों के लिए स्कूटी दिए जाने की योजना भी घोषित की गई है
योगी सरकार ने उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही मेधावी छात्राओं को पात्रता के आधार पर स्कूटी प्रदान किए की नई योजना का ऐलान किया है। रानी लक्ष्मी बाई के नाम से शुरू हो रही इस योजना के लिए चार सौ करोड़ का प्रावधान किया गया है। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सह शिक्षा की व्यवस्था के साथ-साथ बालिका छात्रावास का निर्माण, बालिकाओं का सशक्तिकरण, मीना मंच, आत्मा रक्षा प्रशिक्षण एवं संवेदीकरण सरीखी गतिविधियों को लागू किया जा रहा है। दर्जन भर जिलों मे संचालित आवासीय विद्यालय योजना में प्रत्येक विद्यालय में 100-100 बालक एवं बालिकाओं को प्रवेशित किए जाने का प्रावधान है।
कनेक्टिविटी बेहतर करने पर बजट में जोर, चार नए एक्सप्रेस वे बनेंगे
किसी भी राज्य के विकास को गति देने के ले सड़क परिवहन उन्नत करना प्राथमिक शर्त है। योगी सरकार के मुताबिक इस बार बजट में चार नये एक्सप्रेस-वेज के निर्माण का प्रावधान किया गया है। इसमें आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से गंगा एक्सप्रेस-वे कौसिया, जनपद हरदोई वाया फर्रुखाबाद तक प्रवेश नियंत्रित ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे, गंगा एक्सप्रेस-वे को प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, चंदौली होते हुए सोनभद्र से जोड़ते हुए विन्ध्य एक्सप्रेस-वे, मेरठ को हरिद्वार से जोड़ने हेतु गंगा एक्सप्रेस-वे विस्तारीकरण एक्सप्रेस-वे तथा बुन्देलखण्ड रीवा एक्सप्रेस-वे के लिए बजटीय प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही प्रयागराज में आवागमन को और सरल बनाने के लिए शास्त्री ब्रिज के पैरलल और एक सिग्नेचर ब्रिज के पैरलल नये पुलों के निर्माण हेतु प्रावधान किया गया है।
सीएम के महत्वाकांक्षी बजट को लेकर सियासी दलों की विपरीत प्रतिक्रिया
भले ही सीएम योगी आदित्यनाथ अपने कार्यकाल के इस चौथे बजट की तारीफ करते हुए इसे डबल इंजन की सरकार के अगले 25 वर्षों के रोडमैप के लिहाज से अहम बता रहे हों लेकिन विपक्षी खेमा इन दावों से मुतमईन नही है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि ये बीजेपी सरकार का 'सेकंड लास्ट' बजट था। बिना विजन का ये बजट घोषणा पत्र से मेल नहीं खाता है। सरकार का कोई रोडमैप तय नहीं था कि किस दिशा में उत्तर प्रदेश को ले जाना है। हर बजट में सरकार कहती है कि ये सबसे बड़ा बजट है इसके कोई मायने नहीं है। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि यूपी सरकार का ये बजट यदि व्यापक जनहित व जनकल्याण का ज्यादा होता तो यह बेहतर होता, जबकि महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ेपन को दूर करने व आमजन की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के प्रति पर्याप्त सरकारी नीयत-नीति का अभाव है। सही विकास कैसे संभव? बीजेपी की नीतियों से बहुजन समाज बदहाल है। वहीं, सपा महासचिव शिवपाल यादव ने तल्खी जताते हुए इस बजट को बीजेपी के एक बड़े घोटाले की पटकथा करार दिया। बजट को खारिज करते हुए कहा अगर यही विकास है तो जनता को अंधकार से कोई शिकायत नहीं होनी चाहिए।
बहरहाल, इस बजट को पीएम के 5T मंत्र यानी ट्रेड, टूरिज्म, टेक्नोलोजी, ट्रेडिशन और टैलेंट को आधारित माना जा रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि नया उत्तर प्रदेश अपनी लेबर फोर्स से इकॉनामिक फोर्स के रूप मे ख्याति हासिल करेगा। योगी मॉडल की छाप वाला आगामी वित्तीय वर्ष का ये बजट सूबे की इकोनामी के लिए बूस्टर डोज माना जा रहा है। वित्तीय मामलों के जानकार मानते हैं कि इस बजट के जरिए विकसित यूपी के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में कदम बढ़ाने में कामयाबी मिलेगी।
यूपी में सत्ता संभालने के बाद सीएम योगी द्वारा पेश बजट के फोकस के बिंदु
वर्ष 2017-18 का सीएम योगी का पहला बजट - किसानों को समर्पित था। वर्ष 2018-19 का दूसरा बजट- औद्योगिक विकास तथा बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के विकास के लिए समर्पित था। वर्ष 2019-20 तीसरा बजट- महिला सशक्तिकरण के लिए था। वर्ष 2020-21 चौथा बजट- युवा व इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए था। वर्ष 2021-22 में पांचवां बजट- स्वावलंबन से सशक्तिकरण और वर्ष 2022- 23 का बजट आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश एवं अंत्योदय की संकल्पना को समर्पित रहा। वर्ष 2023-24 का बजट आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की नींव को सुदृढ़ करने वाला बजट था। वहीं, वर्ष 2024-2025 के बजट को रामराज की संकल्पना वाला विकासोन्मुखी बजट करार दिया गया। जिसमें सुरक्षा-विकास-सुशासन पर फोकस था। तब सीएम योगी ने कहा था कि राजकोषीय अनुशासन के जरिए यूपी को रेवेन्यू सरप्लस वाला राज्य बना दिया गया है। वर्ष 2025-2026 का बजट भारत की सनातन संस्कृति के सर्वे भवन्तु सुखिनः की अवधारणा के अनुरूप वंचित को वरीयता थीम को समर्पित है।
योगी 2.0 सरकार द्वारा अब तक पेश किए गए बजट का ब्यौरा
--26 मई 2022 को योगी सरकार दूसरे कार्यकाल का पहला बजट 6, 15, 519 करोड़ रुपए के आकार था। जबकि इससे पिछला बजट 5.50 लाख करोड़ रुपए का था। तब दोबारा सत्ता में वापसी के बाद बीजेपी के संकल्प पत्र के 97 वादों को पूरा करने के लिए आवश्यक धन का प्रावधान इस बजट में किया गया था।
----साल 2022 में पहला अनुपूरक बजट 5 दिसंबर, 2022 को लाया गया था। यह 33 हजार 770 करोड़ रुपए आकार का था। इसके जरिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और महाकुंभ के लिए धन का प्रावधान किया गया था। औद्योगिक पार्कों को 8 हजार करोड़, 14 हजार करोड़ की नई योजनाएं इसमें शामिल थीं।
--22 फरवरी, 2023 को योगी सरकार ने अपना दूसरा बजट पेश किया था। छह लाख 90 हजार 242 करोड़ रुपये के इस बजट से युवा, किसान और बुनियादी ढांचे को तवज्जो दी गई थी। तब सीएम योगी ने कहा था कि बजट का आकार हमारे कुशल वित्तीय प्रबंधन का प्रमाण है। बीते वर्ष जनता पर कोई नया कर नहीं लगाया गया फिर भी राजस्व की वृद्धि हुई है। जनता को महंगाई से राहत देने के लिए पेट्रोल-डीजल पर वैट कम किया है। प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर पर बड़ा निवेश किया गया है।
----29 नवबंर, 2023 को 2023-2024 का पहला अनुपूरक बजट पेश हुआ था। 28760.67 करोड़ के इस अनुपूरक बजट में कई नई योजनाओं का भी प्रावधान किया गया है. अनुपूरक बजट में 7421 करोड़ की नई योजनाओं को जोड़ा गया था।
--5 फरवरी, 2024 को यूपी विधानसभा में प्रस्तुत तीसरा बजट प्रदेश के इतिहास में अबतक का सबसे बड़ा बजट था। जिसका आकार 7,36,437.71 करोड़ रुपये का था। इसमें 24,863.57 करोड़ रुपये की नई योजनाएं शामिल की गईं थीं। इस बजट में महिला, युवा, किसान और रोजगार सृजन पर सर्वाधिक जोर दिया गया था।
--इसके बाद दो अनुपूरक बजट लाए गए। जुलाई, 2024 में पहला अनुपूरक बजट 12,209.93 करोड़ रुपये का सरकार लाई थी। दूसरा अनुपूरक बजट 17 दिसंबर में 17,865.72 करोड़ रुपये का था। जो मूल बजट का 2.42 फीसदी था। इसमें 790.49 करोड़ रुपये के नए प्रस्ताव शामिल किए गए थे। दोनों अनुपूरक बजट मिलाकर चालू वित्तीय वर्ष का कुल बजट 7,66,513.36 करोड़ रुपये पहुंच गया था।