Tuesday 6th of May 2025

यूपी कैबिनेट ने ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) नीति को प्रदान की मंजूरी

Reported by: Gyanendra Kumar Shukla, Editor, PTC News UP  |  Edited by: Mohd. Zuber Khan  |  May 06th 2025 07:35 PM  |  Updated: May 06th 2025 07:35 PM

यूपी कैबिनेट ने ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) नीति को प्रदान की मंजूरी

लखनऊ: आज 'ग्लोबल केपेबिलिटी सेंटर्स (GCC) नीति' को कैबिनेट ने मंजूरी प्रदान कर दी है। इस नीति का मकसद यूपी को भारत का अगला वैश्विक सेवा केंद्र बनाना है और प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य तक पहुंचाना है। नई नीति के तहत यूपी में आईटी, बैंकिंग, हेल्थकेयर, इंजीनियरिंग और अगली पीढ़ी की तकनीकों में काम करने वाली वैश्विक कंपनियों को बड़े पैमाने पर निवेश के लिए आकर्षित किया जाएगा। इससे न केवल रोजगार के लाखों अवसर खुलेंगे, बल्कि प्रदेश के टियर-2 शहरों में भी आर्थिक गतिविधियों में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लोकभवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में इस नीति को मंजूरी दी गई। वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में कुल 11 प्रस्ताव रखे गए और सभी 11 प्रस्तावों को हरी झंडी मिल गई। 

आउटसोर्स के लिए भारत आ रहीं मल्टीनेशनल कंपनियां 

नीति के संबंध में प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास आलोक कुमार ने बताया कि प्रदेश में साइंस, लॉ, इंजीनियरिंग समेत बहुत सारे सेक्टर्स का टैलेंट काफी बड़ी मात्रा में मौजूद है। कम पैसे में बेहतर क्वालिटी का काम लेने के लिए कई मल्टीनेशनल कंपनियां अपने ऑफशोर डेवलपमेंट सेंटर्स यहीं पर स्थापित कर रही हैं। इसे ही ग्लोबल कैपेसिटी सेंटर कहते हैं। इसमें पहले नंबर पर सॉफ्टवेयर और आईटी आता है, जिसमें मशीन लर्निंग, क्लाउड कंप्यूटिंग, रोबोटिक प्रॉसेस ऑटोमेशन, एआई संचालित डेवलपमेंट, साइबर सुरक्षा, इंजीनियरिंग डेवलपमेंट आते हैं। इंजीनियरिंग डिजाइन का बहुत सारा एलीमेंट है जो बहुत कॉस्टली और टाइम कंज्यूमिंग होता है और हम काफी सस्ते दामों में और उच्च गुणवत्ता के साथ इस काम को कर सकते हैं। इसी प्रकार से बैंक्स, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस सेक्टर में बहुत सारे काम आउटसोर्स करने के लिए मल्टीनेशन कंपनियां भारत आ रही हैं। इसी तरह, ऑटोमोटिव सेक्टर, इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर विनिर्माण सेक्टर की भी बहुत सारी कंपनियां यहां आई हैं। उनके सॉफ्टवेयर डेवलपिंग का बहुत सारा काम इन जीसीसी में होगा। उन्होंने बताया कि आज भारत में लगभग 1700 जीसीसी हैं और इनके तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। नोएडा में अभी माइक्रोसॉफ्ट ने 10 हजार सीटर डेवलपमेंट सेंटर का शिलान्यास किया है। एमएक्यू ने भी 3 हजार सीटर इंजीनियरिंग डेवलपमेंट सेंटर का सेटअप किया है। हमको एनसीआर और नोएडा के साथ ही वाराणसी, कानपुर और प्रयागराज जैसे शहरों में भी इन सेंटर्स को लाने की व्यवस्था करनी है। 

देश में सबसे आकर्षक प्रोत्साहन पैकेज

योगी सरकार द्वारा घोषित यह नीति भारत की सबसे प्रतिस्पर्धी और समर्पित नीति मानी जा रही है। इसमें निवेशकों को संचालन से लेकर कौशल विकास तक हर स्तर पर व्यापक सहायता मिलेगी। इसके तहत, ऑपरेशनल सब्सिडी के अंतर्गत किराया, बिजली, बैंडविड्थ और डेटा सर्विस पर 20% सब्सिडी, ₹80 करोड़ तक की सहायता प्राप्त होगी। वहीं, पेरोल सब्सिडी के तहत यूपी निवासी कर्मचारियों के वेतन पर ₹1.8 लाख तक प्रतिवर्ष की प्रतिपूर्ति का लाभ मिलेगा। फ्रेशर और इंटर्न सब्सिडी के तहत नए ग्रेजुएट्स को भर्ती करने पर ₹20,000 और इंटर्नशिप पर ₹5000 प्रति माह तक की सहायता प्राप्त होगी। ईपीएफ, ट्रेनिंग और R&D अनुदान के तहत सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए विशेष प्रावधान किया गया है। वहीं, भूमि व स्टांप ड्यूटी में छूट, पूंजी और ब्याज पर सब्सिडी, साथ ही SGST की प्रतिपूर्ति भी इसमें शामिल है। सिंगल विंडो सिस्टम के तहत इन्वेस्ट यूपी के जरिए सारी स्वीकृतियां ऑनलाइन और सरल होंगी। 

2 लाख नई नौकरियों का रास्ता साफ

इस नीति के लागू होने से आईटी, एनालिटिक्स, एचआर, कस्टमर सपोर्ट और फाइनेंस जैसे क्षेत्रों में 2 लाख से ज्यादा गुणवत्तापूर्ण नौकरियां सृजित होंगी। साथ ही, वैश्विक निवेश भी तेजी से प्रदेश में प्रवेश करेगा। इससे न केवल शहरी बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी आर्थिक विकास को गति मिलेगी। जीसीसी नीति महिलाओं, एससी/एसटी, ट्रांसजेंडर और दिव्यांगजनों के लिए रोजगार में विशेष प्रोत्साहन देती है। इसके अलावा, स्टार्टअप्स को आइडिएशन, पेटेंट और रिसर्च के लिए भी भरपूर मदद दी जाएगी।

दूर होगी अनियोजित पार्किंग की समस्या, नगर निगमों को मिलेगा आय का स्रोत

योगी कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश नगर निगम (पार्किंग स्थान का सन्निर्माण, अनुरक्षण व प्रचालन) नियमावली 2025 प्रख्यापित करने के प्रस्ताव को भी अनुमोदित किया है। नगर विकास व ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि प्रदेश में निजी वाहनों में भारी वृद्धि के कारण सड़कों के साथ-साथ पार्किंग स्थलों पर भी दबाव बढ़ रहा है। ऐसे में अनियोजित पार्किंग की समस्या विकराल होती जा रही है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के नगर निगमों में एक समान पार्किंग नियम लागू किए जाने का अनुमोदन किया गया है। नियमावली जारी होने से न केवल पार्किंग जनित राजस्व में वृद्धि होगी और हानि को रोका जा सकेगा। स्मार्ट तकनीक के उपयोग से पार्किंग स्थलों का प्रभावी ढंग से प्रबंधन हो सकेगा। पार्किंग शुल्क नगर निगमों की आय का नियमित स्रोत बनेगा और यह नागरिक सुविधाओं व सेवाएं उपलब्ध कराने का माध्यम बनेगा। इससे जनसामान्य को सुगम पार्किंग सुविधा मिलेगी जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या का प्रभावी समाधान, एक समान पार्किंग शुल्क निर्धारण और शहरों के नियोजित विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।

स्टेज कैरिज बस अड्डा, कॉन्ट्रैक्ट कैरिज व ऑल इंडिया टूरिस्ट बस पार्क की होगी स्थापना

योगी कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश स्टेज कैरिज बस अड्डा, कॉन्ट्रैक्ट कैरिज व ऑल इंडिया टूर्स्ट बस पार्क (स्थापना एवं विनियमन) नीति-2025 को भी मंजूर कर लिया है। इससे प्रदेश में यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी। वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि नीति के अंतर्गत प्रदेश भर में बस अड्डों/पार्कों की स्थापना के लिए आवेदन आमंत्रण जिलाधिकारी की अध्यक्षता में होगा। उनके द्वारा स्टेड कैरिज बस अड्डा, कॉन्ट्रैक्ट कैरिज व ऑल इंडिया टूरिस्ट पार्क नियामक प्राधिकारी का गठन किया जाएगा। नीति के अंतर्गत स्टेट कैरिज बस अड्डा, कॉन्ट्रैक्ट कैरिज व ऑल इंडिया टूरिस्ट बस पार्क की स्थापना के लिए कम से कम 2 एकड़ भूमि होने तथा आवेदक की एनुअल नेटवर्थ कम से कम 50 लाख व टर्नओवर 2 करोड़ रुपए प्राविधानित है। आवेदन इंडीविजुअल व कंसोर्टियम के रूप में हो सकेंगे। किसी एक आवेदक को प्रदेश में 10 से अधिक, एक जिले में 2 से अधिक और एक ही मार्ग पर 1 से अधिक बस अड्डा व टूरिस्ट बस पार्क स्थापित करने की अनुमति नहीं मिलेगी। निजी निवेश से स्थापना पर संचालन के लिए पहली बार 10 वर्षों के लिए अनुमति दी जाएगी जिसका आगे 10 वर्षों के लिए नवीनीकरण हो सकता है। स्वामित्व का हस्तांतरण 1 वर्ष के पहले नहीं किया जा सकेगा। 

2025-26 की स्थानांतरण नीति को भी मिली मंजूरी 

योगी सरकार द्वारा स्थानांतरण नीति को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रभावी किया गया है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि नई नीति में पिछली नीति के ज्यादातर प्रावधानों को शामिल किया गया है। इसके जरिए  जून 2025 तक समूह क व ख के जो अधिकारी किसी जिले में सेवाकाल के 3 वर्ष पूरे कर चुके हैं उन्हें अन्य जिलों में तथा मंडल में 7 वर्ष पूरे कर चुके अधिकारी व कर्मचारियों का स्थानांतरण किया जाएगा। मंडलीय कार्यालयों में की गई तैनाती इस अवधि में नहीं गिनी जाएगी मगर यहां भी 3 वर्ष से अधिक कार्यरत अधिकारी व कर्मचारियों को प्राथमिकता के आधार पर स्थानांतरित किया जाएगा। स्थानांतरण समूह क व ख के संवर्गवार कार्यरत अधिकारियों की संख्या के अधिकतम 20 प्रतिशत व समूह ग व घ में यह क्रमशः 10 प्रतिशत रहेगा। समूह ख व ग के लिए मेरिट बेस्ड ऑनलाइन सिस्टम के आधार पर की जाएगी। इस क्रम में मंदित बच्चों व पूर्णतः दिव्यांग बच्चों के माता-पिता की तैनाती ऐसे स्थानों पर हो सकेगी जहां उचित देखभाल और चिकित्सा की समुचित व्यवस्था होगी।

Latest News

PTC NETWORK
© 2025 PTC News Uttar Pradesh. All Rights Reserved.
Powered by PTC Network