लखनऊ: प्रदेश की विद्युत व्यवस्था में सुधार के लिए ऊर्जा मंत्री के प्रयासों एवं उनकी दूरदर्शी सोच से नित नए आयाम जुड़ रहे। प्रदेश की विशाल आबादी की जरूरतों के मुताबिक तथा अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए विद्युत तंत्र में व्यापक सुधार किया जा रहा। ऊर्जा मंत्री ने यह भी समझा था कि जोनल अधिकारियों का कार्य क्षेत्र बड़ा होने तथा कार्य का दबाव अधिक होने से विद्युत कार्यों एवं व्यवस्था की सही से मॉनिटरिंग नहीं हो पा रही। साथ ही उपभोक्ताओं की शिकायतों का भी समय से समाधान नहीं किया जा रहा। इसके लिए उन्होंने जोन के कार्यक्षेत्र को कम करने के लिए और जोन बनाने का निर्देश दिया था।
विद्युत क्षेत्र में सुधार के लिए ऊ॰ प्र॰ में नया प्रशासनिक ढाँचा बनाया...⁃ पूरे बिजली तंत्र का पुनः गठन कर अभी तक के २५ जोन की जगह ४० जोन बनाये गए;⁃ बड़े शहर वाले ज़िलों में महानगर और बाक़ी नगरीय/ग्रामीण क्षेत्र के अलग जोन बनाये गये;⁃ लखनऊ एवं ग़ाज़ियाबाद शहरों के जोन को… pic.twitter.com/q6aI6jRLzb
— A K Sharma (@aksharmaBharat) October 14, 2023
40 जोन बनाने का आदेश
प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने बताया कि दिए गए निर्देशों के क्रम में उप्र पावर कारपोरेशन के सहयोगी वितरण निगमों के अंतर्गत वर्तमान में क्रियाशील 25 वितरण क्षेत्र (जोन) की संख्या को बढ़ाकर 40 जोन बनाने संबंधी पुनर्गठन का आदेश जारी कर दिया गया है। इस पुनर्गठन में सभी महानगरों को अलग जोन बना दिया गया है। मंडल मुख्यालय के जोन से जुड़े अन्य जिलों का अलग जोन बना दिया गया है।
इन शहरों व महानगरों में बनाया बिजली का अलग जोन
ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने बताया कि अब वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज, अलीगढ़, बरेली, आगरा, मेरठ, मथुरा, बिजनौर जैसे बड़े शहरों व महानगरों के लिए बिजली का अलग जोन बनाया गया है, जिससे उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा दी जा सकेगी। अभी तक यहाँ नगरीय और ग्रामीण जोन का विभाजन नहीं था। इस विभाजन से उन जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों सहित अन्य इलाकों के अलग जोन बन जाएंगे, जिससे उन क्षेत्रों में बेहतर मॉनिटरिंग हो सकेगी। इसी कड़ी में लखनऊ एवं गाजियाबाद जैसे बड़े शहरों के जोन को पुनः विभाजित कर और छोटा बनाया गया है, जिससे मॉनिटरिंग बेहतर हो सके। लखनऊ में वर्तमान दो की जगह अब 4 जोन होंगे। वहीं गाजियाबाद में वर्तमान एक की जगह अब तीन जोन होंगे।
1 जनवरी 2024 से दिए जाएंगे मुख्य अभियंताओं का कार्य के अधिकार
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि नवसृजित जोन सीतापुर, रायबरेली, एटा, फिरोजाबाद, मथुरा, गजरौला तथा मुजफ्फरनगर का मुख्यालय अपने इंगित स्थान पर होगा। अन्य सभी जोन के मुख्यालय पूर्ववत रहेंगे। नवसृजित जोन के लिए नये पदों का सृजन नहीं किया जाएगा। जोन के लिए जरूरी पदों की व्यवस्था संबंधित वितरण निगम द्वारा उपलब्ध मानव संसाधन से की जाएगी। पूर्व से स्वीकृत कार्यों के लिए निविदा प्रक्रिया मूल जोन से ही होगी। नवसृजित जोन के मुख्य अभियंताओं को इन कार्यों के लिए सभी अधिकार 1 जनवरी, 2024 से दिए जाएंगे। इस पुनर्गठन से महानगरों की बिजली व्यवस्था और बेहतर हो सकेगी। मंडल मुख्यालय के जिलों की बिजली वितरण व्यवस्था में भी सुधार होगा। योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आएगी, कार्यों की बेहतर मॉनिटरिंग भी की जा सकेंगी। साथ ही उपभोक्ताओं की शिकायतों का भी त्वरित समाधान किया जा सकेगा।पुनर्गठन के बाद बने नए जोन