ब्यूरोः लखनऊ में वेतन बढ़ोतरी सहित कई मांगों को लेकर डायल 112 में कार्यरत महिला कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। अपनी मांगों को लेकर सोमवार दोपहर से धरने पर महिला कर्मचारी बैठी थी और रातभर डायल 112 मुख्यालय के समक्ष धरना दिया.
महिलाओं ने पुलिस पर लगाया पिटाई करने का आरोप
जानकारी के अनुसार डायल 112 में कार्यरत महिला कर्मचारी आज सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने जा रही, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इस दौरान पुलिस औफ महिला कर्मचारियों में झड़प हुई और कर्मियों को जबरन वैन में डालकर इको गार्डन भेज दिया। इसी दौरान डायल 112 की महिलाओं से महिला सपा नेता पूजा शुक्ला मिलने पहुंची और उनकी समस्याओं को सुना। इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनकी पिटाई की है।
ये ‘डॉयल 100’ के किसी एक ‘संवाद अधिकारी’ का ‘पीड़ा-पत्र’ नहीं है बल्कि हर एक का है। मुख्यमंत्री जी से मिलने से पहले ही, रात भर ठंड में बैठकर अपनी माँग करनेवाली बहन-बेटियों को सुबह हिरासत में ले लिया गया।भाजपा का नारी वंदन का सत्य रूप ‘नारी बंधन’ है। शर्मनाक, निंदनीय, असहनीय! pic.twitter.com/64yqBKHTuH
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 7, 2023
अखिलेश यादव ने डायल 112 की महिला कर्मियों का किया समर्थन
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने डायल 112 की महिला कर्मियों का समर्थन करते हुए उनका मांग पत्र सोशल मीडिया साइट एक्स पर शेयर किया है। इस मामले पर अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि ये ‘डॉयल 100’ के किसी एक ‘संवाद अधिकारी’ का ‘पीड़ा-पत्र’ नहीं है बल्कि हर एक का है। मुख्यमंत्री जी से मिलने से पहले ही, रात भर ठंड में बैठकर अपनी माँग करनेवाली बहन-बेटियों को सुबह हिरासत में ले लिया गया।भाजपा का नारी वंदन का सत्य रूप ‘नारी बंधन’ है। शर्मनाक, निंदनीय, असहनीय!
अब सुनने में आया है कि ‘डायल 100’ का ठेका भी पोर्ट, एयरपोर्ट, रेल की तरह किसी ‘प्रिय पार्टनर’ को दिया जा रहा है । महिलाओं को आरक्षण देने की बात करनेवाले उन्हें हिरासत दे रहे हैं। कहीं नाम बदलनेवालों ने ‘आरक्षण’ का नाम ‘हिरासत’ तो नहीं कर दिया है। pic.twitter.com/dQ5VHSVjSm
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 7, 2023
दूसरे पोस्ट में उन्होंने लिखा कि अब सुनने में आया है कि ‘डायल 100’ का ठेका भी पोर्ट, एयरपोर्ट, रेल की तरह किसी ‘प्रिय पार्टनर’ को दिया जा रहा है । महिलाओं को आरक्षण देने की बात करनेवाले उन्हें हिरासत दे रहे हैं। कहीं नाम बदलनेवालों ने ‘आरक्षण’ का नाम ‘हिरासत’ तो नहीं कर दिया है।