ब्यूरो: भारत के लोकतांत्रिक महापर्व की शुरुआत 19 अप्रैल से पहले चरण के वोटिंग के बाद से ही शुरू हो गया है। सभी राजनीतिक दल अपने उम्मीदवार को जिताने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। तीसरे चरण के वोटिंग के साथ ही लोकसभा के आधे से अधिक सीटों पर चुनाव संपन्न हो चुका है। देश भर में तीनों चरणों में कुल 283 लोकसभा सीटों पर चुनाव हुआ है। अब बचे हुए चार चरणों में 260 सीटों पर चुनाव होना है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कौन सा ऐसा राज्य है जहां सबसे ज्यादा प्रत्यासियों की जमानत जब्त होती है ? आइए हम आपको बताते हैं।
बता दें, लोकसभा चुनाव में प्रत्येक उम्मीदवार को जमानत के तौर पर चुनाव आयोग के पास एक निर्धारित राशि जमा करनी होती है। प्रत्याशियों द्वारा जमा किए गए इस धनराशि को ‘जमानत राशि’ अथवा सिक्योरिटी डिपॉजिट कहते हैं। चुनाव आचरण नियम, 1961 (The Conduct Of Election Rules,1961) में इसकी व्यवस्था की गई है। ऐसे में यदि किसी प्रत्याशी को कुल मतदान का छठवां हिस्सा या 16.67 प्रतिशत वोट नहीं मिलते हैं तो उसकी जमानत राशि जब्त हो जाती है। साथ ही नामांकन खारिज होने या वापस लेने पर भी यह राशि लौटाई नहीं जाती है। सिक्योरिटी डिपॉजिट के रूप में सामान्य कैटेगरी के उम्मीदवारों को जहां 25000 रुपये जमानत राशि जमा करनी होती है। तो वहीं, एससी-एसटी कैंडिडेट को 12500 हजार रुपए देने होते हैं।
पिछले चार लोकसभा चुनावों से यूपी के नाम है यह रिकार्ड
पिछले चार लोकसभा चुनावों के नतीजे को देखें तो जमानत जब्त कराने के मामले में उत्तर प्रदेश नंबर एक स्थान पर है। 2004 से लेकर 2019 लोकसभा के नतीजे देखें तो यूपी के नेता जमानत जब्त कराने के मामले में पहले स्थान पर रहे हैं। यूपी में 2004 में 907, 2009 में 1155 , 2014 में 1087 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई थी। वहीं, पिछले लोकसभा चुनाव यानी 2019 में यूपी के 819 प्रत्यासी अपनी जमानत नहीं बचा पाए थे। दूसरे नंबर पर तमिलनाडु था, जहां 774 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। वहीं, तीसरे नंबर पर महाराष्ट्र था, जहां 768 उम्मीदवार जमानत नहीं बचा पाए थे।