लखनऊः उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में वायरल बुखार और डेंगू से हाहाकार मचा हुआ है। शहर के बड़े सरकारी अस्पतालों में बुखार से पीड़ित मरीजों के कारण बेड फुल हो चुके है। बुखार से पीड़ित सैकड़ों मरीज रोजाना स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंच रहे हैं।
ग्रामीण इलाकों के सीएचसी केंद्रों पर व्यवस्थाएं दुरुस्त न होने के कारण लोग प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने के लिए मजबूर है। जहां इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूली जा रही। पीटीसी न्यूज संवाददाता जय कृष्ण ने लखनऊ के सिसेंडी गांव से ग्राउंड रिपोर्ट तैयार की है। जहां करीब 300 से अधिक मरीज बुखार से परेशान हैं।
तीमारदारों ने सरकारी सिस्टम पर उठाए सवाल
बुखार से पीड़ित मरीजों और उनके तीमारदारों ने सरकारी सिस्टम पर सवाल उठाए हैं। कमोबेश यही स्थिति लखनऊ के अन्य इलाकों की है। परिजनों का मुताबिक सीएचसी केंद्रों पर जांच और इलाज की सुविधा दुरुस्त नहीं है। जिला अस्पतालों में लंबी कतारें हैं। अपनी बारी का इंतजार करते - करते मरीज की सांस उखड़ने लगती हैं। अस्पतालों में इलाज तो दूर डॉक्टर सही सलाह तक नहीं देते।
लखनऊ के निवासी सुरेश सिंह का पूरा परिवार वायरल फीवर की चपेट में आ गया। वह अपनी बेटी को लेकर एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटकते रहे, लेकिन न समय पर जांच हुई और न ही इलाज मिला। बेटी की जान बचाने के लिए प्राइवेट अस्पताल गए। वहां इलाज तो मिला लेकिन बिल लाखों में आया। पड़ोसियों से मदद मांग कर अस्पताल का बिल भर दिया, लेकिन कर्ज का बोझ मानसिक तनाव बढ़ रहा है।
सिसेंडी इलाके के मरीजों की जांच की गईः सीएचसी अधीक्षक
इसको लेकर मोहनलालगंज सीएचसी अधीक्षक डॉ अशोक कुमार ने कहा कि सिसेंडी इलाके के मरीजों की जांच की गई। डेंगू, मलेरिया की रिपोर्ट नेगेटिव आई। साथ में उन्होंने कहा कि रहस्यमयी बुखार की वजह क्या है, इसकी जानकारी नहीं है। अब तक सीएचसी का सैंपल जांच के लिए लोकबंधु अस्पताल भेजा जाता था, अब सीबीसी की जांच हो सकेगी।