सर्वाधिक मामलों के निस्तारण में भी उत्तर प्रदेश पुलिस देश में नंबर वन (Photo Credit: File)
देश में इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के तहत अभियोजन से संबंधित मामले दर्ज करने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने लगातार दूसरे वर्ष प्रथम स्थान प्राप्त किया है। डिजिटल इंडिया मिशन के तहत केंद्र सरकार द्वारा प्रबंधित पोर्टल, इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के तहत पुलिस विभाग और अभियोजन निदेशालय के बीच संचार सुनिश्चित करता है।
आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में पोर्टल पर 1,11,86,030 मामले दर्ज किए गए हैं जबकि मध्य प्रदेश में 29,3,335 तथा बिहार में 11,89,288 मामले दर्ज हुए हैं। 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामलों में उत्तर प्रदेश में सजा दर राष्ट्रीय औसत 26.5% के मुकाबले 59.1% थी।
सजा सुनिश्चित करने में राज्य ने लगातार सुधार किया है। दुष्कर्म के मामलों में 2020 में 177 की तुलना में 2022 में 671 मामलों में सजा हुई। इसी तरह पॉक्सो एक्ट के तहत 2020 में 535 की तुलना में 2,313 सजा हुई।
बता दें कि यह अदालतों, पुलिस, जेलों और फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं के बीच डेटा के हस्तांतरण को सक्षम बनाता है जिसका उद्देश्य पीड़ितों और उनके परिवारों को समय पर न्याय प्रदान करना है। एडीजी आशुतोष पांडे ने बताया कि उच्च स्तर पर कई रणनीतियां तैयार की जा रही थीं, जिससे यूपी पुलिस को उपलब्धि हासिल करने में मदद मिली।
अधिकारी ने कहा कि हमने चार्जशीट स्तर पर कानूनी राय अनिवार्य कर दी है। जबकि चार्ज फ्रेमिंग, रिमांड, जमानत रद्द करना, शत्रुतापूर्ण गवाह और अंतिम तर्क जैसे महत्वपूर्ण चरणों के लिए एसओपी बनाए गए हैं।