Saturday 3rd of May 2025

डिजिटल कक्षाओं एवं फ्रंटियर टेक्नोलॉजी के समावेश से उत्तर प्रदेश बना तकनीकी शिक्षा में अग्रणी

Reported by: PTC News उत्तर प्रदेश Desk  |  Edited by: Mangala Tiwari  |  May 02nd 2025 04:28 PM  |  Updated: May 02nd 2025 04:28 PM

डिजिटल कक्षाओं एवं फ्रंटियर टेक्नोलॉजी के समावेश से उत्तर प्रदेश बना तकनीकी शिक्षा में अग्रणी

Lucknow: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्राविधिक एवं व्यावसायिक शिक्षा में नवाचारों के समावेश एवं व्यवहारिक प्रशिक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि विगत आठ वर्षों में तकनीकी शिक्षा को अधिक सुलभ, गुणवत्तापूर्ण, नवाचारपरक एवं परिणामोन्मुखी बनाने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा अनेक ठोस पहलें की गई हैं, जिनके उत्साहवर्धक परिणाम परिलक्षित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए सभी प्राविधिक संस्थान नैक, एनबीए तथा एनआईआरएफ मूल्यांकन में प्रतिभाग करें, परंतु आवेदन से पूर्व व्यापक तैयारी अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री ने राज्य संस्थागत रैंकिंग रूपरेखा (SIRF) के तहत राजकीय एवं अनुदानित पॉलिटेक्निक संस्थानों की रैंकिंग की सराहना करते हुए इसके अंतर्गत निजी संस्थानों को भी सम्मिलित करने के निर्देश दिए, ताकि समस्त संस्थानों में गुणवत्ता की समान मानक सुनिश्चित हो सकें। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा विभागों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में प्राविधिक शिक्षा मंत्री श्री आशीष पटेल तथा व्यावसायिक शिक्षा मंत्री श्री कपिल देव अग्रवाल भी उपस्थित थे।

प्रतिष्ठित कंपनियों में प्लेसमेंट:

बैठक के दौरान अवगत कराया गया कि डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय, लखनऊ में वर्ष 2024-25 हेतु कुल 1.64 लाख सीटों पर नामांकन हुआ है। विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप पाठ्यक्रमों का पुनर्गठन किया गया है, जिसमें MOOC आधारित अध्ययन, चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम, मल्टीपल एंट्री-एग्जिट तथा इंटीग्रेटेड प्रोग्राम सम्मिलित किए गए हैं। सत्र 2023-24 में विश्वविद्यालय के 12,739 छात्रों को रोजगार प्राप्त हुआ, जिसमें अधिकतम वार्षिक वेतन ₹59.91 लाख रहा। इसी प्रकार, एमएमएमयूटी, गोरखपुर में वर्ष 2023-24 में छात्रों को ₹52 लाख वार्षिक वेतन तक के पैकेज पर प्रतिष्ठित कंपनियों में प्लेसमेंट मिला।

व्यवहारिक अध्ययन को सशक्त बनाने के निर्देश:

मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालयों एवं इंजीनियरिंग कॉलेजों में व्यवहारिक अध्ययन को और अधिक सशक्त बनाने के निर्देश दिए तथा गुणवत्तापूर्ण प्रयोगशालाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर बल दिया। उन्होंने शैक्षणिक एवं गैर-शैक्षणिक श्रेणी के सभी रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश भी दिए।

स्थानीय औद्योगिक आवश्यकताओं को प्राथमिकता: सीएम

मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि नवस्थापित राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बस्ती, गोंडा, मीरजापुर एवं प्रतापगढ़ के भवन निर्माण तथा परिसर विकास से जुड़ी सभी परियोजनाएं निर्धारित समयसीमा के भीतर पूर्ण की जाएं, ताकि अगले शैक्षणिक सत्र से यह कॉलेज अपने निजी परिसरों से संचालित हो सकें। उन्होंने कहा कि किसी भी संस्थान में नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत करते समय स्थानीय औद्योगिक आवश्यकताओं एवं संभावनाओं को प्राथमिकता दी जाए।

1.15 लाख से अधिक छात्र अध्ययनरत:

तकनीकी शिक्षा के डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की समीक्षा के दौरान जानकारी दी गई कि वर्तमान में प्रदेश में कुल 2139 पॉलीटेक्निक संस्थान संचालित हो रहे हैं, जिनमें 147 राजकीय, 18 पीपीपी मोड, 19 अनुदानित एवं 1948 निजी संस्थान शामिल हैं। इन संस्थानों में 2.68 लाख से अधिक प्रवेश क्षमता उपलब्ध है, जिनमें 1.15 लाख से अधिक छात्र अध्ययनरत हैं।

39 नए राजकीय पॉलीटेक्निक स्थापित:

विभाग द्वारा डिजिटल कक्षाएं, आधार आधारित बायोमैट्रिक उपस्थिति, उद्योग-संलग्न पाठ्यक्रम, तथा फ्रंटियर टेक्नोलॉजी जैसे ड्रोन टेक्नोलॉजी, साइबर सिक्योरिटी, डेटा साइंस एवं मशीन लर्निंग को पाठ्यक्रमों में समाहित किया गया है। वर्ष 2017 से अब तक प्रदेश में 39 नए राजकीय पॉलीटेक्निक स्थापित किए गए हैं तथा 13,000 से अधिक शिक्षकों एवं अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है।

कुशल प्रशिक्षकों से सुसज्जित प्रयोगशालाएं:

मुख्यमंत्री को व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान में 324 राजकीय एवं 2982 निजी आईटीआई प्रदेश में संचालित हैं। टाटा टेक्नोलॉजी लिमिटेड के सहयोग से 212 राजकीय आईटीआई को आधुनिक प्रयोगशालाओं एवं कुशल प्रशिक्षकों से सुसज्जित कर उन्नत बनाया गया है। इन संस्थानों में दीर्घकालिक ट्रेड्स के साथ-साथ स्वल्पकालिक कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम भी संचालित किए जा रहे हैं। वर्ष 2024-25 में लगभग 1.25 लाख प्रशिक्षुओं को अप्रेंटिसशिप एवं रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं। प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के अंतर्गत अब तक 30,000 से अधिक छात्रों द्वारा आवेदन किया जा चुका है।

कौशल प्रयोगशालाएं की गई स्थापित:

यह भी अवगत कराया गया कि सीएसआर फंड के माध्यम से राज्य के 37 से अधिक जनपदों में प्रतिष्ठित औद्योगिक इकाइयों द्वारा आधुनिक कौशल प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं। साथ ही, मासिक प्लेसमेंट डे के आयोजन से युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने में सफलता मिली है। एनपीएस और सीएमएपीएस योजनाओं के अंतर्गत पिछले पाँच वर्षों में 2.67 लाख से अधिक अप्रेंटिस नियुक्त किए गए हैं।

युवा शक्ति को तकनीकी रूप से सशक्त बनाना प्राथमिकता:

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा को उद्योगों से और अधिक गहराई से जोड़ा जाए तथा प्रत्येक छात्र को प्रशिक्षण के साथ एक निश्चित अवधि की औद्योगिक इंटर्नशिप सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की युवा शक्ति को तकनीकी रूप से सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाना सरकार की प्राथमिकता है। शिक्षा केवल प्रमाण-पत्र प्राप्ति का माध्यम न होकर एक व्यवहारिक, कौशलपूर्ण एवं उपयोगी प्रणाली होनी चाहिए।

दूरदर्शी एवं सुदृढ़ नीति के साथ आगे बढ़ रहा यूपी:

मुख्यमंत्री ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि उत्तर प्रदेश तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में दूरदर्शी एवं सुदृढ़ नीति के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी योजनाओं एवं कार्यक्रमों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए और प्रत्येक युवा को उसके कौशल के अनुरूप अवसर उपलब्ध कराए जाएं, ताकि 'आत्मनिर्भर भारत' की परिकल्पना को साकार किया जा सके।

Latest News

PTC NETWORK
© 2025 PTC News Uttar Pradesh. All Rights Reserved.
Powered by PTC Network