Wednesday 19th of November 2025

छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार में उत्तर प्रदेश का दबदबा, उत्तरी क्षेत्र में पहला दूसरा और तीसरा तीनो पुरस्कार मिले

Reported by: Gyanendra Kumar Shukla, Editor, PTC News UP  |  Edited by: Dishant Kumar  |  November 19th 2025 12:00 PM  |  Updated: November 19th 2025 12:00 PM

छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार में उत्तर प्रदेश का दबदबा, उत्तरी क्षेत्र में पहला दूसरा और तीसरा तीनो पुरस्कार मिले

वाराणसी, उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए प्रतिबद्ध डबल इंजन सरकार की नीतियां पूरे देश में विशिष्ट पहचान बना रही है। प्रदेश ने जल संरक्षण की दिशा में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है, जिसे अब राष्ट्रीय पटल पर भी मान्यता मिल गई है। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को को छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार (2024) समारोह में जल संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले जिलों का सम्मान किया। उत्तरी क्षेत्र में पहला स्थान मीरजापुर, दूसरा वाराणसी तो तीसरा स्थान  जालौन को मिला इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले ने उत्तरी क्षेत्र में 'सर्वश्रेष्ठ जिला' के रूप में द्वितीय स्थान प्राप्त किया। 

इस उपलब्धि के लिए जिले को ₹2 करोड़ का नकद पुरस्कार भी प्रदान किया गया। वहीं, जल संचय जन भागीदारी केटेगरी में देश के टॉप-10 नगर निगम में गोरखपुर को तीसरा पुरस्कार मिला है। उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों को मिला यह राष्ट्रीय सम्मान यह स्पष्ट करता है कि योगी सरकार की दूरदर्शी नीतियां और स्थानीय प्रशासन की कुशल पहलें जल संरक्षण व सतत विकास के क्षेत्र में वास्तविक परिवर्तन ला रही हैं।

जल संचयन व नदी कायाकल्प में वाराणसी का सराहनीय प्रदर्शन

वाराणसी जिले में जल संरक्षण के क्षेत्र में प्रमुख पहलें विशेष रूप से सराहनीय रही हैं। जनपद में 25,000 से अधिक जल संचयन संरचनाओं का निर्माण किया गया, जिससे भूजल स्तर में उल्लेखनीय सुधार हुआ। इसके साथ ही नदी कायाकल्प परियोजनाओं और सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से जल संरक्षण की दिशा में जन जागरूकता बढ़ाई गई। इन पहलों ने जिले को उत्तर भारत में जल प्रबंधन के क्षेत्र में एक आदर्श मॉडल के रूप में स्थापित किया।

योगी सरकार की नीतियों का प्रभाव

यह पुरस्कार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सशक्त और प्रभावी जल नीतियों का प्रत्यक्ष परिणाम है, जिन्होंने जिले में जल संरक्षण और जल उपयोग की श्रेष्ठ प्रथाओं को बढ़ावा दिया। इसी श्रेणी में मीरजापुर को प्रथम स्थान और जालौन को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। यह सम्मान न केवल जल संरक्षण की दिशा में प्रदेश के विभिन्न जिलों की प्रतिबद्धता को मान्यता देता है, बल्कि प्रदेश समेत देश के अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणा का माध्यम बन रहा है।

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