Sunday 24th of November 2024

गाजियाबादः घोटालों में दोषी पाई गई UNI सोसायटी की प्रबंध समिति की अध्यक्ष, पद से किया बर्खास्त

Reported by: PTC News उत्तर प्रदेश Desk  |  Edited by: Deepak Kumar  |  January 05th 2024 08:26 PM  |  Updated: January 05th 2024 08:26 PM

गाजियाबादः घोटालों में दोषी पाई गई UNI सोसायटी की प्रबंध समिति की अध्यक्ष, पद से किया बर्खास्त

गाजियाबादः यूएनआई सहकारी आवास समिति 1404 की मौजूदा प्रबंधन समिति की अध्यक्ष कुसुम लता शर्मा को भ्रष्टाचार एवं वर्ष 2017 से 2023 तक समिति  के वित्तीय खर्च का लेखा-जोखा न देने और कई वित्तीय अनियमिताओं की जांच में दोषी पाई गई, जिसके बाद उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद के अपर निबंधन विनय मिश्रा ने उन्हें पद से बर्खास्त क दिया है। साथ में उन्हें 3 वर्ष तक किसी भी पद पर नहीं रहने के लिए अयोग्य करार दिया है।

गौरतलब है कि गाजियाबाद के वसुंधरा सेक्टर 11 स्थित यू एन आई सहकारी आवास समिति मूल रूप से पत्रकारों की एक आवासीय व्यवस्था है जो कि उत्तर प्रदेश सरकार के अधिनियम 1965 और 1968 के तहत अपने निवासियों के रहन-सहन की व्यवस्था निर्वाचित एवं चयनित सदस्यों की प्रबंधन कमेटी के माध्यम से करती है और इसकी सारी जानकारी हर वर्ष आवास एवं विकास परिषद उत्तर प्रदेश को देनी होती है लेकिन गत 2017 से 2023 तक इस समिति का कोई भी हिसाब किताब ना तो संबंधित अधिकारियों को मुहैया कराया गया और ना ही निवासियों और सदस्यों को दिया गया इस संबंध में यहां के वरिष्ठ निवासी एवं सदस्य प्रदीप कश्यप अरुण केसरी और सुरेंद्र सिंह ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी।

इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार में सहकारिता राज्य मंत्री जेपीएस राठौर ने जांच के आदेश निर्गत किए थे 7 महीने की लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद आखिरकार निबंधन विनय मिश्रा ने साक्ष के तहत की गई जांच के आधार पर मौजूदा अध्यक्ष कुसुम लता शर्मा को उनके पद से बर्खास्त करने का आदेश जारी किया इस आदेश के तहत अपर निबंधक विनय मिश्रा ने कुसुम लता शर्मा को पद का दुरुपयोग करने का भी दोषी पाया।

उन्होंने कई मकानों की रजिस्ट्री अपने दस्तखत से कर दी थी जो की अध्यक्ष नहीं कर सकती हैं एवं कई मामलों में उनके अनुचित व्यवहार भी उनकी बर्खास्तगी का कारण बना  अपर निबंधन मिश्रा ने उत्तर प्रदेश सहकारी अधिनियम 1965 की धारा 38(२) के तहत अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए कुसुम लता शर्मा को बर्खास्त कर दिया और अपने आदेश में यह व्यवस्था दी की कुसुम लता शर्मा आने वाले 3 वर्षों तक यूएनआई सहकारी आवास समिति के किसी भी पद पर आसीन नहीं हो सकती और ना ही चुनाव लड़ सकती हैं।

 सनद रहे अपर निबंधन मिश्रा ने इस संबंध में जांच अधिकारी कुमार संजय की गहन जांच के बाद दी गई आख्या एवं साक्ष के आधार पर यह फैसला दिया जांच में पाया गया था कि कुसुम लता शर्मा ने समिति के पंजाब नेशनल बैंक स्थित बैंक खाते से काफी पैसा अपने चहेतो  को एवं स्वयं अपने खाते में ले लिया था जो की पूर्ण रूप से गैरकानूनी है

जांच अधिकारी कुमार संजय ने कहा कि कुसुम लता शर्मा ने पिछली प्रबंधन समिति के साथ मिली भगत कर लाखों रुपए का घोटाला किया घोटाला किया और अध्यक्ष पद पर आसीन होने के बाद पुरानी समिति का आर्थिक लेखा जोखा भी छुपा लिया जो की गंभीर अपराध है। जांच में यह भी पाया गया कि कुसुम लता शर्मा का तानाशाही पूर्ण रवैया और समिति में अमान्य एवं गैर कानूनी रूप से भी कई पदाधिकारी को उन्होंंने नियुक्त किया था। उन्होंने कहा कि जैसे ही जांच शुरू हुई थी उसके कुछ समय बाद ही सचिन सुशीला कुमारी ने और कोषाध्यक्ष एकता सिंह एवं कार्यकारिणी में सदस्य अमनगेरा ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था। इनका खाली पदों पर मनमानी तरीके से बगैर किसी को विश्वास में लिए कुसुम लता शर्मा ने अपने चहेतों को पदों पर नियुक्त कर दिया यह नियुक्तियां भी गैरकानूनी पाई गई। इस संबंध में निवासियों ने उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद को शिकायतें दर्ज कर दी थी।

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