Thursday 4th of September 2025

सुरक्षा एवं सुशासन से सजेगा विकसित यूपी का सपना, 2047 तक जीरो एक्सीडेंट का विजन

Reported by: Gyanendra Kumar Shukla, Editor, PTC News UP  |  Edited by: Mangala Tiwari  |  September 04th 2025 06:02 PM  |  Updated: September 04th 2025 06:02 PM

सुरक्षा एवं सुशासन से सजेगा विकसित यूपी का सपना, 2047 तक जीरो एक्सीडेंट का विजन

Lucknow: उत्तर प्रदेश को वर्ष 2047 तक विकसित प्रदेश बनाने के विज़न को साकार करने की दिशा में राज्य सरकार ने ठोस कार्ययोजना तैयार कर ली है। तीन मिशन, तीन थीम और 12 सेक्टर की मजबूत रूपरेखा तय करते हुए सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि 'विकसित यूपी' का लक्ष्य केवल आर्थिक विकास तक सीमित नहीं होगा, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और सुरक्षा के नए मानक भी स्थापित करेगा।

इस रूपरेखा में 'सुरक्षा एवं सुशासन' सेक्टर को सबसे अहम स्तंभ माना गया है। प्रदेश सरकार का मानना है कि भयमुक्त, सुरक्षित और पारदर्शी शासन ही मजबूत अर्थव्यवस्था की आधारशिला है। गृह विभाग, होमगार्ड, भाषा और सामान्य प्रशासन विभाग के जरिए सरकार इस दिशा में सतत काम कर रही है।

2030 और 2047 के लिए रणनीतिक लक्ष्य

योगी सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक सभी जिलों में आधुनिक कमांड एवं कंट्रोल सेंटर स्थापित हों, हर जिले की विकास योजनाएं और मास्टर प्लान तैयार हों और हर घर-हर संस्थान तक हाई स्पीड ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी पहुंचे। वहीं 2047 तक प्रदेश को रोड सेफ्टी में ग्लोबल स्टैंडर्ड पर पहुंचाना, जीरो एक्सीडेंट विजन को साकार करना और पूर्ण रूप से पारदर्शी व जवाबदेह प्रशासन खड़ा करना शामिल है।

फोकस एरिया

सुरक्षा एवं सुशासन सेक्टर में सरकार ने 'स्मार्ट गवर्नेंस', 'स्मार्ट पुलिसिंग' और 'जीरो टॉलरेंस' को आधार बनाया है। इसमें रियल टाइम मॉनिटरिंग डैशबोर्ड, आउटकम बेस्ड बजटिंग, रोड सेफ्टी इंफोर्समेंट, बिजनेस कॉन्फिडेंस, क्राइम और करप्शन पर सख्ती तथा पुलिस आधुनिकीकरण को केंद्र में रखा गया है।

लघु अवधि लक्ष्य (2029-30)

- स्मार्ट पुलिसिंग द्वारा हर नागरिक, बेटी, व्यापारी, किसान व गरीब की सुरक्षा सुनिश्चित करना।

- सभी जिलों में सीसीटीवी नेटवर्क, एआई आधारित निगरानी और आधुनिक कमांड सेंटर का विस्तार।

- ई-गवर्नेंस प्लेटफॉर्म और एआई आधारित निर्णय प्रणाली से पारदर्शी और जवाबदेह शासन।

- एकीकृत रियल टाइम डैशबोर्ड से विकास परियोजनाओं व संसाधनों की निगरानी।

मध्यम व दीर्घ अवधि लक्ष्य

- उन्नत प्रवर्तन व निगरानी प्रणाली से "जीरो एक्सीडेंट विजन" प्राप्त करना।

- सभी जिलों के लिए विकास योजनाएं व मास्टरप्लान तैयार कर संतुलित विकास।

- उच्च गति ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से स्मार्ट ग्रिड, ई-मीटरिंग और डिजिटल ऊर्जा प्रबंधन को बढ़ावा।

साढ़े आठ साल में गढ़े गये सुरक्षा और सुशासन के नये मानक

योगी सरकार ने 2017 से 2025 के बीच सुरक्षा एवं सुशासन को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए। इस अवधि में 2.19 लाख पुलिसकर्मियों की नई भर्तियां और 1.53 लाख से अधिक प्रमोशन किए गए। अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई के तहत 243 अपराधी एनकाउंटर में मारे गए, 21,023 वांछित अपराधियों को गिरफ्तार किया गया और 83,144 आरोपियों को गैंगस्टर एक्ट के तहत जेल भेजा गया। वहीं सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत 47,422 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए, जबकि पूरे प्रदेश में 12.42 लाख से अधिक सीसीटीवी से निगरानी व्यवस्था को मजबूत किया गया। महिला सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए 9,172 महिला बीट कांस्टेबल नियुक्त की गईं, तीन महिला बटालियन गठित की गईं और पांच नई पीएसी बटालियन को मंजूरी दी गई। अपराधियों को सजा दिलाने के लिए शुरू किए गए 'ऑपरेशन कन्विक्शन' के तहत 1,04,718 दोषियों को सजा मिली, जिनमें 70 को मौत की सजा और 8,785 को आजीवन कारावास दिया गया। वहीं, माफिया और अपराधियों पर आर्थिक चोट करते हुए 1.44 लाख करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की गई।

बता दें कि 6 ट्रिलियन डॉलर के 'विकसित यूपी @2047' लक्ष्य को पाने के लिए राज्य को 16% वार्षिक वृद्धि दर बनाए रखनी होगी। इसका मतलब होगा कि वर्ष 2047 तक प्रति व्यक्ति आय 26 लाख रुपये तक पहुंचे और यूपी का भारत की अर्थव्यवस्था में 20% योगदान हो। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट मत है कि सुरक्षित, भयमुक्त और पारदर्शी उत्तर प्रदेश ही विकसित भारत के विज़न का आधार बनेगा।

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