Tuesday 26th of August 2025

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के नाम पर स्कॉलरशिप का किया ऐलान

Reported by: Gyanendra Kumar Shukla, Editor, PTC News UP  |  Edited by: Mangala Tiwari  |  August 25th 2025 10:42 PM  |  Updated: August 25th 2025 10:42 PM

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के नाम पर स्कॉलरशिप का किया ऐलान

Lucknow: देश को चार दशक के बाद एक भारतीय को अंतरिक्ष यात्रा का अवसर मिला। यह हमारा सौभाग्य है कि यह अवसर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जन्मे ग्रुप कैप्टश शुभांशु शुक्ला काे प्राप्त हुआ। वह सफलतम यात्रा के बाद पहली बार लखनऊ आए हैं। ऐसे में उनका आगमन हम सभी को आनंदित करता है। उनकी अंतरिक्ष यात्रा हम सभी के लिए कोतहुल का विषय थी। हर भारतवासी बड़े विश्वास और आशा भरी निगाहों से उनकी अंतरिक्ष यात्रा को देख रहा था। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लोकभवन के सभागार में आयोजित देश के सपूत, अंतरिक्ष यात्री एवं ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के लखनऊ आगमन पर नागरिक अभिनंदन में कार्यक्रम में कही। 

कार्यक्रम में ग्रुप कैप्टन के पिता, माता और पत्नी काे किया गया सम्मानित

कार्यक्रम में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की माता आशा शुक्ला, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने पिता शंभु दयाल शुक्ला और मेयर सुषमा खर्कवाल ने ग्रुप कैप्टन की पत्नी कामना शुक्ला को अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस दौरान सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से ग्रुप कैप्टन की अंतरिक्ष यात्रा पर आधारित एक लघु फिल्म भी दिखायी गयी। 

सीएम ने ग्रुप कैप्टन के नाम पर स्कॉलरशिप का किया ऐलान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग से अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के अनुभव का इस्तेमाल विभाग में करने को कहा। इसके अलावा सीएम योगी ने स्पेस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए शुभांशु शुक्ला के नाम से स्कॉलरशिप का ऐलान किया। सीएम ने कहा कि 3 वर्ष से 4 वर्ष पहले प्रदेश में स्पेस टेक्नोलॉजी को लेकर किसी भी विश्वविद्यालय, संस्थान में न तो कोई पाठ्यक्रम था, न ही सिलेबस, न डिग्री, न डिप्लोमा और न ही कोई सर्टिफिकेट कोर्स था। वहीं वर्तमान में प्रदेश के दर्जन भर से अधिक टेक्निकल इंस्टीट्यूशन में स्पेश टेक्नोलॉजी को लेकर कोर्सेज संचालित हो रहे हैं, जो यह दर्शाता है कि भारत के विकास की यात्रा में प्रदेश के संस्थान बराबर सहभागी बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत वासियों के सामने वर्ष 2047 तक देश को विकसित भारत बनाने का लक्ष्य दिया है। इसे साकार करने के लिए विकास के उन सभी क्षेत्र के लिए अपने द्वार खुले रखने होंगे, जहां-जहां आगे बढ़ने की संभावनाएं हैं। सीएम योगी ने कहा कि शुभांशु शुक्ला के पिता प्रदेश सरकार के सचिवालय प्रशासन में अधिकारी थे। उनके इस गौरवपूर्ण मार्ग पर चलते हुए आज उनके पुत्र ने न केवल उत्तर प्रदेश को बल्कि समूचे देश को गौरान्वित किया है। उन्होंने 18 दिनों की स्पेस यात्रा में पृथ्वी की 320 बार परिक्रमा की। इससे उनकी यात्रा की महत्वपूर्णता और उद्देश्य स्पष्ट होता है।

स्पेस टेक्नोलॉजी के उपयोग से प्राकृतिक आपदाओं का किया जा सकता है बेहतर प्रबंधन

सीएम ने कहा कि इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन से अंतरिक्ष यात्रा काे लेकर बातचीत हुई, जिसमें ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की यात्रा, अंतरिक्ष मिशन और भविष्य में होने वाली प्रयोगों पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने 18 दिनों में पूरी पृथ्वी का दौरा किया, जो किसी भी आम नागरिक के लिए अविश्वसनीय अनुभव है। उनका यह अनुभव भविष्य में उत्तर प्रदेश और देश के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा। इस यात्रा से ना केवल उन्होंने अंतरिक्ष में अपनी पहचान बनाई, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं, जलवायु परिवर्तन, बाढ़, सूखा और कृषि के संकटों से निपटने के लिए भी नई दिशा दिखाई है। सीएम ने कहा कि स्पेस टेक्नोलॉजी के उपयोग से प्राकृतिक आपदाओं का बेहतर प्रबंधन और किसानों की आय में वृद्धि संभव है। सीएम ने कहा कि फिल्म के माध्यम से हम सभी ने देखा कि किन-किन क्षेत्रों में आगे बढ़ने की संभावनाएं हैं जबकि पहले यह फील्ड हम सभी से अछूती थी। वर्तमान में क्लाइमेट चेंज से हर व्यक्ति जूझ रहा है। ऐसे में इससे निपटने के लिए स्पेस टेक्नोलॉजी का उपयोग कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने STEM (Science, Technology, Engineering and Mathematics) शिक्षा के महत्व पर बल दिया। सीएम ने कहा कि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने भी युवाओं से स्पेस टेक्नोलॉजी में करियर बनाने की बात कही। उन्होंने बताया कि आज के युवा के पास अंतरिक्ष मिशन जैसी नई ऊंचाइयों तक पहुंचने के अनगिनत अवसर हैं, जो पहले कभी नहीं थे।

ग्रुप कैप्टन की अंतरिक्ष यात्रा स्पेस सेक्टर को विकसित करने का अवसर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शुभांशु शुक्ला के अनुभव से आने वाले समय में उत्तर प्रदेश और भारत के युवा इस क्षेत्र में और भी अधिक सक्रिय हो सकते हैं। यह यात्रा न केवल स्पेस सेक्टर को विकसित करने का अवसर है, बल्कि यह हमें आने वाली प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की दिशा भी देती है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए एक नई प्रेरणा का स्रोत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने पिछले 11 वर्षों में स्पेस सेक्टर में तेजी से कदम बढ़ाए हैं। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की यात्रा के माध्यम से हम 2027 में गगनयान मिशन और 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में बड़े कदम उठा सकते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए प्रदेश में अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाए गए हैं। इसके लिए भारत सरकार सहयोग कर रही है, लेकिन हम स्वंय के सेटेलाइट, रिमोट सेंसिंग स्टेशन के माध्यम से आपदाओं की जानकारी लोगाें तक पहुंचाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आपदाएं नियंत्रित नहीं हो सकती हैं, यह कहकर हम अपने जिम्मेदारियाें से भाग नहीं सकते हैं। इन चुनौतियों का सामना टेक्नोलॉजी से किया जा सकता है। 

जब आप पहली बार स्पेस पहुंचते हैं तो शरीर में होते हैं कई बदलाव: शुभांशु शुक्ला

अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में बिताए अपने पलों को साझा किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जब आप पहली बार स्पेस स्टेशन पर पहुंचते हैं तो पहली बार आपका शरीर माइक्रोग्रेविटी का एक्सपीरियंस शेयर करता है। आपके शरीर में बहुत सारे बदलाव आते हैं। आपके शरीर का पूरा ब्लड सर में आ जाता है, जिससे आपका सर बड़ा हो जाता है। आपका हार्ट स्लो हो जाता है क्योंकि उसको ग्रेविटी के अगेंस्ट काम नहीं करना है। आपके पेट में जो भी होता है, वह भी फलौट करने लगता है। इसे आप समझ नहीं आते हैं कि आपके अंदर क्या चल रहा है। अापको भूख नहीं लगती है। बहुत सारे चैलेंजेस होते हैं। मुझे लगता है कि हम ऐसी जगह लाइफ को सस्टेन कर रहे हैं, जहां लाइफ सस्टेन होनी नहीं चाहिये। वहां का वातावरण है कि वैक्यूम है, तापमान काफी हार्ष है और हवा बिल्कुल भी नहीं है। इसके सबके बाद भी ह्यूमन इंजीनियरिंग का कमाल है कि इसके बाद भी वहां पर लाइफ को सस्टेन कर पा रहे हैं। इसी डॉयरेक्शन में भारत अपनी जर्नी पर है। जब हम अपना पहला मिशन लॉन्च करेंगे, जो दुनिया के चौथे राष्ट्र होंगे, जिसके पास ये कैपेबिलिटी होगी।  

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने कहा कि जिस तरह से उनका लखनऊ में स्वागत हुआ, वह वास्तव में दिल्ली से दोगुना है। यहां के स्नेह और प्यार को देखकर आज वास्तव में समझ में आया कि मुस्कुराइए, आप लखनऊ में हैं का असली मतलब क्या है। यहां पर केवल आज ही 2 हजार से ज्यादा सेल्फी ली गई। उन्होंने कहा कि मेरे मिशन के बाद देश में जो मोमैंटम बना, उसकी शुरुआत यहीं उत्तर प्रदेश से की जाए। यहां जो पीछे बच्चे बैठे हैं उनके लिए मेरा मैसेज है कि वर्ष 2040 तक आप में से कोई न कोई पर मून पर जरूर जाएगा। इस कंप्टीशन में मैं भी उनके साथ हूंगा। 

इस अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, बृजेश पाठक, मंत्री सुरेश खन्ना, अनिल कुमार, गिरीश चंद्र यादव, अजीत पाल, मनोहर लाल कोरी, मेयर सुषमा खर्कवाल, सांसद बृजलाल, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद आदि मौजूद रहे।

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