लखनऊ: योगी सरकार द्वारा प्रदेश में कलस्टर के रूप में औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित करने की शुरुआत की गई है। इसी क्रम में योगी सरकार यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यीडा) में अपैरल पार्क क्लस्टर की स्थापना कर रही है।
बता दें, ये यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण द्वारा स्थापित पहला औद्योगिक कलस्टर है। इस कल्स्टर में अपने उद्योग लगाने को लेकर उद्यमियों में जबर्दस्त उत्साह देखा जा रहा है। उसका उदाहरण ये है कि भूखंड आवंटित होने के बावजूद अभी भी 70 से अधिक औद्योगिक इकाइयों द्वारा यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण में टेक्स्टाइल क्लस्टर के भूखंडों की मांग की जा रही है। उल्लेखनीय है कि सेक्टर 29 में इस अपैरल पार्क कलस्टर की स्थापना की गई है, जिसका कुल क्षेत्रफल 175 एकड़ है। इसमें कुल 89 भूखंड है जिनमें से 81 भूखंड आवंटित किए जा चुके हैं तथा 64 भूखंडों का लीज प्लान तथा चेक लिस्ट इश्यू की जा चुकी है। इनमें से 39 भूखंडों पर भौतिक कब्जा पत्र भी आवंटियों को वितरित किया जा चुका है। इस अपैरल पार्क के कारण ही गौतमबुद्धनगर को सिटी ऑफ अपैरल के नाम से भी जाना जाता है।
दिल्ली-नोएडा एक्सप्रेस-वे से जोड़ा जा रहा अपैरल पार्क
प्राधिकरण के औद्योगिक क्षेत्र के अंदर कन्वेन्शन सेंटर, एग्जिबिशन सेंटर वा डेडिकेटेड कार्गों की स्थापना की जाएगी। जेवर में निर्माणाधीन नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट में डेडिकेटेड कार्गों विकसित किया जाएगा। वर्तमान में कार्गों के अंदर सबसे अधिक हिस्सेदारी करीब 37% वस्त्र उद्योग की है। जेवर से कार्गों दिल्ली से भी सस्ता पड़ेगा क्योंकि यहां पर फ्यूल पर केवल 1% का वैट सरकार द्वारा लगाया जा रहा है। प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह के अनुसार प्राधिकरण के इस अपैरल पार्क को बल्लभगढ़ के पास से दिल्ली-नोएडा एक्सप्रेस-वे से जोड़े जाने पर एनएचएआई द्वारा कार्य शुरू कर दिया गया है। प्राधिकरण क्षेत्र में रैपिड रेल एनसीआरटीसी की स्टडी भी प्रारंभ करा दी गई है। इस क्षेत्र में देश का पहला और विश्व का छठा पॉड टैक्सी सिस्टम बनाया जाएगा, जिसके लिए प्राधिकरण द्वारा अंतरराष्ट्रीय निविदा भी जारी की जा चुकी है। साथ ही पीआरटी सिस्टम की प्री बिड बैठक में विश्व की सभी सर्वश्रेष्ठ कंपनियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
स्किल डेवलपमेंट सेंटर के लिए निशुल्क मिलेगी भूमि
प्राधिकरण द्वारा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में औद्योगिक भूखंडों पर दी जा रही 1.5 एफएआर को बढ़ाकर 2.0 करने का फैसला लिया गया है जिसपर शासन स्तर से जल्द मंजूरी मिलने की संभावना है। साथ ही औद्योगिक भूखंडों में ग्राउंड कवरेज को बढ़ाकर 60% करने का भी निर्णय लिया गया है। सीईओ द्वारा प्रदेश के अंदर और बाहर के उद्योगपतियों से निवेदन किया गया है कि अपने उद्योगों में स्थानीय युवाओं को रोजगार प्रदान करें तथा रोजगार प्रदान करने के लिए स्किल डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना करें। यदि इसके लिए भूमि की आवश्यकता पड़ती है तो प्राधिकरण निशुल्क जमीन उपलब्ध कराने को तैयार है।