Saturday 23rd of November 2024

सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने में जुटी योगी सरकार, वर्ष 2022-23 में 100 प्रतिशत गड्ढा मुक्ति का लक्ष्य हुआ प्राप्त

Reported by: PTC News उत्तर प्रदेश Desk  |  Edited by: Shagun Kochhar  |  September 22nd 2023 04:20 PM  |  Updated: September 22nd 2023 04:20 PM

सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने में जुटी योगी सरकार, वर्ष 2022-23 में 100 प्रतिशत गड्ढा मुक्ति का लक्ष्य हुआ प्राप्त

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बुनियादी सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार प्रदेश की व्यापक कायाकल्प की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है। इसी का नतीजा है कि चाहे बात औद्योगिक विकास की हो या फिर मूलभूत अवसंरचनाओं के निर्माण व पुनर्रुद्धार की हो, सभी क्षेत्रों में योगी सरकार की विस्तृत कार्ययोजना रंग लाने लगी है।

इसी बात का प्रमाण सड़क सौंदर्यीकरण, गड्ढा मुक्ति व मार्गों के रीस्टोरेशन प्रक्रिया को लेकर भी देखा जा सकता है। लोक निर्माण विभाग के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में वर्ष 2022-23 के बीच गड्ढा मुक्ति के लक्ष्यों को हासिल करने में 100 प्रतिशत सफलता मिली है, वहीं रीस्टोरेशन कार्यों को 93 प्रतिशत तक पूर्ण किया जा चुका है। बाकी के 7 प्रतिशत कार्यों को भी पूर्ण करने की ओर तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। सीएम योगी की हमेशा से परिकल्पना गड्ढा मुक्त उत्तर प्रदेश की रही है और इसी परिकल्पना को पूर्ण करने के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा इस वर्ष अब तक 275 रुपए प्रदेश के सभी जिलों को निर्धारित मार्ग सुदृढ़ीकरण के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए आवंटित किया जा चुका है। इन पर भी तेजी से कार्य जारी है और योगी सरकार द्वारा लगातार इस संबंध में मॉनिटरिंग भी की जा रही है।   

10 विभागों के संयोजन से लक्ष्यों को किया जा रहा पूरा

 लोक निर्माण विभाग के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में कुल 10 विभागों के अंतर्गत 100867 मार्गों के गड्ढा मुक्ति के लक्ष्य को प्राप्त किया। वर्ष 2022-23 के आंकड़ों के अनुसार, इस दिशा में 100 प्रतिशत सफलता प्राप्त की गई है। वहीं, मार्गों के रीस्टोरेशन वर्क्स को पूर्ण करने के लिए 98355 सड़कों के रीस्टोरेशन कार्यों को पूर्ण कर लिया गया है। इस प्रकार, कुल 93 प्रतिशत कार्यों को वर्ष 2022-23 के बीच पूर्ण कर लिया गया है। बाकी के 7 प्रतिशत कार्यों को भी पूर्ण करने के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा सतत प्रक्रिया जारी है और सभी कार्यों की सिलसिलेवार समीक्षा और मॉनिटरिंग की जा रही है। जिन विभागों के संयोजन से इन कार्यों को पूर्ण किया जा रहा है उनमें लोक निर्माण विभाग के अतिरिक्त नेशनल हाइवे (पीडब्ल्यूडी), नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई-वेस्ट यूपी), एनएचएआई (ईस्ट यूपी), मंडी परिषद विभाग, पंचायती राज विभाग, सिंचाई विभाग, ग्राम्य विकास विभाग (यूपीआरआरडीए), नगर विकास विभाग, गन्ना विभाग, आवास एवं शहरी नियोजन विभाग तथा अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग प्रमुख हैं।

रीस्टोरेशन व पैचवर्क कार्यों की रेगुलर मॉनिटरिंग का फ्रेमवर्क तैयार

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में मार्गों के नवीनीकरण की प्रक्रिया के अनुसार समय सीमा निर्धारित की गई है। इसके अनुसार, राज्य मार्ग के लिए 4 वर्ष, प्रमुख जिला मार्ग के लिए 4 वर्ष, अन्य जिला मार्ग के लिए 5 वर्ष व ग्रामीण मार्गों के नवीनीकरण के लिए 8 वर्ष की समयसीमा निर्धारित की गई है। इसके अंतर्गत आने वाली सड़कों के रीस्टोरेशन, पैचवर्क और सौंदर्यीकरण योजनाओं से संबंधित समस्याओं के निस्तारण, बजट आवंटन व तकनीकी गुणवत्ता निर्धारण समीक्षा समेत अन्य पहलुओं के निर्धारण समेत टेंडरिंग व रेगुलर मॉनिटरिंग के व्यवस्थित फ्रेमवर्क को तैयार कर लिया गया है। जिले, जोन व विभागीय निदेशालय स्तर पर नियमित मीटिंग के जरिए सभी संबंधित परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति मूल्यांकन पर जोर दिया जा रहा है।

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