Lucknow: उत्तर प्रदेश सरकार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में, छात्रवृत्ति योजनाओं को अधिक पारदर्शी, सरल और सुलभ बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। अब छात्रवृत्ति को वार्षिक के बजाय सेमेस्टर आधारित किया जाएगा, ताकि छात्रों को समय पर आर्थिक सहायता मिल सके। यदि तकनीकी कारणों से किसी पात्र छात्र की छात्रवृत्ति रुकती है, तो उसे समाधान का अवसर भी प्रदान किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि तकनीकी बाधाओं के कारण कोई भी छात्र लाभ से वंचित नहीं होगा।
छात्रवृत्ति योजनाओं को बेहतर बनाने के लिए समाज कल्याण विभाग को नोडल विभाग नियुक्त किया गया है, जो अल्पसंख्यक कल्याण और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभागों के साथ मिलकर एक साझा पोर्टल विकसित करेगा। यह पोर्टल पूरे वर्ष उपलब्ध रहेगा, जिससे छात्रों को आवेदन के लिए समयसीमा की चिंता नहीं रहेगी और वे कभी भी आवेदन कर सकेंगे।
तकनीकी उन्नयन के लिए आधुनिक पोर्टल:
छात्रवृत्ति प्रणाली को तकनीकी रूप से मजबूत करने के लिए एक उन्नत पोर्टल तैयार किया जाएगा, जिसमें मोबाइल ऐप, रियल-टाइम नोटिफिकेशन और ऑनलाइन दस्तावेज सत्यापन जैसी सुविधाएं शामिल होंगी। साथ ही, फर्जीवाड़े को रोकने के लिए फेस रिकॉग्निशन आधारित उपस्थिति प्रणाली लागू की जाएगी, जिससे प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और सुरक्षित होगी।
विभागों का संयुक्त प्रयास:
इस सुधार को लागू करने के लिए समाज कल्याण विभाग ने छह सदस्यीय विशेषज्ञ टीम गठित की है, जिसने तीनों विभागों (समाज कल्याण, पिछड़ा वर्ग कल्याण और अल्पसंख्यक कल्याण) के साथ बैठक कर सुझाव प्रस्तुत किए। इन सुझावों पर सहमति बन चुकी है और अब समन्वय के साथ इन बदलावों को लागू किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, तीनों विभागों के निदेशकों की एक संयुक्त टीम बनाने का प्रस्ताव भी रखा गया है, जो बाधाओं की पहचान कर उनका समाधान करेगी।
सामाजिक न्याय और शिक्षा को बढ़ावा:
योगी सरकार का लक्ष्य है कि हर वर्ग के छात्र बिना किसी भेदभाव के छात्रवृत्ति प्राप्त करें और आर्थिक बाधाओं से मुक्त होकर शिक्षा ग्रहण करें। यह पहल "सबका साथ, सबका विकास" के सिद्धांत को मजबूत करती है। यह कदम न केवल छात्रवृत्ति प्रक्रिया को सरल और समयबद्ध बनाएगा, बल्कि लाखों छात्रों को लाभ पहुंचाएगा। इससे उत्तर प्रदेश की शिक्षा और सामाजिक न्याय व्यवस्था को नई दिशा मिलेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जोर देकर कहा है कि किसी भी पात्र छात्र को लाभ से वंचित नहीं होने दिया जाएगा और सरकार उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए हर संभव प्रयास करेगी।