ब्यूरो: Sambhal: उत्तर प्रदेश का संभल जिला पिछले कुछ महीनों से लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। प्रदेश सरकार ने साल 1978 में हुए संभल दंगों की बंद पड़ी फाइल फिर से खोलकर जांच करने के आदेश दिए हैं। संभल प्रशासन और पुलिस 47 साल पहले हुए दंगों की जांच कर एक हफ्ते में अपनी रिपोर्ट योगी सरकार को सौपेंगे। इस दंगे में करीब 24 लोगों की मौत हुई थी। लेकिन स्थानीय लोगों का दावा था कि दंगे में आधिकारिक आंकड़ों में कई ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
आपको बता दें कि कुछ समय पहले सीएम योगी ने 1978 दंगों को लेकर बयान दिया था। सीएम योगी ने कहा था कि इस दंगे में 184 लोग मारे गए थे और कई परिवारों को पलायन करना पड़ा था। पुलिस और प्रशासन अब दंगे में हुई मौतों का असली आंकड़ा भी पता लगाने की कोशिश करेंगे।
विधान परिषद के सदस्य ने की थी मांग
संभल के एसपी के के विश्नोई ने डीएम डॉ राजेंद्र पैंसिया को पत्र लिखकर बताया था कि विधान परिषद के सदस्य श्रीचंद शर्मा ने साल 1978 दंगों की जांच की मांग की है। इस पर उन्हें प्रदेश के उप सचिव गृह और पुलिस अधीक्षक मानवाधिकार का पत्र प्राप्त हुआ है। एसपी ने डीएम से मांग की है कि संयुक्त प्रशासनिक जांच के लिए डीएम प्रशासन से किसी अधिकारी को वह नामित करें।