Friday 22nd of November 2024

परिवहन विभाग की बसों में आग की घटनाओं को रोकने के लिए योगी सरकार ने उठाया कदम

Reported by: PTC News उत्तर प्रदेश Desk  |  Edited by: Shagun Kochhar  |  May 14th 2023 04:38 PM  |  Updated: May 14th 2023 04:38 PM

परिवहन विभाग की बसों में आग की घटनाओं को रोकने के लिए योगी सरकार ने उठाया कदम

लखनऊ: योगी सरकार पब्लिक ट्रांसपोर्ट को सुविधायुक्त बनाने के साथ सुरक्षित बनाने के लिए भी प्रयासरत है। सीएम योगी के निर्देश पर परिवहन विभाग की बसों में आग लगने की घटनाओं की रोकथाम को लेकर विभाग की ओर से अब जागरूकता अभियान की शुरुआत की गई है। इसके लिए उत्तर प्रदेश परिवहन निगम मुख्यालय से सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए गए हैं। साथ ही उच्च प्रबंधन के साथ हुई चर्चा के बाद बसों में आग की घटनाओं को रोकने के लिए कुछ आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित किए जाने के लिए भी कहा गया है। इसके चलते कई जनपदों में जागरूकता अभियान शुरू भी कर दिया गया है। विभिन्न जनपदों में अधिकारियों द्वारा बसों में आग लगने की घटनाओं के कारणों एवं बचाव के बारे में क्षेत्रों में जाकर कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। 

तय होगी जवाबदेही 

जो निर्देश दिए गए हैं, उनमें बस में आग लगने की घटना होने पर क्षेत्रीय प्रबंधकों तथा सेवा प्रबंधकों को स्वयं मौके पर जाकर बस का निरीक्षण करना होगा। इसके अलावा किसी भी क्षेत्र की बस में तकनीकी कमी के कारण बस में आग लगने की घटना होने की स्थिति में क्षेत्र के सेवा प्रबंधक एवं संबंधित डिपो के सीनियर फोरमैन के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्यवाही किए जाने को भी कहा गया है। सेवा प्रबंधक प्रत्येक डिपो में 20 मई तक स्वयं चालकों एवं परिचालकों को अग्निशमन यंत्र प्रयोग किए जाने का प्रशिक्षण देंगे एवं प्रत्येक डिपो की न्यूनतम 20 बसों का भौतिक निरीक्षण कर आग लगने के रोकथाम से संबंधित बिंदुओं की जांच करेंगे। इसके साथ ही प्रत्येक डिपो में अभियान चलाकर सेल्फ स्टार्टर से जुड़े हुए बैटरी वायर सही ढंग से लगे होने एवं शार्ट सर्किट की रोकथाम से संबंधित कार्य कराए जाएंगे। 

मेंटेन करना होगा रजिस्टर 

दिशा निर्देश में अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि 18 मई तक डिपो में एक बस वाइज रजिस्टर मेंटेन किया जाए, जिसमें कुछ मुख्य कार्यवाही का तिथिवार उल्लेख किया जाए। इसके अनुसार प्रत्येक क्वार्टर में कराए गए सर्वे में पाई गई कमियों का विवरण रजिस्टर में अंकित किया जाए। साथ ही, सेल्फ स्टार्टर की सर्विस किए जाने का विवरण, बैटरी टर्मिनल, बैटरी पावर कट ऑफ स्विच, बैटरी वायर एवं अन्य वायरिंग चेक किए जाने एवं कट पर टेप लगाए जाने का विवरण अंकित हो। इसके अलावा बसों में वांछित स्थानों पर वायर में इनसुलेशन स्लीव लगाए जाने, बसों के डीजल लीकेज रोकने एवं इंजन की पूर्ण सफाई कराने का विवरण और बसों में लगे अग्निशमन यंत्र की वैधता विवरण दर्ज होना चाहिए। रजिस्टर की प्रत्येक एंट्री में इलेक्ट्रीशियन, ग्रुप प्रभारी तथा सीनियर फोरमैन के हस्ताक्षर होंगे। सेवा प्रबंधक माह में एक बार अनिवार्य रूप से रजिस्टर का पूर्ण अवलोकन एवं समीक्षा कर हस्ताक्षर करेंगे। 

कर्मचारियों को दी जा रही ट्रेनिंग 

निर्देश मिलने के बाद विभिन्न जनपदों में इसका पालन भी शुरू हो गया है। परिवहन निगम के अधिकारियों द्वारा क्षेत्रों में जाकर कर्मचारियों को इस बाबत ट्रेनिंग दी गई। अपर प्रबंध निदेशक अन्नपूर्णा गर्ग के अनुसार सेवा प्रबंधकों  द्वारा अपने डिपो/कार्यशाला में बसों की तकनीकी चेकिंग कराई गई एवं स्वयं भी चेकिंग की गई। मुख्यतः इंजन से डीजल व मोबिल लीकेज होने से रोकना तथा वायरिंग कहीं से कटी न हो , की चेकिंग की गई तथा बसों की चेकिंग अभियान चलाया गया। साथ ही चालकों को अग्निशमन यंत्र चलाना भी सिखाया गया। उन्होंने बताया कि यह चेकिंग अभियान आगे भी चलता रहेगा जिससे कि बसों में आग लगने की दुर्घटनाओं को पूर्णतः रोका जा सके एवं यात्रियों को सुरक्षित यात्रा मुहैया कराई जा सके।

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