संभल स्थित कोल्ड स्टोरेज की छत गुरुवार सुबह ढह जाने से 20 से अधिक मजदूर आलू और मलबे की एक बड़ी खेप के नीचे दब गए। अभी तक आठ शवों को बाहर निकाल लिया गया था जबकि अन्य की तलाश के लिए अभियान जारी था।
संभल के जिला मजिस्ट्रेट मनीष बंसल ने मिडिया को बताया कि हम अब तक 12 मजदूरों को बचाने में सफल रहे हैं। उनमें से कुछ की हालत गंभीर है। माना जा रहा है कि कम से कम 12 और लोग अभी भी फंसे हुए हैं।
स्थानीय लोगों के अनुसार, दुर्घटना उस समय हुई जब आलू का रैक ओवरलोड हो गया और ढह गया, जिससे स्टोरेज की छत नीचे गिर गई।
घटना के बाद जल्द ही अमोनिया गैस का रिसाव शुरू हो गया क्योंकि फ्रीजर पाइप क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे बचाव कार्य बाधित हुआ। मुरादाबाद के उप महानिरीक्षक शलभ माथुर ने कहा कि यह घटना संभल जिले के चंदौसी शहर के इस्लामनगर इलाके में हुई, जहां एक नई इमारत बनाई गई थी।
ईमारत में कम से कम आठ अर्थमूविंग मशीनें वर्तमान में बचाव कार्यों को सुचारू करने के लिए मलबा हटा रही हैं। एनडीआरएफ के जवानों की एक टीम भी मौके पर है। इस बीच, अंदर फंसे लोगों के रिश्तेदारों ने कोल्ड स्टोरेज के प्रशासनिक कार्यालय पर हमला कर दिया और उसमें तोड़फोड़ की।
जबकि कई अन्य लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों की तलाश में अपने नंगे हाथों से मलबा हटाना शुरू कर दिया। गुरुवार की त्रासदी कुछ हफ़्ते पहले मेरठ में हुई ऐसी ही एक घटना की याद दिलाती है जिसमें एक कोल्ड स्टोरेज की छत गिरने से सात लोगों की मौत हो गई थी।