लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सड़क हादसों पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यहनाथ ने सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मिशन मोड में प्रयास करने का निर्देश दिया और कहा कि हादसों को न्यूनतम करने के लिए फाइव-ई यानी ‘एजुकेशन, एनफोर्समेंट, इंजीनियरिंग, इमरजेंसी केयर और एनवायरमेंट’ पर काम करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, पांच जनवरी से चार फरवरी, 2023 तक प्रदेशव्यापी सड़क सुरक्षा अभियान चलाया जाएगा।
सीएम योगी ने कहा, "पिछले एक साल में प्रदेश में 21,200 से अधिक लोगों की मृत्यु सड़क दुर्घटनाओं में हुई है, जबकि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के पिछले पौने तीन साल में अवधि में प्रदेश में 23,600 लोगों की मृत्यु हुई है, यह स्थिति चिंताजनक है।"
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से कड़ाके की ठंड और घने कोहरे के कारण दुर्घटनाएं भी बढ़ी हैं, सड़क दुर्घटना में किसी की असामयिक मृत्यु अत्यंत दुःखद है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा केवल एक विभाग की ज़िम्मेदारी नहीं है, यह सामूहिक प्रयासों से ही संभव हो सकेगा। उन्होंने कहा, "कानपुर नगर, आगरा, प्रयागराज, अलीगढ़, बुलंदशहर, मथुरा जैसे बड़े शहरों में सर्वाधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, एक्सप्रेस-वे और राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़े इन शहरों को केंद्रित कर सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए प्रयास किया जाना चाहिए, ओवरलोडिंग रोकने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया जाए।"
मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों और ठेकेदारों को ये समझने की ख़ास ज़रुरत है कि ख़राब रोड इंजीनियरिंग बड़ी दुर्घटनाओं की वजह बनती है। उन्होंने कहा कि राजमार्गों और एक्सप्रेस-वे पर ओवरस्पीड के कारण आए दिन दुर्घटनाओं की सूचना मिलती है। पिछले एक वर्ष में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में से 38 प्रतिशत ओवर स्पीड के कारण हुईं है. इसी तरह ग़लत दिशा में वाहन चलाने की वजह से 12 प्रतिशत और मोबाइल पर बात करने के कारण क़रीब नौ प्रतिशत दुर्घटनाएं हुईं।
योगी आदित्यनाथ ने कहा, "हमें जागरूकता पर बल देना होगा, स्कूल-कॉलेजों में बच्चों को यातायात नियमों के संबंध में जागरूक करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं, ट्रैफिक नियमों के पालन का संस्कार बच्चों को शुरुआत से ही दिया जाना चाहिए, इसे पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए, परिवहन विभाग के सहयोग से चित्रों के माध्यम से बच्चों को यातायात नियमों के पालन के लिए प्रेरित किया जाए।"