लखनऊ, उत्तर प्रदेश को वर्ष 2047 तक विकसित राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में प्रदेश सरकार का महत्वाकांक्षी अभियान ‘समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047 : समृद्धि का शताब्दी पर्व महाभियान’ निरंतर गति पकड़ रहा है। इस जनसहभागिता आधारित अभियान के तहत अब तक लगभग 41 लाख फीडबैक प्राप्त हुए हैं, जिनमें ग्रामीण क्षेत्रों से सर्वाधिक सुझाव आए हैं। प्रदेश के 75 जनपदों में नोडल अधिकारियों और प्रबुद्ध जनों द्वारा व्यापक जनसंवाद आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें छात्र, शिक्षक, उद्यमी, कृषक, स्वयंसेवी संगठन, श्रमिक संघ और मीडिया प्रतिनिधि ने बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं। सभी वर्गों से प्रदेश की विकास यात्रा और भविष्य की दिशा पर अमूल्य सुझाव मिल रहे हैं। इन सुझावों में सर्वाधिक विषय कृषि, शिक्षा, समाज कल्याण, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, उद्योग, आईटी एवं टेक्नोलॉजी, पर्यटन और सुरक्षा से संबंधित रहे। शिक्षा और कृषि क्षेत्र में सबसे अधिक भागीदारी दर्ज की गई।
फतेहपुर की अंकिता सिंह ने आकांक्षी जिलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने पर बल दिया। उन्होंने अभ्युदय कोचिंग कार्यक्रम के अंतर्गत अधिकारियों की अनिवार्य कक्षाओं की व्यवस्था और राजकीय विद्यालयों में महिला अधिकारियों के नियमित संवाद का सुझाव दिया।
बलरामपुर के डॉ. अमित कुमार गौतम ने सुझाव दिया कि प्रदेश के हर जिले में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना हो, जिससे प्रशासनिक कार्यों में तकनीक का अधिकतम उपयोग हो सके।
बांदा के धीरज कुमार ने पशुधन विकास को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण पशु चिकित्सा केंद्रों की स्थापना, आधुनिक डेयरी प्रबंधन और किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले चारे की उपलब्धता सुनिश्चित करने की बात कही।
महाभियान के तहत अब तक प्रदेश की 40 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों, 200 से अधिक नगर पालिकाओं, 15 नगर निगमों, 500 से अधिक नगर पंचायतों, 600 से अधिक क्षेत्र पंचायतों और 50 से अधिक जिला पंचायतों में बैठकों, सम्मेलनों और गोष्ठियों का सफल आयोजन किया गया है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से जनप्रतिनिधियों, नागरिकों और विभागीय अधिकारियों के बीच संवाद को नई गति मिली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विज़न के अनुरूप, प्राप्त फीडबैक के आधार पर विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने की प्रक्रिया निरंतर जारी है।