Wednesday 13th of November 2024

साजिदा बेग़म की शिकायत पर 100 पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज

Reported by: PTC News उत्तर प्रदेश Desk  |  Edited by: Mohd. Zuber Khan  |  March 25th 2023 10:27 AM  |  Updated: March 25th 2023 10:27 AM

साजिदा बेग़म की शिकायत पर 100 पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज

प्रतापगढ़: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ से एक सनसनीख़ेज़ ख़बर सामने आई है, जहां पर थानाध्यक्ष समेत सौ से ज़्यादा पुलिसकर्मियों पर मुक़दमा दर्ज हो गया है। जानकारी के मुताबिक़ पुलिसकर्मियों पर आइपीसी की धारा 395 व 397 के तहत मुक़दमा दर्ज होने के बाद समूचे पुलिस महकमें में गहमा-गहमी का माहौल पैदा हो गया है।

आपको बता दें कि साजिदा बेग़म की शिकायत पर हाईकोर्ट ने मानवाधिकार आयोग की जांच के बाद तत्कालीन थानाध्यक्ष समेत 100 से ज़्यादा पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ कंधई थाने में मुक़दमा दर्ज करने के आदेश के बाद ये एफआईआर दर्ज हुई है।

जानकारी के बक़ौल  प्रतापगढ़ के कंधई थाना इलाक़े के राजापुर मुफ़रिद की रहने वादिनी साजिदा बेग़म ने डीजीपी को दिए गए शिकायती पत्र में आरोप लगाया था कि साल 2021 में हुए पंचायत चुनाव के दिन 19 अप्रैल को चुनाव में धांधली की गई थी। यही नहीं, अगले दिन 20 अप्रैल को तत्कालीन थानाध्यक्ष सैकड़ों पुलिसकर्मियों के साथ उनके घर पहुंचे और जमकर तोड़फोड़ करने के साथ ही बहू-बेटी को जमकर मारा-पीटा और छोटे-छोटे बच्चों के साथ मारपीट की, जिसमें डेढ़ साल का नाती भी था। इतना ही पुलिसकर्मियों ने घर के बाहर व भीतर घुसकर जमकर तांडव किया, खाने पीने का सारा सामान ज़मीन पर बिखेर दिया, अलमारी को तोड़ डाला और सारे कपड़े फेंक दिए गए।

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घर मे रक्खी फ्रिज़, टीवी, खिड़की, दरवाज़ा, अलमारी सब तोड़ दिए गए। घर में रखे हुए सोने के आठ तोले के ज़ेवर और चांदी के आधा किलो के जेवर और सैंतालीस हज़ार आठ सौ रुपये नकद के साथ ही बहू और बेटी से दो मोबाइल फोन भी लूट लिए।

पीडिता ने घटना के पीछे का कारण बताया कि उसकी रिश्तेदार ज़िला पंचायत का चुनाव लड़ रही थी और रिश्तेदारी के नाते मेरा बेटा शुजात उल्ला, जो ज़िला अदालत व हाईकोर्ट में वकालत करता है, मदद कर रहा था। मझानीपुर में बूथ से मतदाताओं को भगाया जा रहा था, जिसका विरोध मेरे बेटे ने किया था। इस शिकायत पर पुलिस ने कोई एक्शन उस समय नहीं लिया था, जिसके बाद पीड़िता का बेटा शुजात उल्ला अधिवक्ता ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में वाद दायर कर दिया, इस मामले को हाईकोर्ट ने मानवाधिकार आयोग को जांच के लिए भेज दिया।

लंबी चली इस जांच प्रकिया के बाद राज्य मानवाधिकार आयोग के अपर पुलिस अधीक्षक अमित मिश्र ने 292 पेज की जांच रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें तत्कालीन थानाध्यक्ष नीरज वालिया, उपनिरीक्षक सूर्यप्रताप सिंह व शैलेश तिवारी व अन्य पुलिसकर्मियों के दबिश देने के प्रमाण मिलने की बात कही गई थी, जिसके आधार पर हाईकोर्ट ने पुलिस को मुक़दमा दर्ज करने का आदेश जारी किया और अब 24 मार्च को कंधई थाने में मुक़दमा दर्ज किया गया।

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