Friday 22nd of November 2024

उत्तर प्रदेश में समाप्ति के कगार पर इंसेफेलाइटिस, शीघ्र होगी उन्मूलन की घोषणा : सीएम योगी

Reported by: PTC News उत्तर प्रदेश Desk  |  Edited by: Deepak Kumar  |  October 04th 2023 12:15 PM  |  Updated: October 04th 2023 12:15 PM

उत्तर प्रदेश में समाप्ति के कगार पर इंसेफेलाइटिस, शीघ्र होगी उन्मूलन की घोषणा : सीएम योगी

गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार के अंतर विभागीय समन्वित प्रयास से आज उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस समाप्ति के कगार पर है। बहुत शीघ्र इसे पूर्णतः समाप्त कर इसके उन्मूलन की घोषणा की जाएगी। इंसेफेलाइटिस पर नियंत्रण देश और दुनिया के सामने एक सफलतम मॉडल है। 

सीएम योगी ने बीती सुबह बीआरडी मेडिकल कॉलेज से विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान का शुभारंभ कर रहे थे। 31 अक्टूबर तक चलने वाले इस विशेष अभियान के लिए सीएम ने जन जागरूकता प्रचार वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। साथ ही दो दिखाकर आशा कार्यकत्री व दो आंगनबाड़ीकर्मी को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया। उन्होंने आयुष्मान योजना के चार लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड भी प्रदान किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की तरफ से वर्ष 2017 से डेंगू, मलेरिया, इंसेफेलाइटिस, कालाजार, चिकनगुनिया जैसे संचारी रोगो के नियंत्रण के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा। छह वर्षों के दौरान इसके बहुत अच्छे परिणाम आए हैं। सरकार वर्ष में तीन बार अंतर विभागीय समन्वय के माध्यम से संचारी रोग नियंत्रण के लिए विशेष अभियान चलाती है। अक्टूबर से जनवरी तक चलने वाले इस विशेष अभियान में पहले 15 दिन का कार्यक्रम जनजागरण के साथ अंतर विभागीय जिम्मेदारी का निर्वहन करने के लिये है। उन्होंने कहा कि 16 से 31 अक्टूबर तक आशा कार्यकत्री द्वारा घर-घर जाकर दस्तक अभियान के माध्यम से सभी घरो में जाकर बीमारों को चिन्हित कर उनके उपचार की समुचित व्यवस्था करने में योगदान देंगी।

सरकार ठान ले, लोग सहयोग करें तो सब कुछ मुमकिन

सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश की सर्वाधिक आबादी वाला राज्य है। इसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश इंसेफेलाइटिस से प्रभावित रहा है। 2017 से पहले बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इस मौसम में 500 से 600 मरीज भर्ती रहते थे। प्रतिवर्ष पूरे प्रदेश में 1200 से 1500 बच्चों की मौत इससे होती थी। अकेले बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 500 से 600 बच्चों की मृत्यु इंसेफेलाइटिस से होती थी। अब बीमारी और मौतों को संख्या इतिहास बनने वाली है। उन्होंने कहा,सरकार ठान ले और लोग साथ दें तो असाध्य कही जाने वाली बीमारी को भी समाप्त होने में बहुत समय नहीं लगता है। इंसेफेलाइटिस इसका उदाहरण है।

इन बीमारियों से ग्रसित है मध्य उत्तर

मध्य उत्तर के बरेली, बदायूं एवं उसके आसपास के क्षेत्र में डेंगू और मलेरिया तथा बुन्देलखण्ड चिकनगुनिया से ग्रस्त रहता था। फिरोजाबाद, मथुरा, आगरा, कानपुर, लखनऊ से लेकर वाराणसी तक डेंगू व्यापक रूप से प्रभावी था। वाराणसी से लेकर कुशीनगर के क्षेत्र तथा बिहार से सटे क्षेत्रों में कालाजार की बीमारी जन जीवन को प्रभावित करती थी। यह सब स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए चुनौती थी लेकिन जब अंतर विभागीय समन्वय से, स्वास्थ्य विभाग को नोडल एवं अन्य विभाग जैसे नगर निकाय, पंचायतीराज, महिला एवं बाल विकास तथा प्राथमिक शिक्षा विभाग, दिव्यांगजन कल्याण विभाग आदि को जोड़कर कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ और सभी विभागों को उनके लक्ष्य देकर इसे आगे बढ़ाया गया तो परिणाम आज सबके सामने है। 

एईएस के मामले के लिए स्वच्छता बहुत जरूरी: सीएम योगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि एईएस (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) के मामले के लिए स्वच्छता बहुत जरूरी है। स्वच्छता के लिए विभिन्न कार्यक्रम तथा शुद्ध पेयजल के लिए हर घर नल की योजना संचालित की जा रही है। स्वच्छता के लिए ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे देश में महात्मा गांधी की जयंती पर स्वच्छाजंलि कार्यक्रम चलाया गया। यह बापू के लिए सबसे बड़ी श्रद्धाजंलि थी क्योकि स्वच्छता उनका सबसे प्रिय विषय था। उनको पता था कि गंदगी से उत्पन्न बीमारी सेे व्यक्ति की सामर्थ्य और शक्ति कमजोर हो जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सशक्त व स्वावलम्बी भारत के निर्माण के लिए स्वच्छता एक अहम मार्ग है। इसी उद्देश्य के तहत प्रधानमंत्री ने 02 अक्टूबर 2014 से स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी। इसके परिणाम स्वरूप स्वच्छता के प्रति लोगों में अद्भुत जन जागरूकता पैदा हुई है। आज प्रत्येक घर में शौचालय की उपलब्धता है। प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाकर एवं अन्य विभिन्न कार्यक्रम के द्वारा भी स्वच्छता पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने सबसे आह्वान करते हुए कहा कि स्वच्छता को सबको अपने जीवन का हिस्सा बनाना पड़ेगा।

संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के परिणाम स्वरूप यूपी में नियंत्रण में डेंगू

सीएम योगी ने कहा कि आज देश के विभिन्न राज्यों में जहा डेंगू कहर ढा रहा है। वहीं, यूपी में संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के परिणाम स्वरूप यह नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि इस अभियान में व्यापक जनजागरण के साथ-साथ आशा कार्यकत्री, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, एवं पैरामेडिकल के स्टाफ को जोड़कर स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। यदि सभी विभाग मिलकर कार्य करेंगे तो उसके अच्छे परिणाम सामने आयेंगे।

सीएम ने कहा कि संचारी रोगों पर नियंत्रण पाने के साथ ही हमें पीएम मोदी के आह्वान पर वर्ष 2025 तक टीबी को भी पूरी तरह समाप्त करना है। इसके लिए सभी जनप्रतिनिधि, चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ और आम नागरिक अपने आसपास टीबी से पीड़ित मरीज को गोद लेकर स्वास्थ्य विभाग के नेतृत्व मे चलाए जा रहे अभियान का हिस्सा बनें। इसके लिए दवा, खुराक की व्यवस्था और तमाम अन्य सुविधाएं सरकार उपलब्ध करा रही है। अगर हम उन लोगों तक सुविधा उपलब्ध करा देंगे तो यह मानवता, समाज व राष्ट्र की बहुत बड़ी सेवा होगी।

कार्यक्रम में ये रहे मौजूद

इस अवसर पर सांसद रविकिशन शुक्ल, कमलेश पासवान, महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक महेन्द्रपाल सिंह, विपिन सिंह, प्रदीप शुक्ल, एमएलसी डॉ धर्मेंद्र सिंह, सीएमओ डा आशुतोष दूबे, बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ गणेश आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे। मेडिकल कॉलेज में विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान का शुभारंभ करने के साथ ही मुख्यमंत्री ने मेडिकल कॉलेज के डेंगू वार्ड का निरीक्षण कर वहां भर्ती मरीजों से उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्राप्त की।

सीएम ने बच्चों को कराया अन्नप्राशन, गर्भवती महिलाओं की गोदभराई

बीआरडी मेडिकल कॉलेज मैं मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नन्हे-मुन्ने बच्चों को अन्नप्राशन कराया और उन्हें उपहार देकर खूब प्यार दुलार व आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने गर्भवती महिलाओं की गोदभराई की रस्म भी पूरी की और उन्हें उपहार स्वरूप पोषण किट प्रदान किया।

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