उमेश पाल के गनमैन के लिए प्रयागराज से लखनऊ तक ग्रीन कॉरिडोर; अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहते हैं
लखनऊ: विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह रहे अधिवक्ता उमेश पाल के गंभीर रूप से घायल बंदूकधारी की यात्रा को सुगम बनाने के लिए 230 किलोमीटर का ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है। गोलीबारी में उमेश पाल का एक गनमैन संदीप निषाद मारा गया, जबकि दूसरा गनमैन राघवेंद्र गंभीर रूप से घायल हो गया।
ग्रीन कॉरिडोर- राघवेंद्र की हालत बिगड़ने पर डॉक्टरों ने उन्हें संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (पीजीआई) लखनऊ रेफर कर दिया। डॉक्टरों की कड़ी निगरानी में एक विशेष एम्बुलेंस में उन्हें लखनऊ ले जाने के लिए एक ग्रीन कॉरिडोर स्थापित किया गया था।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक प्रयागराज से लखनऊ तक करीब 230 किलोमीटर का ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था। राघवेंद्र के साथ एम्बुलेंस में चार डॉक्टरों और तीन पैरामेडिकल स्टाफ की एक टीम थी, जिसे पुलिस वाहनों ने बचा लिया था। घायल बंदूकधारी को आगे के इलाज के लिए पीजीआई के आईसीयू वार्ड में ले जाया गया।
वकीलों का विरोध- उमेश पाल की हत्या के विरोध में राजधानी की अधीनस्थ अदालतों के वकीलों ने सोमवार को न्यायिक कार्य से विरत रहने का फैसला किया. उमेश पाल की हत्या से आक्रोशित राजधानी की अधीनस्थ अदालतों के अधिवक्ता सोमवार को न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। रविवार की शाम लखनऊ बार एसोसिएशन की कार्यकारिणी की अचानक हुई बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया।
सूत्रों ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान राघवेंद्र को तीन गोलियां लगीं। उसका इलाज शुरू में प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल में चल रहा था, लेकिन उसकी हालत गंभीर बनी हुई थी। डॉक्टरों से विचार-विमर्श के बाद उन्हें पीजीआई अस्पताल में स्थानांतरित करने का निर्णय पुलिस के आला अधिकारियों ने लिया।
विशेष टीमें- उमेश पाल की हत्या में शामिल हमलावरों को पकड़ने के लिए पुलिस के साथ-साथ स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की दस टीमों का गठन किया गया है। मामले की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि यूपी एसटीएफ प्रमुख अमिताभ यश सीधे तौर पर जांच की निगरानी कर रहे हैं।
शुक्रवार को प्रयागराज में जिला अदालत से घर लौटते वक्त उमेश पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को डीजीपी और प्रमुख सचिव गृह को तलब किया था।