उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि भारत की स्वदेशी औषधीय प्रणाली आयुर्वेद एक महत्वपूर्ण ऊंचाई को छूते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों के परिणामस्वरूप अब दुनिया भर में फैलने के लिए तैयार है।
योगी ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में 'अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन और प्रादेशिक आयुर्वेद सम्मेलन' के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए आयुष मंत्रालय की स्थापना की।
इस मौके पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद थीं। योगी ने महासम्मेलन के आयोजकों की सराहना करते हुए कहा कि अब देश भर के प्रमुख आयुर्वेदाचार्य प्रणाली के विभिन्न पहलुओं के साथ-साथ अपने शोधों पर चर्चा करेंगे।
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि सभी ने महामारी के दौरान आयुर्वेद के मूल्य को स्वीकार किया गया। उन्होंने कहा कि वे औषधीय पौधों की खेती के जरिए हजारों किसानों की आय बढ़ाने में भी मदद कर सकते हैं।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि प्राचीन ऋषियों और संतों ने लोगों को ठीक करने के लिए स्वदेशी औषधीय प्रणाली विकसित की है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद फिर से लोकप्रिय हो रहा है। कोविड महामारी के दौरान इसका महत्व देखा गया।
उन्होंने कहा कि आधुनिक औषधीय प्रणाली के संदर्भ में आयुर्वेदिक ग्रंथों का पुनर्मूल्यांकन आवश्यक है। केंद्र और राज्य सरकारें लोगों के लाभ के लिए पारंपरिक दवाओं को बढ़ावा देने के लिए समर्पित हैं।