ब्यूरो: Jhansi Medical College Fire: उत्तर प्रदेश के झांसी में स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार देर रात आग लगने से 10 नवजात जिंदा जल गए। आग लगने के बाद 37 बच्चों को खिड़की तोड़कर बचा लिया गया। जिस समय आग लगी, उस दौरान शिशु वॉर्ड में करीब 50 से ज्यादा बच्चे थे। आग लगते ही अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी मच गई। शिशु वार्ड के बाहर माता-पिता में चीख-पुकार मच गई।
झाँसी मेडिकल कॉलेज में दस नवजात बच्चे ज़िंदा जल गये. क्या लिखूँ इस पर..! भक्क! 😭गला फाड़-फाड़ के चिल्लाती रहती हूँ कि स्वास्थ्य-सेवाएँ सुधारों…और बदले में गालियाँ दी जाती हैं.हिंदू बचाने आये हैं ये! नीच कहीं के!#jhansimedicalcollege pic.twitter.com/ayZKU0vGjP
— Neha Singh Rathore (@nehafolksinger) November 16, 2024
आग लगने के बाद जितना भीषण नजारा अस्पताल के भीतर का था, उतना ही दर्दनाक नजारा अस्पताल के बाहर भी था। अपने मासूम बच्चों की तलाश में परिजन बिलक-बिलख कर रो रहे थे। महोबा जिले के रहने वाले कुलदीप सिंह का बेटा भी इसी अस्पताल में एडमिट था, जिसका कोई पता नहीं चल पा रहा है। कुलदीप ने बताया कि 9 नवंबर को बच्चे की डिलिवरी हुई थी, तबीयत खराब होने के कारण उसे झांसी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। जब हादसा हुआ, तो वह बच्चे की दवा लेने के लिए बाहर गया था। पत्नी ने आग लगने की जानकारी दी। जब वॉर्ड में पहुंचा, तो हर तरफ आग लगी थी। बच्चे अंदर बिलख रहे थे, हर तरफ चीख-पुकार थी। कुलदीप उन लोगों में हैं जिन्होंने वॉर्ड में भर्ती 54 बच्चों में से 5 बच्चों को खुद बचाया।
कई परिवार रोते-चीखते नजर आए। उनका कहना था, "हमारा बच्चा नहीं मिल रहा है, कहां है, कोई बता दो..." इतना बोलकर ही फिर से दहाड़े मारकर रोने लगें। एक महिला ने बताया कि जब आग लगी, तो पूरे शिशु वॉर्ड में आग फैल गई। महिला ने अपनी आंखों से 15 बच्चों को जलते हुए देखा। रोते हुए महिला ने कहा, "कुछ बच्चों को बाहर निकाला गया, कुछ को इमरजेंसी में ले गए। लेकिन हमारा बच्चा अब तक नहीं मिला। पता नहीं उसके साथ क्या हुआ।"