ब्यूरोः बाहुबली मुख्तार अंसारी की मौत की न्यायिक जांच की जाएगी। इसके लिए अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेड बांदा ने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। जांच के लिए अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेड गरिमा सिंह एमएपीएमएलए कोर्ट बांदा को जांच अधिकारी बनाया गया है। इस मामले की जांच की रिपोर्ट एक महीने में देने का आदेश दिया गया है।
बता दें मुख्तार अंसारी की बीती रात दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। इसके बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग की थी।
हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा: - थाने में बंद रहने के दौरान - जेल के…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 29, 2024
इसको लेकर अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट करके लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा:
थाने में बंद रहने के दौरान जेल के अंदर आपसी झगड़े में जेल के अंदर बीमार होने परन्यायालय ले जाते समयअस्पताल ले जाते समयअस्पताल में इलाज के दौरानझूठी मुठभेड़ दिखाकरझूठी आत्महत्या दिखाकरकिसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर
आगे उन्होंने लिखा कि ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जांच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह गैर कानूनी हैं। जो हुकूमत जिंदगी की हिफाजत न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।