रामपुरः 13 साल पुराने बहुचर्चित कारतूस कांड आया फैसला, जिला कोर्ट ने 24 दोषियों को सुनाई 10 साल की कैद
रामपुरः उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के 13 साल पुराने बहुचर्चित कारतूस कांड में जिला कोर्ट ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने सभी दोषियों को 10 साल की कैद और 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इस मामले में 24 लोग दोषी पाए गए थे, जिसमें 4 आम नागरिक, 20 जवानों शामिल हैं। सभी को जेल भेज दिया गया है।
ये है मामला
बता दें 29 अप्रैल 2010 को रामपुर में कारतूस घोटाले का यूपी एसटीएफ ने पर्दाफाश किया था। यूपी एसटीएफ ने आरोप लगाया था कि ये लोग सरकारी कारतूस नक्सलियों और आतंकवादियों को सप्लाई करते थे। इस मामले में सीआरपीएफ के दो जवानों विनोद और विनेश पासवान और यशोदानंद को भारी मात्रा में कारतूस के साथ गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उन आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया। इस दौरान मुख्य साथी यशोदानंद की एक डायरी मिली, जिससे बाकी आरोपियों का पर्दाफाश हुआ और 25 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। कोर्ट में 25 के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किए गए और 31 मई 2013 को आरोप तय किए। इसके बाद मुकदमे की सुनवाई शुरू हुई। कारतूस मामले के सुनवाई के दौरान यशोदानंद की मृत्यु हो गई थी।
वहीं, इस मामले में अभियोग की ओर से 9 गवाह पेश किए गए। गुरुवार को स्पेशल जज (ईसी एक्ट) विजय कुमार ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद 13 साल बाद सभी आरोपियों पर सरकारी कारतूस चोरी करने और आतंकवादियों व नक्सलियों को भेजने के आरोप में दोषी पाया है। इसके बाद जज ने 24 दोषियों को 10 साल की कैद और 10 हजार का जुर्माना लगाया है।
सभी दोषियों को भेजा जेल
इस मामले में रामपुर के अतिरिक्त जिला सरकारी वकील (आपराधिक) प्रताप सिंह मौर्य ने बताया कि रामपुर कारतूस कांड मामले में जिला कोर्ट ने 24 दोषियों को 10 साल की सजा सुनाई है और 10 हजार रुपये की सजा सुनाई। सभी दोषियों को जेल भेज दिया है।