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खतौली में मेरी वजह से झेलनी पड़ी भाजपा को क़रारी शिकस्त: श्रीकांत त्यागी

महिला से बदसुलूकी मामले में जेल काट चुके श्रीकांत त्यागी ने दावा किया है कि भाजपा की हार उनकी वजह से हुई है। उनका दावा है कि उनके द्वारा निकाली गई ट्रैक्टर रैली के बाद त्यागी समाज ने भाजपा को वोट नहीं दिया, जिसकी वजह से भाजपा को अपनी परंपरागत सीट को गंवाना पड़ा।

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Mohd. Zuber Khan
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खतौली में मेरी वजह से झेलनी पड़ी भाजपा को क़रारी शिकस्त: श्रीकांत त्यागी

लखनऊ/खतौली: खतौली विधानसभा उपचुनाव के नतीजे आ चुके हैं। चुनाव परिणामों में भारतीय जनता पार्टी  को क़रारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय लोक दल और आज़ाद समाज पार्टी के उम्मीदवार मदन भैया ने भाजपा की प्रत्याशी राजकुमारी सैनी को हरा दिया है। 

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चुनाव की नज़ाकत ही यही है कि इसमें हार-जीत लगी रहती है, लेकिन सियासी दलों के ज़ुबानी हमलों में कहीं कोई कमी आती नहीं दिखती। ताज़ा मामला खतौली विधानसभा से ही जुड़ा हुआ है। दरअसल अब इस मामले में श्रीकांत त्यागी का बड़ा बयान सामने आया है। श्रीकांत त्यागी ने दावा किया है कि खतौली में भारतीय जनता पार्टी उनकी वजह से खतौली विधानसभा उपचुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा है।

गौरतलब है कि महिला से बदसुलूकी मामले में जेल काट चुके श्रीकांत त्यागी ने दावा किया है कि भाजपा की हार उनकी वजह से हुई है। उनका दावा है कि उनके द्वारा निकाली गई ट्रैक्टर रैली के बाद त्यागी समाज ने भाजपा को वोट नहीं दिया, जिसकी वजह से भाजपा को अपनी परंपरागत सीट को गंवाना पड़ा।

श्रीकांत त्यागी ने दो टूक कहा है कि खतौली सीट पर त्यागी समाज अपना अहम क़िरदार निभाता रहा है। त्यागी समाज परंपरागत तौर से भाजपा का वोटर रहा है, लेकिन जिस तरह से समाज के साथ भाजपा ने दोयम दर्जे का व्यवहार किया है, उस से अब समाज का भाजपा से मोह भंग हो गया है। उन्होंने आगे कहा कि जिस त्यागी समाज को भाजपा अपना परंपरागत वोटर मानती थी, उसी त्यागी समाज ने आज खतौली उपचुनाव में भाजपा को हरवा दिया है।

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श्रीकांत त्यागी ने आगे कहा कि बड़ी तादाद में त्यागी समाज के भाजपा के कार्यकर्ताओं ने हमारे सम्मान में अपना पद तक छोड़ दिया। श्रीकांत त्यागी की मानें तो खतौली में त्यागी समाज के क़रीब 25 हज़ार मतदाता हैं। श्रीकांत त्यागी ने दावा किया है कि आज त्यागी समाज के गांवों में भाजपा का बस्ता पकड़ने वाला भी कोई नहीं है।

यही नहीं, श्रीकांत के मुताबिक़, अगर प्रशासन की तानाशाही की वजह से वोट परसेंटेज कम नहीं होती तो बीजेपी 50 हज़ार वोट से इस चुनाव को हारती।

- PTC NEWS

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