Wednesday 28th of May 2025

मुख्यमंत्री के निर्देश पर तीन दिवसीय व्यापक भ्रमण, विकास की हकीकत टटोलेगी सरकार

Reported by: Gyanendra Kumar Shukla, Editor, PTC News UP  |  Edited by: Mangala Tiwari  |  May 27th 2025 07:54 PM  |  Updated: May 27th 2025 07:54 PM

मुख्यमंत्री के निर्देश पर तीन दिवसीय व्यापक भ्रमण, विकास की हकीकत टटोलेगी सरकार

Lucknow: प्रदेश के पिछड़े विकास खण्डों को मुख्यधारा से जोड़ने और वहाँ योजनाओं के ज़मीनी असर का आकलन करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक महत्त्वपूर्ण पहल की है। मुख्यमंत्री योगी ने राज्य के सभी 108 आकांक्षात्मक विकास खण्डों में विशेष सचिव स्तर के अधिकारियों को नोडल अधिकारी के रूप में नामित करते हुए तीन दिन के स्थलीय दौरे पर भेजने के निर्देश दिए हैं। यह दौरा 30 मई से 1 जून 2025 के बीच होगा।

 

इस दौरे का मकसद साफ़ है, यह जानना कि जिन योजनाओं की घोषणा कागज़ों पर हुई थी, उनका असर ज़मीन पर कितना पड़ा है। क्या लोगों को उनका लाभ मिला है? क्या सेवाएँ समय से और गुणवत्तापूर्वक मिल रही हैं? और सबसे ज़रूरी – क्या बदलाव महसूस किया जा रहा है? नोडल अधिकारी अपने निर्धारित विकास खण्ड में पहुँचकर न केवल योजनाओं की स्थिति का मूल्यांकन करेंगे, बल्कि वहाँ की स्वास्थ्य सुविधाओं, विद्यालयों, आँगनबाड़ी केंद्रों, ग्राम सचिवालयों जैसी बुनियादी संस्थाओं में जाकर भी सुविधाओं और संसाधनों की वास्तविकता से रूबरू होंगे।

आकांक्षात्मक विकास खण्डों में होगी प्रगति की निगरानी:

 

इस व्यापक निरीक्षण से पहले, सभी नोडल अधिकारियों को 28 मई को लखनऊ स्थित योजना भवन में एक दिवसीय प्रशिक्षण और अभिमुखीकरण कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा। इस दौरान उन्हें आकांक्षात्मक विकास खण्डों में प्रगति की निगरानी, आँकड़ों की व्याख्या, डिजिटल डैशबोर्ड के माध्यम से अनुश्रवण और मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम से जुड़े पहलुओं पर जानकारी दी जाएगी। यह प्रशिक्षण उन्हें ज़मीनी सच्चाई को समझने और प्रभावी रिपोर्टिंग के लिए तैयार करेगा।

विकास कार्यों की समीक्षा:

भ्रमण के दौरान नोडल अधिकारी जिला अधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी के साथ बैठक कर विकास कार्यों की समीक्षा करेंगे। इसके साथ ही वे स्थानीय रणनीति और मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम के तहत तैनात युवाओं की रिपोर्टिंग पर भी ध्यान देंगे। योजनाओं के लिए स्वीकृत प्रोत्साहन राशि से प्रस्तावित कार्यों की भी गहराई से पड़ताल की जाएगी।

निरंतर की जा रही है निगरानी:

 

बता दें कि योगी सरकार ने मई 2022 से आकांक्षात्मक विकास खण्डों की पहचान कर उनके विकास को तेज़ी से आगे बढ़ाने का प्रयास शुरू किया था। 42 जनपदों के 108 ऐसे विकास खण्ड चिन्हित किए गए हैं, जिनकी सामाजिक और बुनियादी स्थिति को बेहतर बनाना प्राथमिकता में है। इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि, आधारभूत संरचना और सामाजिक विकास से जुड़े कुल 50 संकेतकों के आधार पर निरंतर निगरानी की जा रही है।

शासन को लगातार मिल रहा ज़मीनी फीडबैक:

 

युवाओं को नीति, क्रियान्वयन और निगरानी के कार्यों में भागीदार बनाने की दिशा में भी राज्य सरकार ने एक अभिनव पहल की है। मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम के तहत चुने गए युवाओं को इन आकांक्षात्मक विकास खण्डों में भेजा गया है, जो वहीं निवास करते हुए योजनाओं की प्रगति को न केवल ट्रैक कर रहे हैं, बल्कि अपनी रिपोर्टों के माध्यम से शासन को लगातार ज़मीनी फीडबैक भी दे रहे हैं।

 

डेल्टा रैंकिंग में सराहनीय रहा प्रदर्शन:

उत्तर प्रदेश का यह मॉडल अब राष्ट्रीय पहचान भी प्राप्त कर चुका है। नीति आयोग ने इसकी सराहना करते हुए जनवरी 2023 से पूरे देश में आकांक्षात्मक विकास खण्ड कार्यक्रम की शुरुआत की। आयोग ने देश भर से 500 विकास खण्डों का चयन किया, जिनमें उत्तर प्रदेश के 42 जनपदों के 68 विकास खण्ड शामिल हैं। डेल्टा रैंकिंग में इन विकास खण्डों का प्रदर्शन लगातार सराहनीय रहा है।

प्रदेश की विकास यात्रा को मिल रही नई दिशा:

 

मुख्यमंत्री योगी का उद्देश्य स्पष्ट है; कोई क्षेत्र विकास की दौड़ में पीछे न छूटे। यह पहल न केवल योजनाओं के क्रियान्वयन की गुणवत्ता परखने का माध्यम है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि हर घर तक विकास का लाभ समय पर पहुँचे। मुख्यमंत्री द्वारा शुरू की गई यह निगरानी यात्रा प्रदेश की विकास यात्रा को नई दिशा दे रही है।

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