UP Assembly Winter Session: सत्र में काले कपड़े पहनकर आए सपा नेता, ब्रजेश पाठक बोले- अत्यंत दुःखद घटना
ब्यूरोः आज यानी मंगलवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का पहला दिन था। शीतकालीन सत्र में भाजपा विधायक आशुतोष टंडन और 9 अन्य विधायकों के निधन पर दुख व्यक्त किया गया। वहीं, समाजवादी पार्टी के विधायक और नेताओं ने काले रंग के कपड़े पहन कर सत्र में पहुंचे थे।
आज सदन में शोक प्रस्ताव के दौरान सपा के काले मन के संक्रमित डीएनए और कुकृत्य को पूरे देश ने देखा,सदन में पहली बार किसी दल के नेता शोक प्रस्ताव में काले कपड़ों में प्रदर्शन किया है ,शोक प्रस्ताव के दौरान काले वस्त्र पहन कर प्रदर्शन करना संसदीय लोकतंत्र के लिए अत्यंत दुःखद घटना… pic.twitter.com/F5NphuFzb0
— Brajesh Pathak (@brajeshpathakup) November 28, 2023
विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सपा के विधायक काले रंग के कुर्ते पहने नजर आए। इस पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने नाराजगी जताते हुए शर्मनाक बताया है। उन्होंने आज सदन में शोक प्रस्ताव के दौरान सपा के काले मन के संक्रमित डीएनए और कुकृत्य को पूरे देश ने देखा। सदन में पहली बार किसी दल के नेता शोक प्रस्ताव में काले कपड़ों में प्रदर्शन किया है। शोक प्रस्ताव के दौरान काले वस्त्र पहन कर प्रदर्शन करना संसदीय लोकतंत्र के लिए अत्यंत दुःखद घटना है।
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के कुकृत्यों के चलते आज पूरा देश शर्मसार हुआ है। शोक प्रस्ताव के दौरान इस तरह की अतिनिंदनीय घटना आज तक नहीं हुई। सदन में सपा ने आज जो कुकृत्य किया है इसके लिए जनता माफ नहीं करेगी। प्रदेश के 24 करोड़ लोगों की तरफ से हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं।
#WATCH लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत पर विपक्ष के विधायक काले वस्त्र पहने नज़र आए। इस पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, "ये सरकार और नई नियमावली का विरोध है। लोकतंत्र को कमजोर करना चाहते हैं। जनता ने हमें चुनकर भेजा है। सरकार नहीं चाहती कि… pic.twitter.com/DV3b5LNJDU
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 28, 2023
इस अवसर पर विपक्ष के विधायक काले वस्त्र पहन कर शीतकालीन सत्र में आने पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि ये सरकार और नई नियमावली का विरोध है। लोकतंत्र को कमजोर करना चाहते हैं। जनता ने हमें चुनकर भेजा है। सरकार नहीं चाहती कि हम सरकार के सामने जनता के सवाल उठाएं इसीलिए नए नियम ला रहे हैं। हम लोकतंत्र की मर्यादा में रहकर अपने सवाल उठाएंगे।