ट्रेनों में मुफ्त यात्रा को लेकर टिकट कलेक्टरों के साथ पुलिसकर्मियों की झड़प की घटनाओं के बाद यूपी पुलिस की छवि खराब होने से यूपी के डीजीपी चिंतित हैं। डीजीपी देवेंद्र सिंह चौहान ने पूरे यूपी के जिलों के पुलिस प्रमुखों को निर्देश दिया कि वे अपने संबंधित अधिकार क्षेत्र के पुलिसकर्मियों को ट्रेनों में नियमानुसार यात्रा करने का निर्देश दें तथा दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित करें।
डीजीपी चौहान ने लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, आगरा और गाजियाबाद के सीपी और पूरे यूपी के सभी एसएसपी/एसपी/जिला पुलिस प्रमुखों और एसपी रेलवे को भेजे पत्र में कहा कि कई लाख यात्री देश के अन्य राज्यों से और यहां तक कि विदेशी भी उन ट्रेनों से यात्रा करते हैं जो यूपी से होकर गुजरती हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसा देखा गया है कि अगर कोई पुलिसकर्मी कोई अपराध करता है, तो उस कृत्य को फिल्माया जाता है और सोशल मीडिया पर अपलोड किया जाता है। इस तरह यह कई लाख लोगों तक पहुंच जाता है और यूपी पुलिस की छवि धूमिल कर देता है। डीजीपी चौहान ने उस घटना का हवाला दिया जो अमरनाथ एक्सप्रेस ट्रेन के एसी कोच में हुई थी जिसमें ट्रेन के एसी कोच में मुफ्त यात्रा करने के लिए पूछताछ करने पर टिकट कलेक्टर के साथ पुलिस की तीखी बहस हुई थी।
उन्होंने कहा कि इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और इससे जुड़ी खबर भी अखबार में छपी। यूपी पुलिस प्रमुख ने कहा कि इन घटनाओं ने यूपी सरकार और यूपी पुलिस की छवि को धूमिल किया है जो सबसे बड़ी ताकतों में से एक है। पुलिस अपने त्रुटिहीन अनुशासन और गौरवशाली अतीत के लिए जानी जाती है।
डीजीपी चौहान ने कहा कि राज्य सरकार सरकारी काम पर जाने वाले पुलिसकर्मियों को यात्रा भत्ता देती है और वहां पुलिसकर्मियों की जिम्मेदारी होती है कि वे गरिमापूर्ण व्यवहार करें। पुलिसकर्मियों को इस तरह से कार्य नहीं करना चाहिए जिससे पुलिस की छवि खराब हो।