ब्यूरोः बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव पर हमला किया है। अखिलेश ने बसपा के इंडिया अलायंस में आने के सवाल पर भरोसे के संकट का जिक्र किया. माना जा रहा है कि बसपा चीफ, अखिलेश की इस टिप्पणी से काफी नाराज हैं.
1. अपनी व अपनी सरकार की ख़ासकर दलित-विरोधी रही आदतों, नीतियों एवं कार्यशैली आदि से मजबूर सपा प्रमुख द्वारा बीएसपी पर अनर्गल तंज़ कसने सेे पहले उन्हें अपने गिरेबान में भी झांँककर जरूर देख लेना चाहिए कि उनका दामन भाजपा को बढ़ाने व उनसे मेलजोल के मामले में कितना दाग़दार है।
— Mayawati (@Mayawati) January 7, 2024
अखिलेश यादव के बयान पर बसपा चीफ ने लिखा कि अपनी व अपनी सरकार की खासकर दलित-विरोधी रही आदतों, नीतियों एवं कार्यशैली आदि से मजबूर सपा प्रमुख द्वारा बीएसपी पर अनर्गल तंज़ कसने सेे पहले उन्हें अपने गिरेबान में भी झांंककर जरूर देख लेना चाहिए कि उनका दामन भाजपा को बढ़ाने व उनसे मेलजोल के मामले में कितना दाग़दार है।
2. साथ ही, तत्कालीन सपा प्रमुख द्वारा भाजपा को संसदीय चुनाव जीतने से पहले व उपरान्त आर्शीवाद दिए जाने को कौन भुला सकता है। और फिर भाजपा सरकार बनने पर उनके नेतृत्व से सपा नेतृत्व का मिलना-जुलना जनता कैसे भूला सकती है। ऐसे में सपा साम्प्रदायिक ताकतों से लडे़ तो यह उचित होगा।
— Mayawati (@Mayawati) January 7, 2024
इसके साथ एक्स पर पोस्ट करते हुए मायावती ने लिखा कि 2. साथ ही, तत्कालीन सपा प्रमुख द्वारा भाजपा को संसदीय चुनाव जीतने से पहले व उपरान्त आर्शीवाद दिए जाने को कौन भुला सकता है। और फिर भाजपा सरकार बनने पर उनके नेतृत्व से सपा नेतृत्व का मिलना-जुलना जनता कैसे भूला सकती है। ऐसे में सपा साम्प्रदायिक ताकतों से लडे़ तो यह उचित होगा।
बता दें शनिवार को बलिया में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मायावती पर बड़ी टिप्पणी की थी। सपा प्रमुख ने बसपा अध्यक्ष मायावती के ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल होने पर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि मायावती पर इंडिया अलायंस में आने के सवाल पर भरोसे के संकट की बात कही थी।