Sunday 24th of November 2024

UP News: गंगा समेत यूपी की नदियों में बढ़ रहा डॉल्फिन मछलियों का कुनबा, 4000 पहुंचा आंकड़ा

Reported by: PTC News उत्तर प्रदेश Desk  |  Edited by: Rahul Rana  |  May 23rd 2024 03:10 PM  |  Updated: May 23rd 2024 03:10 PM

UP News: गंगा समेत यूपी की नदियों में बढ़ रहा डॉल्फिन मछलियों का कुनबा, 4000 पहुंचा आंकड़ा

 ब्यूरो: गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए नमामि गंगे मिशन द्वारा किए जा रहे अभूतपूर्व प्रयासों के फलस्वरूप गंगा नदी में डॉल्फिन का कुनबा बढ़ रहा है। विशेषज्ञ इसे पर्यावरण के लिए अच्छा संकेत बता रहे हैं। इससे पता चलता है कि गंगा में डॉल्फिन को अनुकूल वातावरण मिल रहा है और गंगा का पानी भी साफ है। आने वाले समय में डॉल्फिन की संख्या और बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है। भारतीय वन्यजीव संस्थान के मुताबिक, इस समय गंगा और उसकी सहायक नदियों में लगभग 4000 डॉल्फिन मौजूद हैं। 

अकेले गांगेय डॉल्फिन की संख्या 2000 तक पहुंची  

एक अनुमान के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में गांगेय डॉल्फिन की संख्या 2000 तक होने की उम्मीद है, जोकि भारत में पाई जाने वाली कुल गांगेय डॉल्फिन की संख्या का आधे से अधिक है। ऐसे में इनके संरक्षण और संवर्धन की सर्वाधिक जिम्मेदारी भी उत्तर प्रदेश की ही बनती है। इसके मद्देनज़र उत्तर प्रदेश ने राज्य के लिए नई पर्यटन नीति लागू कर चंबल सेंचुरी में डॉल्फिन सेंचुरी क्षेत्र की घोषणा की थी। आज चंबल क्षेत्र में लगभग 111 डॉल्फिन की मौजूदगी दर्ज की गई है। 

गंगा की निर्मलता और अविरलता में होगी वृद्धि

मालूम हो कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्रोजेक्ट डॉल्फिन की घोषणा किए जाने के बाद आम लोगों में इस अनोखे और दुर्लभ स्तनपायी जीव के प्रति उत्सुकता बढ़ी है। दूसरा पहलू यह भी है कि एक बड़ी आबादी अभी इस करिश्माई मेगा-फौना से अपरिचित है। इसलिए गांगेय डॉल्फिनों के संरक्षण से न केवल इस प्रजाति के संरक्षण को लेकर जागरूकता आएगी बल्कि गंगा की निर्मलता और अविरलता के प्रयासों को भी बल मिलेगा। 

2030 तक गांगेय डॉल्फिन की आबादी में स्थिरता लाने का लक्ष्य

नमामि गंगे की योजनाओं में जागरूकता और जनभागीदारी मुख्य बिंदु हैं। इस आधार पर वर्ष 2030 तक गांगेय डॉल्फिन की आबादी में स्थिरता लाने और अधिक खतरे वाली प्रजातियों की संख्या दोगुनी करने का लक्ष्य रखा गया है। इस कवायद में स्वच्छ गंगा मिशन ने राज्य सरकारों, विशेषज्ञों, गैर सरकारी संगठनों और स्थानीय लोगों से बेहतर तालमेल बनाने में सफलता पाई है। नमामि गंगे परियोजना के प्रदूषण कम करने के उपायों, आर्द्र भूमि के बचाव और प्रवाह बेहतर करने की पहलों से गांगेय डॉल्फिनों की आबादी को उपयुक्त पर्यावास मिला है। उल्लेखनीय है कि नदी डॉल्फिन  भारतीय उपमहाद्वीप की अतिविशेष मेगा-फौना है, जिसे वैश्विक स्तर पर लुप्तप्राय की श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है। भारत में इसे संरक्षित किया जा रहा है। अपेक्षाकृत गंगा और उसकी रामगंगा, यमुना, गोमती, घाघरा, राप्ती, सोन, गंडक, चंबल और कोसी में इनकी बहुलता है।

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