Sunday 19th of January 2025

Gyanvapi Dispute: ज्ञानवापी विवाद पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला, मुस्लिम पक्ष की सभी याचिकाएं की खारिज

Reported by: PTC News उत्तर प्रदेश Desk  |  Edited by: Deepak Kumar  |  December 19th 2023 10:35 AM  |  Updated: December 19th 2023 12:43 PM

Gyanvapi Dispute: ज्ञानवापी विवाद पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला, मुस्लिम पक्ष की सभी याचिकाएं की खारिज

प्रयागराज/लखनऊ/जय कृष्णा: वाराणसी के ज्ञानवापी विवाद से जुड़े मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को अहम फैसला सुनाया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पोषणीयता और एएसआई सर्वे के मामले पर मुस्लिम पक्ष की पांचो आपत्तियों को खारिज कर दिया। इस फैसले के बाद जिला कोर्ट वाराणसी में 1991 में दाखिल अर्जियों पर सुनवाई का रास्ता साफ हो गया है। साल 1991 में दायर किए गए मूल वाद के ट्रायल को मंजूरी मिल गई है।

6 महीने में मुकदमे की सुनवाई पूरी करने का आदेश

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वाराणसी के जिला न्यायालय को 6 महीने में मुकदमे की सुनवाई पूरी करने का भी आदेश दिया है। एएसआई सर्वेक्षण के मामले में भी कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया। अब तक किए गए एएसआई के सर्वे को ही मान्य माना जाएगा। यदि किसी अन्य सर्वे की आवश्यकता होगी, तो हिंदू पक्ष को न्यायालय में अर्जी देनी होगी। 

जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच ने सुनाया फैसला

ज्ञानवापी विवाद से जुड़े मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में यह फैसला जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच ने सुनाया है। इस मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद हाईकोर्ट ने 8 दिसंबर को अपना फैसला रिजर्व कर लिया था। मामले से जुड़ी तीन याचिकाएं 1991 में ज्ञानवापी केस की पोषणीयता से जुड़ी हुई थी। जिन्हें वाराणसी की जिला अदालत में दाखिल किया गया था। जबकि अन्य दो अर्जियां एएसआई के सर्वेक्षण आदेश के खिलाफ दाखिल की गई थी। 

ये है पूरा मामला

भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान के वाद मित्रों की तरफ से वाराणसी की अदालत में 1991 में दाखिल मुकदमों में विवादित परिषद हिंदुओं को सौंपे जाने और वहां पूजा अर्चना की इजाजत दिए जाने की मांग की गई थी। वाराणसी की जिला अदालत में साल 1991 में सोमनाथ व्यास, रामनारायण शर्मा और हरिहर पांडे की ओर से मुकदमे दाखिल किए गए थे। मुस्लिम पक्ष की दलील थी, कि 1991 के प्लेसेज ऑफ वर्सिप एक्ट के तहत विश्वेश्वर के मुकदमे की सुनवाई नहीं की जा सकती। जिस पर हिंदू पक्ष की ओर से दलील दी गई, कि यह विवाद आजादी से पहले का है। ज्ञानवापी विवाद में प्लेसेज ऑफ वर्सिप एक्ट लागू नहीं होगा। मुस्लिम पक्ष की तरफ से ज्ञानवापी मस्जिद की इंतजामियां कमेटी की तीन और यूपी सुन्नी सेंट्रल वफ्फ बोर्ड की दो याचिकाओं पर कोर्ट ने फैसला सुनाया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 8 दिसंबर को चौथी बार अपना जजमेंट रिजर्व किया था।

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