Friday 22nd of November 2024

UP News: योगी सरकार ने रबी फसलों के लिए रखा 448 लाख मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य

Reported by: PTC News उत्तर प्रदेश Desk  |  Edited by: Deepak Kumar  |  October 07th 2023 10:53 AM  |  Updated: October 07th 2023 10:53 AM

UP News: योगी सरकार ने रबी फसलों के लिए रखा 448 लाख मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य

लखनऊ: खरीफ फसलों की खरीद के लिए जारी तैयारियों के बीच योगी सरकार ने आगामी रबी सीजन में खाद्यान्न तथा तिलहनी फसलों के उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए रणनीति तैयार कर ली है। रबी सीजन 2022 में जहां 136.06 लाख हेक्टेयर भूमि आच्छादित थी और 427.83 लाख मीट्रिक टन का उत्पादन हुआ। वहीं, आगामी रबी 2023 में खाद्यान्न एवं तिलहनी फसलों के अन्तर्गत 134.85 लाख हेक्टेयर क्षेत्र पर बोआई और 448.66 लाख मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।

सरकार द्वारा तैयार रबी उत्पादन 2023 फसल उत्पादन रणनीति में कुल खाद्यान्न उत्पादन के 428.77 लाख मीट्रिक टन एवं तिलहन उत्पादन के 19.90 लाख मीट्रिक टन (खाद्यान्न एवं तिलहन के कुल उत्पादन 448.66 लाख मीट्रिक टन) के लक्ष्य के सापेक्ष गेहूं, जौ, मक्का, चना, मटर, मसूर, राई सरसों, तोरिया, अलसी के लिए अलग-अलग लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है।

फसल सघनता में वृद्धि

कृषकों की आय बढ़ाने के साथ ही सरकार का फोकस उत्पादकता और उत्पादन को बढ़ाने तथा उत्पादन लागत को कम करने पर भी है। फसल सघनता में वृद्धि के लिए किसानों को साल में दो या तीन फसल लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है तो खरीफ में बुआई से खाली खेतों में तोरिया अथवा लाही की बुआई के लिए जागरूक किया जाएगा। वहीं, जिन क्षेत्रों में गन्ना की खेती हो रही है, वहां गन्ने से खाली होने वाले खेतों तथा शीघ्र पकने वाली अरहर से खाली खेतों में देरी की दशा में बोई जाने वाली गेहूं की प्रजातियों की बुआई को भी सरकार प्रोत्साहित कर रही है। देवरिया, कुशीनगर, गोंडा, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती, बलिया, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, आजमगढ़, बस्ती, बाराबंकी, अयोध्या, सीतापुर खीरी और जौनपुर, जहां मक्का की खेती होती है वहां संकर मक्का की खेती के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है। इसी तरह उत्पादकता में वृद्धि के लिए न्यूनतम उत्पादकता वाले ब्लॉक के संबंध में खास रणनीति भी तैयार की जाएगी।

उत्पादकता में वृद्धि

क्षेत्रफल की दृष्टि से देश में सर्वाधिक क्षेत्र में गेहूँ की खेती उत्तर प्रदेश में की जाती है। जलवायविक भिन्नताओं, संसाधनों की कमी, कृषि निवेशों के असंतुलित प्रयोग तथा उन्नत तकनीक का पूरा लाभ न लेने के कारण प्रदेश में गेहूं की उत्पादकता पंजाब एवं हरियाणा की अपेक्षा कम है। प्रदेश के विभिन्न जनपदों की विभिन्न फसलों की उत्पादकता में भी भारी अंतर है। उत्पादकता वृद्धि के लिए न्यूनतम उत्पादकता वाले ब्लाक/न्याय पंचायत के सम्बन्ध में भी समुचित रणनीति बनाकर त्वरित क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने हेतु जनपद स्तर पर उत्पादकता बढ़ाने के लिए विभिन्न फसलों की ब्लाक/न्याय पंचायतवार उत्पादकता को आधार मानकर योजनाएं बनाकर सघन पद्धतियों को लागू करने की योजना है।

क्षेत्रीय अनुकूलता तथा उपलब्ध संसाधनों के आधार पर फसलों एवं प्रजातियों का चयन कर कृषि की उन्नत प्राविधिकी का प्रयोग कर उत्पादकता में वृद्धि करने के लिए जनपद पर समुचित रणनीति तैयार की जा रही है। उत्तर प्रदेश यही नहीं, पावर कारपोरेशन, सिंचाई विभाग एवं नलकूप विभाग को स्पष्ट निर्देश है कि फसल उत्पादन के समय बिजली की आपूर्ति, नहरों में रोस्टर के अनुसार पानी चलने, सरकारी नलकूपों को कार्यरत रखा जाए। बीज शोधन के उपरान्त ही बीज की बुआई के लिए कृषकों को प्रेरित किया जाय। सूक्ष्म पोषक तत्व का प्रयोग मृदा परीक्षण के उपरान्त करना अत्यन्त लाभकारी सिद्ध होता है। ऐसे में इस पर विशेष बल दिया जाएगा।

PTC NETWORK
© 2024 PTC News Uttar Pradesh. All Rights Reserved.
Powered by PTC Network