Friday 22nd of November 2024

UP News: संस्कृति उत्सव के माध्यम से प्रदेश में प्रतिभाओं की खोज करेगी योगी सरकार

Reported by: PTC News उत्तर प्रदेश Desk  |  Edited by: Deepak Kumar  |  December 07th 2023 05:50 PM  |  Updated: December 07th 2023 05:50 PM

UP News: संस्कृति उत्सव के माध्यम से प्रदेश में प्रतिभाओं की खोज करेगी योगी सरकार

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में संगीत की समृद्ध परंपरा रही है। गायन, वादन, नृत्य और नाट्य की समस्त विधाओं में उत्तर प्रदेश के पारंगत कलाकारों ने देश और दुनिया में भारतीय संगीत को उच्च स्थान दिलाया है। उत्तर प्रदेश के उभरते कलाकारों और समस्त विधाओं के संरक्षण एवं प्रचार प्रसार के लिए योगी सरकार 25 दिसंबर से 26 जनवरी 2024 तक हमारी संस्कृति हमारी पहचान सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन करने जा रही है।

महोत्सव की शुरुआत गांव, पंचायत, ब्लॉक एवं तहसील स्तर के कलाकारों की प्रतियोगिता से होगी, जबकि समापन समारोह उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर 24-26 जनवरी 2024 के मध्य लखनऊ में किया जाएगा, जिसमें विजेता प्रतिभागियों को मेडल, प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर पुरस्कृत किया जाएगा। इस आयोजन के उद्देश्य उत्तर प्रदेश की प्रतिभाओं की खोज के साथ शास्त्रीय, उपशास्त्रीय संगीत, लोक संगीत तथा लोक नाट्य की विभिन्न विधाओं से परिचित कराना है। इसके अतिरिक्त लोक संगीत की समृद्धशाली परंपरा के संरक्षण एवं संवर्धन के साथ शास्त्रीय एवं लोक संगीत की पृष्ठभूमि में उत्तर प्रदेश के सभी अंचलों में ऐसे कलाकारों की पहचान कर उन्हें उनकी योग्यतानुसार मंच प्रदान करना है। गांव और ब्लॉक से लेकर राज्य स्तर पर होंगी प्रतियोगिताएं

संस्कृति उत्सव 2023 की प्रस्तावित समय सारणी के अनुसार 25 से 30 दिसंबर 2023 तक तहसील मुख्यालयों में गांव, पंचायत, ब्लॉक एवं तहसील स्तर के कलाकारों की प्रतियोगिता का आयोजन होगा। वहीं एक जनवरी से 5 जनवरी 2024 के मध्य जनपद मुख्यालयों में तहसील स्तर के चयनित कलाकारों की प्रतियोगिता का आयोजन होगा। 10 से 15 जनवरी 2024 तक मंडलीय मुख्यालय में जनपद स्तर के चयनित कलाकारों के बीच मुकाबला होगा, जबकि 20 से 21 जनवरी 2024 तक राजधानी मुख्यालय यानी लखनऊ में मंडल स्तर के चयनित कलाकारों की प्रतियोगिता होगी।

23 जनवरी 2024 को लखनऊ में संपन्न प्रतियोगिता के विजयी प्रतिभागियों का उत्तर प्रदेश पर्व में प्रतिभाग के लिए पूर्वाभ्यास होगा, जबकि 24 से 26 जनवरी 2024 तक उत्तर प्रदेश पर्व के अवसर पर अंतिम रूप से चयनित सभी प्रतिभागियों की प्रस्तुतियां, सम्मान एवं पुरस्कार समारोह का आयोजन किया जाएगा। गांव, पंचायत, ब्लॉक एवं तहसील स्तर पर तहसीलदार प्रभारी होंगे, जबकि तहसील स्तर के चयनित कलाकारों की प्रतियोगिता के लिए उपजिलाधिकारी, जनपद स्तर की प्रतियोगिता में मुख्य विकास अधिकारी, मंडल स्तर पर अपर आयुक्त प्रशासन प्रभारी होंगे। पोर्टल के माध्यम से होगा रजिस्ट्रेशन

संस्कृति उत्सव को लेकर सरकार की ओर से दिशा निर्देश दे दिए गए हैं। इसके अनुसार सुगम पंजीकरण के लिए पोर्टल तैयार करने को कहा गया है। विलंब से आने वाले इच्छुक व्यक्तियों के लिए ऑफलाइन और ऑन द स्पॉट रजिस्ट्रेशन का विकल्प मुहैया कराने, प्रतिभागियों की समस्याओं का तत्काल व प्रभावी निवारण, प्रतिभागियों को निर्धारित नियम एवं शर्तों से अवगत कराते हुए ब्लॉक, जनपद स्तर पर सहभागिता सुनिश्चित करना होगा। इसके अलावा डेली बुलेटिन में क्षेत्रवार, श्रेणीवार, प्रतियोगियों, प्रतियोगिता व आयोजनों में सम्मिलित होने वाले गणमान्य व्यक्तियों की जानकारी प्रदान करना होगा। एकल गायन के लिए 5 1 मिनट, समूह गायन के लिए 5-8 मिनट, एकल नृत्य के लिए 5 1 मिनट (रिकॉर्डेड संगीत मान्य नहीं), समूह नृत्य के लिए 5-8 मिनट (रिकॉर्ड संगीत मान्य नहीं), एकल वादन के लिए 5 1 मिनट और समूह वादन के लिए 6-10 मिनट का समय मिलेगा। प्रतिभागियों के लिए नियम एवं शर्तें

सभी प्रतिभागियों को उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए, जिसके लिए प्रतिभागी का आधार कार्ड मानक होगा। प्रतियोगिता में प्रतिभाग के लिए संबंधित जनपद का निवासी अपने ही जनपद के प्रतियोगिता स्थलों पर प्रतिभाग कर सकता है। एक प्रतिभागी केवल एक ही विधा में प्रतिभाग कर सकता है। सभी कलाकारों को संगत कलाकार व वाद्य यंत्रों की व्यवस्था स्वयं करनी होगी। देश भक्ति गीत, लोकगीत, लोकनृत्य, जनजातीय नृत्य एवं लोकवाद्य में केवल समूह प्रस्तुतियां होंगी। अन्य सभी विधाओं में सिर्फ एकल प्रस्तुतियां होंगी। सभी प्रतिभागी कलाकार एकल प्रस्तुति के अतिरिक्त सिर्फ एक समूह प्रस्तुति में भाग ले सकते हैं।

प्रतिभागी कलाकारों के साथ संगत कर रहे संगतकार एक से अधिक दल के साथ संगत कर सकते हैं, लेकिन एक ही दल के साथ संगत करने वाले दलनायक प्रस्तावित विधाओं के अतिरिक्त कोई अन्य प्रस्तुति मान्य नहीं होगी। शास्त्रीय नृत्य एवं लोकनृत्य में उस विधा से संबंधित मान्य वेशभूषा अनिवार्य है। समूह प्रस्तुतियों के लिए भी गणवेश अनिवार्य है। किसी राजनीतिक दल, धर्म, संप्रदाय, जाति या व्यक्ति की भावनाओं को आहत करने वाली प्रस्तुतियां पूरी तरह प्रतिबंधित होंगी।

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