बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा प्रदेश, 1600 मेगावाट की नई थर्मल परियोजना से मिलेगा सस्ती बिजली
ब्यूरो: UP NEWS: मंगलवार को योगी सरकार की कैबिनेट बैठक में सरकार ने राज्य में 1600 मेगावाट की नई ताप विद्युत परियोजना को मंजूरी दे दी, जो ऊर्जा स्वतंत्रता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह परियोजना राज्य को 1500 मेगावाट बिजली उपलब्ध कराएगी। इसकी खासियत यह है कि बिजली की दरें महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्यों की तुलना में कम हैं, साथ ही यह अन्य सार्वजनिक और निजी पहलों की तुलना में कम खर्चीली भी है।
DBFOO (डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ओन एंड ऑपरेट) मॉडल इस परियोजना की नींव के रूप में काम करेगा, जिसका अर्थ है कि इसे बनाने वाली फर्म आवश्यक पर्यावरण, जल और भूमि परमिट प्राप्त करने का काम संभालेगी। सरकार की तरफ से सिर्फ कोयले की आपूर्ति तय की जाएगी। इस मॉडल से राज्य पर वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा और बिजली की उपलब्धता की गारंटी होगी।
अडानी पावर लिमिटेड को सबसे सस्ती कीमत पर बिजली देने का मौका दिया गया
अडानी पावर लिमिटेड ने सरकार द्वारा बुलाई गई बोली प्रक्रिया के दौरान सबसे कम कीमत, 5.383 रुपये प्रति यूनिट रखी। इसके बाद निगम ने आगामी वार्ताओं में अपने टैरिफ कम कर दिए, जिससे राज्य सरकार को अगले 25 वर्षों में लगभग 2958 करोड़ रुपये की बचत हुई। अडानी पावर नई परियोजना के तहत 3.727 रुपये प्रति यूनिट की निर्धारित दर पर ऊर्जा प्रदान करेगी, साथ ही 1.656 रुपये प्रति यूनिट का ईंधन शुल्क भी देना होगा। राज्य की कई मौजूदा पहलों की तुलना में, ये दरें काफी सस्ती हैं।
2030-31 में होगी बिजली की भारी मांग, योगी सरकार जुटी तैयारियों में
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण का अनुमान है कि वित्तीय वर्ष 2033-2034 तक उत्तर प्रदेश को 10,795 मेगावाट अधिक तापीय ऊर्जा की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, नवीकरणीय ऊर्जा के तहत 23,500 मेगावाट की योजना बनाई गई है, जिसमें जल, पवन और सौर बिजली शामिल है। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने पहले ही चेतावनी दी थी कि 2029-2030 में राज्य की 24 घंटे बिजली की मांग को पूरा करना चुनौतीपूर्ण होगा। यह परियोजना भविष्य में बिजली कटौती को रोकने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए बनाई गई थी।