वाराणसी: मोक्षदायिनी गंगा के किनारे अस्सी से फावड़ा और बनारस की गली में झाड़ू लगाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को स्वच्छता का संदेश दिया था, जो अब जनान्दोलन बन गया है। योगी सरकार ने इस अभियान को आगे बढ़ाया और इसे आधुनिकता से जोड़कर धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक नगरी काशी की सफाई व्यवस्था को इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर से जोड़ दिया, जिससे पूरे कचरा प्रबंधन की निगरानी कमांड सेंटर से होने लगी। इसके कारण घाटों, गलियों और मुख्य सड़कें अब चमकती हुई दिखने लगी है।
वाराणसी में रखा जा रहा सफाई का विशेष ध्यान
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शहरों को खूबसूरत, साफ-सफाई सुविधायुक्त और जनता के लिए सुगम बनाने का प्रबंधन निखार ला रहा है। वाराणसी नगर निगम के नगर स्वास्थ्य अधिकारी नरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए 6000 से अधिक लोगों की टीम सुबह से ही सफाई और डोर-टू-डोर कचरा इकट्ठा करती है और उसे प्रोसेसिंग प्लांट तक ले जाती है। इस पूरे प्रबंधन की निगरानी काशी इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर से की जाती है। यहां 130 बायोमेट्रिक डिवाइस से कर्मचारियों की हाजिरी ली जाती है।
रोजाना से वाराणसी में इतना टन निकलता है कचरा
20 कचरा घरों का 433 कैमरे से 174 लोकेशन पर भी नजर रखा जाता है। 270 जीपीएस युक्त कूड़ा गाड़ियों को ट्रैक किया जाता है। 902 वॉल्यूम सेंसर और अन्य स्रोतों से शहर से उठने वाले कचरा की मात्रा का पता चलता है। वाराणसी में करीब 700-800 टन कचरा रोजाना निकलता है। मैकेनाइज रोड क्लीनिंग मशीन से सड़कों की सफाई होती है। डस्ट को खत्म करने के लिए पानी का छिड़काव होता है। इसके अलावा 235 पब्लिक और कम्युनिटी शौचालय सफाई का भी ध्यान रखा जाता है।
स्वच्छ भारत मिशन बना जन आन्दोलन
9 सालों से चल रहा स्वच्छ भारत मिशन जन सहभागिता से एक जन आन्दोलन का रूप ले लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विकास के साथ ही शहर को स्वच्छ रखने पर भी विशेष ध्यान दिए हुए हैं।